Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Apr 2023 · 1 min read

चाय पे चर्चा

दावत दी तुम्हें कि, चाय पर आज गुफ़्तगू होगी,
जिन्दगी के स्वाद से, ये जिन्दगी रूबरू होगी।
चाय की खुशबूदार चुस्कियों का, नशा औ असर,
ये क्या तिलिस्म चाय का ही बस, रहा हावी तुम पर।
स्वाद-ए-ज़िंदगी का, एक कतरा भी नहीं पाया,
वो वक़्त चाय का, चाय के, प्याले में हुआ जाया।
अब पहले की तरह फिर से, वही इंतजार जारी है,
देखते हैं कौन से दिन फिर, चाय पे चर्चा की बारी है।

@दीपक कुमार श्रीवास्तव ” नील पदम् ”
02.04.2023

Language: Hindi
6 Likes · 3 Comments · 447 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
#क़तआ
#क़तआ
*Author प्रणय प्रभात*
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
लक्ष्मी
लक्ष्मी
Bodhisatva kastooriya
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ढोंगी बाबा
ढोंगी बाबा
Kanchan Khanna
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी को
Shashi kala vyas
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
"समय के साथ"
Dr. Kishan tandon kranti
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
💐प्रेम कौतुक-454💐
💐प्रेम कौतुक-454💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवन
जीवन
Monika Verma
Gatha ek naari ki
Gatha ek naari ki
Sonia Yadav
घड़ी घड़ी ये घड़ी
घड़ी घड़ी ये घड़ी
Satish Srijan
*प्रसादी जिसको देता है, उसे संसार कम देगा 【मुक्तक】*
*प्रसादी जिसको देता है, उसे संसार कम देगा 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
लक्ष्मी सिंह
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
जो तुम्हारी ख़ामोशी से तुम्हारी तकलीफ का अंदाजा न कर सके उसक
ख़ान इशरत परवेज़
माँ
माँ
Vijay kumar Pandey
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
सत्य कुमार प्रेमी
2864.*पूर्णिका*
2864.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सारा सिस्टम गलत है
सारा सिस्टम गलत है
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ तुम्हारे रूप से
माँ तुम्हारे रूप से
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
"परिपक्वता"
Dr Meenu Poonia
हम शिक्षक
हम शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...