गुलाबी नगर में जन्मी मैं (सुनीता), मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं लेखन की... Read more
गुलाबी नगर में जन्मी मैं (सुनीता), मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं लेखन की दुनिया में कदम रखूँगी, शिक्षा पूरी होने के बाद कब और कैसे मैने कलम को थामा, स्वंय नहीं जानती । 12 सालों से बैंकाक के इंटरनेशनल पायोनियर स्कूल में हिंदी पढ़ा रही हूँ । तभी मुझे लगा लगा कि कविताओं से मैं अपनी भावनाओं को आप तक पहुँचा सकती हूँ। समझा सकूँ जीवन की अहमियत को, खत्म कर पाऊँ आपसी मतभेद, बस यही चाह है मेरी ॥