प्रेम वैराग्य है

प्रेम साहस पैदा करता है। जहां प्रेम होगा वहां साहस और निडरता होगी। जहां भय होगा,जहां भ्रम होगा वहां कुछ और हो सकता है किंतु प्रेम कभी नहीं हो सकता। जहां चोरी का भाव हो जहां हीनता का भाव हो ,वहां प्रेम नहीं हो सकता।
प्रेम तो सत्य है,शिव है,सुंदर है। प्रेम तो विराट है,वैराग्य है। मुक्ति का मार्ग है जो भक्ति की वीथियों से गुजरता है।