Posts Tag: गीतिका 437 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bodhisatva kastooriya 31 May 2024 · 1 min read फसल बोई नही कोई अच्छी सी फसल मैने, उग आए खर-पतवार.तो सभालू कैसे? कश्ती जो तूफा मे ही ले निकल पडा, डूबने से बचू खुद,औरो को बचालू कैसे? मैने स्याह रातो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 2 16 Share Sumangal Singh Sikarwar 30 May 2024 · 1 min read बेटी हर दर्द को सहती है खुश फिर भी वो रहती है बेटी क्या है लड़की क्या है खुद को खुद से कहती है | बेटी जन्मती एक घर में पनपती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 1 16 Share Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read बदला हूं मैं धूप वो तपती वो जलते पैर मजबूरी और नंगे पांव की सैर | बदला नहीं है कुछ भी सबकुछ है वही वही तपती धूप वही है रहगुजर | रहगुजर मुश्किल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 15 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read राम प्यारे हनुमान रे। #राम प्यारे हनुमान रे। पवनसुत महारूद्र बजरंगबली, श्री राम जी के आँख के तारे। तेरी शरण है सबको भली, रखलुँ माथा चरणों में तेरे। तेरी महिमा तुलसी गाते मिली, तेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीतिका 23 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 28 May 2024 · 1 min read तुझे देंगे धरती मां बलिदान अपना #तुझे देंगे धरती मां बलिदान अपना जान तुझे देंगे मेरे प्यारे वतन________ भारत माँ का करने पूरा सपना। उठो युवाओ माँ भारती पुकारती______ चलो भूमी का करने पूरा सपना। देश... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीतिका 21 Share surenderpal vaidya 28 May 2024 · 1 min read पंचवक्त्र महादेव गीतिका ~~ पंचवक्त्र महादेव प्रभु का, नित्य करें हम ध्यान। सारे जग की रक्षा करते, कर लेते विषपान। सफल नहीं हो पाया दशानन, अटल रहा कैलाश। नहीं हिला था लेश... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 3 20 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रुख बदल गया अधखिली सी धूप को स्याह अंधेरा बदल गया सूरज निकलते निकलते अपना रुख बदल गया | बड़ी आस थी कि धूप निकल आएगी दुख की छांव को अलविदा कह जायेगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 16 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read मेरी सूरत हो तुम इस कदर मेरे ख्यालों में हो मेरे दिन और मेरी रातों में हो कि जैसे तुम इक नदिया हो मेरे पल पल में तुम बहती हो तुम इस कदर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 15 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read इंतजार एक इंतजार अजीब सा है ये इकरार अजीब सा है मुझे मेरे मन को एतबार अजीब सा है इंतजार कि खुशी चली आएगी गमों की धूप ये ढली चली आएगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 22 Share surenderpal vaidya 27 May 2024 · 1 min read कार्य महान गीतिका ~~ करें सब सोच समझ मतदान। इसे भी समझें कार्य महान। रखें मत कोई मन में खोट। देश का करना है उत्थान। सभी जन अपना है परिवार। पूर्ण हो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · श्रृंगार छंद 1 17 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 18 Share गुमनाम 'बाबा' 27 May 2024 · 1 min read चित्र आधारित चौपाई रचना *चौपाई* सुंदर गौर सुकोमल अंगी, तन पर साड़ी सिर से नंगी। भावभंगिमा बिखरी-बिखरी, यौवन धन है, धन से तंगी।। उच्च माथ पर स्वेद बह रहा, मन में उपजे भेद कह... Hindi · कविता · गीतिका · हास्य 21 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read बदलियां गीतिका ~~ सावनी ऋतु की बदलियां खूब छाती रातदिन। और कुदरत तृप्त होकर मुस्कुराती रातदिन। चांदनी है रात आकर्षण लिए सबके लिए। स्नेह की