Posts Tag: बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Manissha Gupta 18 Jan 2017 · 1 min read बेटियां ( क्यों ओ बाबुल ) बेटियां ( क्यों ओ बाबुल ) क्या खता है ओ बाबुल मेरी जो मुझे कोख में ही मार देते हो क्या मैं तेरा अंश नहीं ? या मुझे यूँही दुत्कार... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 781 Share Vivek Sharma 18 Jan 2017 · 1 min read बिटिया प्यारी उजियारा लेकर के आई अँधेरे इस जीवन में, बहुत ख़ुशी थी घर पे सबको, था उल्लास भरा सबके मन में लोग न जाने फिर भी क्यूँ बेटो पे ही खुश... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Omendra Shukla 18 Jan 2017 · 1 min read "बेटियाँ पराया धन होती है ||” “नन्हे-नन्हे क़दमों से घुटनों के बल तेरा चलके आना बैठ गोंद में मेरी फिर चंचलता अपनी फैलाना , अपने नन्हे-नन्हे हाथो से चेहरे पे थपकियाँ देना कान पकड़ना ,नाक नोचना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 570 Share ओम प्रकाश शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read पूछें तुमसे एक प्रश्न माँ पूछें तुमसे एक प्रश्न माँ तेरा न्याय बता कैसा जी न सकें क्यों हम भी भैया जीवन जीए जैसा। वे आए तेरी कोख में तो क्या सौगात लेकर आए मैंने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 5 759 Share Shravan Sagar 17 Jan 2017 · 1 min read बेटी $ बेटी का आँगन $ एक सफर, जिसकी शुरुआत होने को है। अग्नि को साक्षी मानकर, सात फेरों से होते हुये... सात जन्मों का बंधन। हर फेरे में, साथ जीने... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 599 Share रमा प्रवीर वर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियां घर में खुशियों की पहचान हैं बेटियां अपनी दहलीज का मान हैं बेटियां .. कोख में मार देना कभी मत इन्हें रूप की जैसे भगवान है बेटियां .. मन की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Beena Lalas 17 Jan 2017 · 1 min read नव रूप.....बेटियाँ माँ अम्मा या हो आई हर रूप में बेटी समाई बेटी बनकर दुर्गा आई झाँसी की रानी वो लक्ष्मी बाई परम रुद्राणि परम ब्रह्माणि सत्यता की आकाश वाणी रह गये... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 2k Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ जमा कर पैर रखना राह कंकडों से सभलना है अकेले जिन्दगी की इस डगर पर आज बढ़ना है बड़े ही लाड़ से जो बेटियाँ पलती पिता की जब सिखा देना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 74 1k Share Sajan Murarka 17 Jan 2017 · 1 min read विदाई विदाई की अब बजने को है शहनाई विरह के सायों में यादो की परछाई हर एक लम्हा ;हर एक स्पन्दन वियोग के सुरों में ह्रदय का रुदन न कर पाऊं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 635 Share शालिनीपंकज दुबे 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियां कहते है दो कुलों को जोड़ती है बेटियां मुश्किलो को अक्सर तोड़ती है बेटियां। त्याग और समर्पण की मूर्ति होती है बेटियां मायका और ससुराल को प्रेम से सींचती है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share बसंत कुमार शर्मा 17 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश क्या परदेश में भी, छा रहीं हैं बेटियाँ हर ख़ुशी को आज घर में, ला रहीं हैं बेटियाँ बाग हमने जो लगाये, थे यहाँ पर देख लो फूल सबमें... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 700 Share Dr. Nisha Mathur 17 Jan 2017 · 1 min read काहे को ब्याहे महतारी ? सौंधी माटी की खुश्बू को यूं चाक चाक ढल जाने दो, छोटी सी कच्ची है गगरिया, तन को तो पक जाने दो। मधु स्मृतियों के बीच पनपते बचपन को खिल... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 1k Share विजय कुमार सिंह 17 Jan 2017 · 2 min read जननी जन्म से वंचित क्यों ? दोहा गर्भ में नहीं मारिये, जगजननी का रूप I बिटिया घर को सींचती, पीहर सासुर कूप II चौपाई खुशियां मिली झूमना चाहूँ I गर्भ से नभ चूमना चाहूँ II मानव... