Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jan 2017 · 1 min read

बेटियाँ

माँ का साया है तो बेटी बाप का गुरूर है !
शान है ससुराल की तो मायके का नूर है !!
आज के इस दौर में बेटा बेटी एक से,
फ़र्क़ करते दोनों में दिमाग का फितूर है !
मानता हूँ बेटियाँ काँधा देने से महरूम है,
बेटी बेहतर बेटों से, इतना मगर ज़रूर है !
है तक़ाज़ा वक़्त का बेटी बचा बेटी पढ़ा,
कौनसी गफलत में तू किस नशे में चूर है !
नज़्म है “कमल ” की ये, पढ़ना ज़रा अदब से तुम,
नज़्मे सियासत है नहीं ये, बेटी का मज़कूर है !
(महरूम=वंचित, नज़्मे सियासत=राजनीति की कविता, मज़कूर=वर्णन )

1 Like · 610 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गुरु माया का कमाल
गुरु माया का कमाल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
अरर मरर के झोपरा / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
होली मुबारक
होली मुबारक
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
खेत का सांड
खेत का सांड
आनन्द मिश्र
मात्र मौन
मात्र मौन
Dr.Pratibha Prakash
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
दुनिया की आख़िरी उम्मीद हैं बुद्ध
Shekhar Chandra Mitra
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
!! ख़ुद को खूब निरेख !!
Chunnu Lal Gupta
एक सच और सोच
एक सच और सोच
Neeraj Agarwal
आंखों की नशीली बोलियां
आंखों की नशीली बोलियां
Surinder blackpen
होली (होली गीत)
होली (होली गीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
इज़हार कर ले एक बार
इज़हार कर ले एक बार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं भारत का जवान हूं...
मैं भारत का जवान हूं...
AMRESH KUMAR VERMA
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
भीम आयेंगे आयेंगे भीम आयेंगे
gurudeenverma198
3254.*पूर्णिका*
3254.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
■ मुक्तक।
■ मुक्तक।
*Author प्रणय प्रभात*
मिट्टी के परिधान सब,
मिट्टी के परिधान सब,
sushil sarna
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
5. इंद्रधनुष
5. इंद्रधनुष
Rajeev Dutta
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
ढलता सूरज वेख के यारी तोड़ जांदे
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Harish Chandra Pande
कर दिया
कर दिया
Dr fauzia Naseem shad
नया साल
नया साल
umesh mehra
कलम , रंग और कूची
कलम , रंग और कूची
Dr. Kishan tandon kranti
संत गाडगे संदेश
संत गाडगे संदेश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
'सवालात' ग़ज़ल
'सवालात' ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...