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31 Dec 2024 · 1 min read

ये साल भी मेरी यादों की गठरी समेटे हमसे विदा लेने को है। सपन

ये साल भी मेरी यादों की गठरी समेटे हमसे विदा लेने को है। सपने पूरे नही हुए, ख्वाहिश अधूरे रह गए, हर लम्हे ने हमें कुछ नया सिखाया।चलो उन चन्द पलों को संभालें, ग़लतियों ने हमे सीखे सिखाया।चलो एक नये अंदाज और नये जोश मे हम पुराने को अलविदा करें नये को आजमायें।अपने सपनों को हासिल करें। # स्वरा कुमारी आर्या ✍🏻

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