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 647 Share Dushyant Kumar Patel 17 Jan 2017 · 1 min read "जग स्तंभ सृष्टि है बिटिया " यहाँ अजन्मी मर जाती है, क्यों माँ कि कोख में बिटिया| देवी का अनूप रुप है, जग स्तंभ सृष्टि है बिटिया | संस्कार धरोहर आन शान, रीत प्रीत धन है... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 530 Share Bijender Gemini 17 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी - मेरा वैभव कविता मेरी बेटी - मेरा वैभव - बीजेन्द्र जैमिनी मेरी बेटी मेरी शान मेरी आनबान मेरी है पहचान मेरी बेटी - मेरा वैभव मेरी बेटी परिवार की शान परिवार की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 3 1 673 Share Upasna Siag 16 Jan 2017 · 1 min read सारे रंग बेटियों से ही तो हैं... आँखे बंद करके सोचा जब तुझे , तो बहुत ही करीब पाया ... छोटे - छोटे,नर्म -मुलायम , हाथों को अपने चेहरे के करीब पाया ... फूलों की पंखुड़ी से... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 468 Share कमल शर्मा 16 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ माँ का साया है तो बेटी बाप का गुरूर है ! शान है ससुराल की तो मायके का नूर है !! आज के इस दौर में बेटा बेटी एक से,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 687 Share Neeraj Purohit 16 Jan 2017 · 1 min read बेटियां बेटियाँ ~~~||||~~~ मापनी--212 212 212 212 समान्त--अती पदान्त--बेटियाँ ************************* वक्त से कीर्तियां खोजती बेटियाँ। फर्ज रिश्ते सभी सींचती बेटियाँ। भाल ऊँचा किया कर्म से है सदा, साधकर लक्ष्य को भेदती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 325 Share सतीश तिवारी 'सरस' 16 Jan 2017 · 1 min read नवनीत है बेटी छंद-ग़ज़ल अरु गीत है बेटी, प्यार भरा संगीत है बेटी. दुःख-दर्दों में साथ निभाये, माँ की सच्ची मीत है बेटी. पूत कपूत भले हो लेकिन, बाँटे हरदम प्रीत है बेटी.... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 761 Share रवीन्द्र सिंह यादव 16 Jan 2017 · 2 min read मैं वर्तमान की बेटी हूँ बीसवीं सदी में, प्रेमचंद की निर्मला थी बेटी, इक्कीसवीं सदी में, नयना / गुड़िया या निर्भया, बन चुकी है बेटी। कुछ नाम याद होंगे आपको, वैदिक साहित्य की बेटियों के-... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1 745 Share डॉ.सतगुरु प्रेमी 16 Jan 2017 · 1 min read वो बेटियाँ ही हैं वो बेटियाँ ही हैं हमें जीना सिखातीं । जिन्दगी-मौत के संघर्ष में, पल रहीं कांटों के मध्य हर्ष में, तीब्र गति से लक्ष्य पर वो बढ़ रहीं हैं, कामयाबी के... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 702 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 16 Jan 2017 · 2 min read "बेटी बोझ नही..." मेरी यह कविता उन माता - पिता के लिये एक संदेश जो बेटीयों को बोझ समझतें हैं और उसके जन्म से पहले ही उसे कोख मे ही मार देतें हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Girija Arora 16 Jan 2017 · 1 min read बेटी का अरमान मिला मुझे एक कोरा कागज़ मैं उसपर अरमान लिखूंगी कलम प्यार में डुबा डुबाकर उस पर सारा संसार लिखूंगी गीत लिखूंगी अनुभव का मैं शब्दों का व्यवहार लिखूंगी स्वप्न रचूंगी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 553 Share CM Sharma 16 Jan 2017 · 1 min read भारत माँ की शान हो तुम... ...बेटियां..... बेटी आँगन का फूल हो तुम... जीवन स्वर में संगीत हो तुम... मेरी आँखों में ज्योति हो तुम... साँसों में प्राण मेरे हो तुम... तुम से घर में उजियारा है....... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share डॉ.सुरेन्द्र शर्मा 16 Jan 2017 · 1 min read बिटिया बिटिया जब से तू आई है बिटिया जीवन में मेरे बहार छाई है सिर्फ बिटिया नहीं है तू मेरे जीवन की परछाई है। जीवन में तुम मिली मुझे ईश्वर की... