Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Mar 2024 · 2 min read

क्षतिपूर्ति

क्यूं
जीती हो तुम
गलतफहमी में
क्यूं लगता है तुम्हें
कि न रहने से तुम्हारे
घर बिखर जाएगा
बच्चे अनाथ हो जाएंगें
पति मायूस
सास – ससुर लाचार हो जाएंगें
सुनो सखि!
मत सोचो
कि तुम नहीं रहोगी
तो रसोई से पकवान की खुशबू नहीं आएगी
फीके त्योहार हो जाएंगें
अचार,बड़ी,पापड़
कौन बनाएगा
कपड़ों को धूप कौन दिखाएगा
तह करके कौन जमाएगा
घर की सफाई
कपड़े बर्तन की धुलाई
बच्चों की पढ़ाई
सास-ससुर की दवाई
का क्या होगा
और क्या होगा
पति की थकान का
कभी सोचा है
क्या हुआ
तुम्हारी ऊँची उड़ान का
याद है तुम्हें
पिछले साल
पूर्व छात्र मिलन समारोह में
तुम नहीं आई थी
बच्चों के इम्तिहान थे
अपनी सबसे प्यारी सहेली
के गृह प्रवेश में
नहीं जा सकी तुम
ससुर जी बीमार थे
मौसी के लड़के की शादी,
बचपन से बड़ा दुलार दिया था जिन्होंने
में शामिल नहीं हुई
पति को ऑफिस के काम से
जाना था बाहर
और तुम ढकेल दी गई
घर के अंदर
घर
घर सिर्फ तुम्हारा नहीं है
इसे औरों का भी होने दो
तुम्हारे न रहने से
कुछ नहीं बिगड़ेगा
काम वाली बाई
घर के कामों के लिए
बच्चों के लिए आया
रख ली जाएगी
सास – ससुर के लिए
कोई केयर टेकर आएगी
घबराओ मत
तुम इतनी भी
अनिवार्य नहीं हो
कि तुम्हारा विकल्प ही न हो
हो सकती है तुम्हारी क्षतिपूर्ति
मत बनो त्याग की मूर्ति
स्वयं को मत इतना
आसान होने दो
अपने लिए
एक ज़मीन
एक आसमान होने दो
पूरे करो शौक़
गाने सुनो
या स्वेटर बुनो
बातें करो
या लिखना चुनो
मगर चुनो
चुनाव भी तुम्हारा हो
और
मत भी तुम्हारा हो
ऐसी व्यवस्था रखो
परिवार को देने को
एक सीमित अवस्था रखो
सोचो ऐसे
कि कोई घर
नहीं होता भूत का डेरा
बिन गृहिणी के,
हो जाती है भरपाई इसकी
बहुत आसानी से।

38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shweta Soni
View all
You may also like:
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
फिर दिल मेरा बेचैन न हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
पेंशन प्रकरणों में देरी, लापरवाही, संवेदनशीलता नहीं रखने बाल
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
*वह भी क्या दिन थे : बारात में नखरे करने के 【हास्य-व्यंग्य 】
Ravi Prakash
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
वक्त (प्रेरणादायक कविता):- सलमान सूर्य
Salman Surya
हर चाह..एक आह बनी
हर चाह..एक आह बनी
Priya princess panwar
अनकही दोस्ती
अनकही दोस्ती
राजेश बन्छोर
लघुकथा-
लघुकथा- "कैंसर" डॉ तबस्सुम जहां
Dr Tabassum Jahan
हर लम्हा
हर लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आओ हम सब मिल कर गाएँ ,
आओ हम सब मिल कर गाएँ ,
Lohit Tamta
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
"सफ़र"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल पर दस्तक
दिल पर दस्तक
Surinder blackpen
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
सामाजिक मुद्दों पर आपकी पीड़ा में वृद्धि हुई है, सोशल मीडिया
Sanjay ' शून्य'
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
याद आयेगा हमें .....ग़ज़ल
sushil sarna
#वाल्मीकि_जयंती
#वाल्मीकि_जयंती
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िन्दगी का सफ़र
ज़िन्दगी का सफ़र
Sidhartha Mishra
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
रंग भेद ना चाहिए विश्व शांति लाइए सम्मान सबका कीजिए
DrLakshman Jha Parimal
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
हाथ पर हाथ रखा उसने
हाथ पर हाथ रखा उसने
Vishal babu (vishu)
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
सांवले मोहन को मेरे वो मोहन, देख लें ना इक दफ़ा
The_dk_poetry
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
rajeev ranjan
रखकर कदम तुम्हारी दहलीज़ पर मेरी तकदीर बदल गई,
रखकर कदम तुम्हारी दहलीज़ पर मेरी तकदीर बदल गई,
डी. के. निवातिया
बचपन
बचपन
नूरफातिमा खातून नूरी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शौक करने की उम्र मे
शौक करने की उम्र मे
KAJAL NAGAR
💐प्रेम कौतुक-347💐
💐प्रेम कौतुक-347💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...