Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jan 2017 · 1 min read

मेरी बेटी – मेरा वैभव

कविता

मेरी बेटी – मेरा वैभव

– बीजेन्द्र जैमिनी

मेरी बेटी
मेरी शान
मेरी आनबान
मेरी है पहचान
मेरी बेटी – मेरा वैभव

मेरी बेटी
परिवार की शान
परिवार की आनबान
परिवार की है पहचान
मेरी बेटी – मेरा वैभव

मेरी बेटी
देश की शान
देश की आनबान
देश की है पहचान
मेरी बेटी – मेरा वैभव

3 Likes · 1 Comment · 621 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
*स्वप्न को साकार करे साहस वो विकराल हो*
पूर्वार्थ
दोस्ती
दोस्ती
Mukesh Kumar Sonkar
चाहत के ज़ख्म
चाहत के ज़ख्म
Surinder blackpen
रिश्ते चंदन की तरह
रिश्ते चंदन की तरह
Shubham Pandey (S P)
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
बोये बीज बबूल आम कहाँ से होय🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---6. || विरोधरस के उद्दीपन विभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
प्रकृति हर पल आपको एक नई सीख दे रही है और आपकी कमियों और खूब
Rj Anand Prajapati
दिल से मुझको सदा दीजिए।
दिल से मुझको सदा दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
Rekha khichi
"आग्रह"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
रखता पैतृक एलबम , पावन पुत्र सँभाल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ हुडक्चुल्लू ..
■ हुडक्चुल्लू ..
*Author प्रणय प्रभात*
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
"चढ़ती उमर"
Dr. Kishan tandon kranti
!..................!
!..................!
शेखर सिंह
आया खूब निखार
आया खूब निखार
surenderpal vaidya
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
DrLakshman Jha Parimal
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
सपनो में देखूं तुम्हें तो
सपनो में देखूं तुम्हें तो
Aditya Prakash
23/120.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/120.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नव संवत्सर आया
नव संवत्सर आया
Seema gupta,Alwar
चाय पे चर्चा
चाय पे चर्चा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
सब तेरा है
सब तेरा है
Swami Ganganiya
घंटा हिलाने वाली कौमें
घंटा हिलाने वाली कौमें
Shekhar Chandra Mitra
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई.....
मैं कौन हूँ?मेरा कौन है ?सोच तो मेरे भाई.....
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
Loading...