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 930 Share Dr Meenaxi Kaushik 15 Jan 2017 · 1 min read बेटी की पुकार-------- बेटी ना मारो फर्क नहीं बेटा बेटी में.....हो ssssss समझो मां के प्यारों। ना बेटी मारो,. ना बेटी मारो ll भगवान की इस नैमत पे ,क्यूं चलता जोर तुम्हारा बनते पाप के भागी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 2 1k Share स्वर्णलता विश्वफूल 15 Jan 2017 · 1 min read ''चाक पर चढ़ी बेटी'' उस स्त्रीलिंग प्रतिमा, यौवन-उफनाई प्रतिमा को-- एक पुरुष ने खरीदा और सीमेंटेड रोड पर पटक-पटक / चू्र कर डाला । प्रतिमा के चूड़न को-- सिला में पीस डाला, और अपनी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 6 15 621 Share Kajal Soni 15 Jan 2017 · 1 min read बेटी गम में न करती हूँ , फरियाद किसी से , नाकाम हसरतों में भी, जी लेती हूँ । दे दे कोई जहर का प्याला , ये कहकर कि प्यार है,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 898 Share kislaya pancholi 15 Jan 2017 · 1 min read सुनो बेटियों सुनो बेटियों अब ‘समय’ समझदार हो गया है, देखो तुम्हारे साथ खड़ा है. ‘समझ’ सामयिक हो गयी है तभी तुम्हारे समीप आ चुकी है. ‘सोच’ की तो पूछो ही मत,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 620 Share Madhumita Bhattacharjee Nayyar 15 Jan 2017 · 2 min read बेटी की अभिलाषा आज भी मै बेटी हूँ तुम्हारी, बन पाई पर ना तुम्हारी दुलारी, हरदम तुम लोगों ने जाना पराई, कर दी जल्दी मेरी विदाई। जैसे थी तुम सब पर बोझ, मुझे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share श्रीभगवान बव्वा 15 Jan 2017 · 1 min read "बेटी" "बेटी" मन लगाकर पढ़ती हूं , और शान से जीती हूं ! मैं तो अपने पापा जी की अच्छी वाली बेटी हूं !! भ्रूण हत्या जो करते हैं, एक दिन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 529 Share LAKHNAWI JI (लखनवी जी) 15 Jan 2017 · 1 min read बेटी मेरी भी जमी है, है मेरा आसमां ; मुझे भी जीने का अधिकार चाहिए ; माँ-पापा आप दोनों का थोड़ा सा प्यार चाहिए ! न तोड़िये मुझे मैं नाजुक सी... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share minakshi mishra 14 Jan 2017 · 1 min read एक मामूली लड़की -बेटी हल्की हवा के झोंकों पर तृण मूल सा वो बिखर जाती, एक छोटी ख़ुशी से भी घन तिमिर में चपला सी वो चमक जाती, पानी की धरातल पर वो रेत... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 2 973 Share सागर यादव 'जख्मी' 14 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ माता-पिता के अधरोँ की मुस्कान बेटियाँ होती हैँ एक मुकम्मल संसार बेटियाँ हिन्दू के लिए गीता ईसाई के लिए बाईबिल मुस्लिम के लिए पवित्र कुरान बेटियाँ दुनिया के लिए ये... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2 1 593 Share Kavi DrPatel 14 Jan 2017 · 2 min read जाग उठी है बेटी जाग उठी है बेटी देखो अपने हिंदुस्तान की । बात हो रही सारे जग में अब उसके सम्मान की । छोटी छोटी बातों हित रोती थी घर में पड़े पड़े... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 487 Share Arun Pradeep 14 Jan 2017 · 1 min read बेटी :: एक विचार बेटी :: एक विचार -- अरुण प्रदीप सृष्टि रचना के समय पुरुष ने जब देखा होगा सर्वगुण संपन्न प्रकृति को तभी उपज होगा उसमें हीन भाव और सोच डालें होंगे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Govind Kurmi 14 Jan 2017 · 1 min read दर्द बेटियों का हर्षित था परिवार सबको था किसी का इंतजार कोई बेटे कोई भतीजे तो कोई पोते को था बेकरार कुछ पल में बो आई बारी घरभर में गूंजी किलकारी लगा शायद... