Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2017 · 1 min read

गीतिका

*गीतिका *

देश हित के लिए खेलती बेटियाँ
हर कदम पर यहाँ जीतती बेटियाँ

देखिये देश में अब पदक ला रहीं
बढ़ धरा से गगन चूमती बेटियाँ

आन को मान को देश की शान को
हर मुसीबत से हैं जूझती बेटियाँ

बेटियों पर पिता को हुआ नाज़ अब
लग पिता के गले झूलती बेटियाँ

खूबसूरत सुमन सी लगे हैं सदा
बन के खुशबू यहाँ महकती बेटियाँ

घर चलो लौट कर तुम न देरी करो
राह में बस यही सोचती बेटियाँ

आप ‘संजय’ सदा नेह देना इन्हें
हाथ सर पर सदा माँगती बेटियाँ

संजय कुमार गिरि
करतार नगर दिल्ली -53
9871021856

1 Comment · 1309 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"विकृति"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
पिता का पता
पिता का पता
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
"परखना "
Yogendra Chaturwedi
खंड 7
खंड 7
Rambali Mishra
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
कवि दीपक बवेजा
*दहेज*
*दहेज*
Rituraj shivem verma
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
इन आँखों में इतनी सी नमी रह गई।
लक्ष्मी सिंह
#धवल_पक्ष
#धवल_पक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/232. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
पिरामिड -यथार्थ के रंग
पिरामिड -यथार्थ के रंग
sushil sarna
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
ये जो तेरे बिना भी, तुझसे इश्क़ करने की आदत है।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
हम हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान है
Pratibha Pandey
कभी हक़ किसी पर
कभी हक़ किसी पर
Dr fauzia Naseem shad
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
काव्य में अलौकिकत्व
काव्य में अलौकिकत्व
कवि रमेशराज
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
श्याम सिंह बिष्ट
तेरे भीतर ही छिपा,
तेरे भीतर ही छिपा,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
दोहे एकादश...
दोहे एकादश...
डॉ.सीमा अग्रवाल
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
क्या ढूढे मनुवा इस बहते नीर में
rekha mohan
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
सतशिक्षा रूपी धनवंतरी फल ग्रहण करने से
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
तू ही बता, करूं मैं क्या
तू ही बता, करूं मैं क्या
Aditya Prakash
कलानिधि
कलानिधि
Raju Gajbhiye
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
हम केतबो ठुमकि -ठुमकि नाचि लिय
DrLakshman Jha Parimal
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
*नहीं फेंके अब भोजन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...