कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौव
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौवन निखर जाएगा !और तुम्हारी कविताओं में मेरा रस ,शृंगार,भंगिमाऔर तन का सुगंध खिल जाएगा !!@परिमल
कहती है हमें अपनी कविताओं में तो उतार कर देख लो मेरा रूप यौवन निखर जाएगा !और तुम्हारी कविताओं में मेरा रस ,शृंगार,भंगिमाऔर तन का सुगंध खिल जाएगा !!@परिमल