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share ALI AHAMAD "SANGAM" 14 Jan 2017 · 1 min read हमारी बेटी हमारे मन को समझती है हमारी बेटी | कभी भी जिद नहीं करती है हमारी बेटी || मैं जब भी देखता सफ्कत भरी निगाहों से | मेरे गुनाहों को धो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2k Share Md Danish 14 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बन्द दरवाजों के पल्ले खुलने लगे हैं सूरज की पहली किरण की लाली उन्हें छूने लगी है पथरीली,अनचीन्ही,उदास पगडंडियों पर अपने अरमानों की रंगोली वो रचने लगी हैं मेरे गाँव... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 602 Share sanjay giri 13 Jan 2017 · 1 min read गीतिका *गीतिका * देश हित के लिए खेलती बेटियाँ हर कदम पर यहाँ जीतती बेटियाँ देखिये देश में अब पदक ला रहीं बढ़ धरा से गगन चूमती बेटियाँ आन को मान... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Vivek Guleria 13 Jan 2017 · 2 min read बेटी है अनमोल इसकी पूजा करो ...बेटी है अनमोल, इसकी पूजा करो... नन्ही बेटी है,रोती है हंसती है। इसके ही रंगों से,ये दुनिया सजती है। इसकी हर नादानी पे,प्यार बहुत ही आता है। देखूं रोते हुए... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share Versha Varshney 13 Jan 2017 · 2 min read एक अजन्मी बेटी का दर्द जीना चाहती थी मैं भी कभी इन तरंगों की तरह, सुनना चाहती थी कभी मैं भी इन की मधुरता को: जो खिला देती हैं अपनी तरंगों से मन मयूर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share मानक लाल मनु 13 Jan 2017 · 1 min read कामयाबी के आयाम गढ़ रही है बेटियां ⭐सभी बेटियो को पंक्तिया? कामयाबी के आयाम गढ़ रही है बेटियां।। नित नए मुकाम पर चढ़ रही बेटियां।। ये जमाना है उनके कौशल से रोशन,, जहाँ का ज्ञान पढ़ रही... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 420 Share डॉ सुलक्षणा अहलावत 13 Jan 2017 · 1 min read बेटी जिस घर के आँगन में बेटी है वहाँ तुलसी की जरूरत नहीं, देखो बेटी की सूरत से जुदा यहाँ किसी देवी की सूरत नहीं। खुशियाँ पता पूछती हैं उस घर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 2 4k Share manisha joban desai 13 Jan 2017 · 1 min read प्यारी सी बेटियाँ इस दुनियामें ऐसा कोई काम नहीं है जो बेटियों ने करके नां दिखाया है , छोटी सी वो गुड़िया बनकर रहती हे पापा मम्मी की जान बनकर रहती हे ,... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Sharda Madra 13 Jan 2017 · 1 min read ईश की रचना सुता गीतिका ईश की रचना सुता मापनी- 2122 2122 2122 212 ईश की रचना सुता जन्में सभी को नाज़ हो थाल ठोको इक मधुर संगीत का सुर साज हो मार डाला... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 981 Share govind sharma 13 Jan 2017 · 1 min read घरो को घर बनाती… रात दिन है मुस्कुराती बेटियां, दो घरो को घर बनाती बेटियां। चाकरी करती है मगर थकती नहीं ग़मज़दा भी खिलखिलाती बेटियाँ ख्वाहिशो के आसमानों के तले, ख्वाब कितने है मिटाती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 922 Share सुनीता महेन्द्रू 13 Jan 2017 · 1 min read नन्ही परी!!! नन्ही परी!!! ‘माँ मुझे बचा लो,माँ!! पर किसी ने न सुनी उसकी, फिर से एक भ्रूण हत्या, क्या दोष था उस नन्ही परी का, उसने तो कदम भी ना रखा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 3k Share Rahul Yadav 13 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बड़े-बड़े काम की हैं बेटियाँ, ईश्वर के नाम की हैं बेटियाँ, घर की लक्ष्मी, घर की इज्जत हैं बेटियाँ, घर को घर बनाने वाली जन्नत हैं बेटियाँ, हर जगह अपना... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share अजय शुक्ला '' बनारसी '' 13 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ देश की मिला कंधे से कंधा कुंठित धारणाओ को तोड़ कंटक भरे राह को कर सुगम बड़ी लड़ाई लड़ लड़कर विश्व में परचम लहरा रही है बेटियाँ देश की माँ , बहन... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 617 Share Previous Page 4 Next