स्मृतियां हृदय में झिलमिलाती रातदिन। जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · गीतिका छन्द 1 1 27 Share भरत कुमार सोलंकी 26 May 2024 · 2 min read दिनकर तुम शांत हो दिनकर तुम शांत हो आज तेरी बेशर्मी की हद हो गयी तपन की आंच भी सरहद हो गयी सुहाना समझते थे हम तुमे रावण बन मर्यादा तोडी मंद हो गयी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 25 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूप यौवन गीतिका ~~ रूप यौवन चार दिन का मत करो अभिमान। व्यर्थ ही करना नहीं हम को स्वयं गुणगान। फूल खिलता खूबसूरत खूब महके छोर। और करते हैं सभी सौंदर्य का... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 2 25 Share Seema Garg 26 May 2024 · 1 min read गीतिका छंद चित्राधारित -- गीतिका छंद गीत -- 2122--2122,--2122--212 शब्द ही शृंगार मेरा, ************************************* शीश पर सोहे मुकुट माँ, भाल पर बिंदिया सजी। कर सजाएं मातु वीणा, ताल सुर सरगम बजी।। श्वेत... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 24 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूठ मत जाना गीतिका ~~ रूठ मत जाना बहुत है आपसे जब प्यार। स्नेह का अनुबंध हमको पूर्ण है स्वीकार। हर तरफ जब खूबसूरत खिल रहे हैं फूल। खूब महकी जा रही हैं... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 1 23 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read हमारा मन गीतिका ~~ लगेगा किस तरह तुम बिन हमारा मन, नहीं कर पाएगा जग से किनारा मन। बताओ क्यों सहेगा जुल्म दुनिया के, कहीं तो पा सकेगा अब सहारा मन। खिजा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सिंधु छंद 1 26 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read आगे हमेशा बढ़ें हम गीतिका ~~ यहाँ बेवजह क्यों किसी से डरें हम। बिना खौफ आगे हमेशा बढ़ें हम। खिले फूल महके सुहानी फिजा है, चलो जिन्दगी से मुहब्बत करें हम। सुहानी डगर है... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भुजंग प्रयात छंद 3 16 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read सूरज को गीतिका ~~ सूरज को बाहों में भरने की चाहत। उन्मुक्त हृदय से नभ में उड़ने की चाहत। वक्त बहुत से पनप रही मेरे मन में, बादल को मुट्ठी में करने... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 17 Share surenderpal vaidya 24 May 2024 · 1 min read कदम जब बढ़ रहे गीतिका ~~ जरा सा मुस्कुरा भी दो बहुत अब हो चुका रोना। कदम जब बढ़ रहे आगे निराशा को नहीं ढोना। निशा जब बीत जायेगी उगेगा सूर्य प्राची में। सभी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 1 23 Share surenderpal vaidya 21 May 2024 · 1 min read नाटक नौटंकी गीतिका ~~ नाटक नौटंकी करते हैं, धन दौलत की चाह बहुत। औरों को बस स्वप्न दिखाते, है अपनी परवाह बहुत। राजनीति के आदर्शों की, नित्य गिरा देते गरिमा। कार्य अनैतिक... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 23 Share Neeraj Mishra " नीर " 20 May 2024 · 1 min read श्री राम वंदना वंदन श्री चरणों में प्रभु जी मेरा प्रणाम स्वीकार करों | रघुकुल नंदन , हे रघुनन्दन धनुष वाण ले आजाओं दंभ जागता मन , मेरे प्रभु जी मैं को हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीत · गीतिका · दोहा · वंदना 2 29 Share Akash Agam 19 May 2024 · 1 min read धवल घन ! धवल घन ! ले चल नभ के पार ऐसी प्यास जगा दे कर लूंँ हर पीड़ा स्वीकार ! सुंदर पनघट पर पनिहारिन प्यासी ही मर गई अभागिन और इसी जीने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 1 18 Share surenderpal vaidya 18 May 2024 · 1 min read दिखाने लगे गीतिका ~~ स्वप्न नेता नये अब दिखाने लगे। आज फिर वोटरों को लुभाने लगे। जेल में बंद थे लूट आरोप में। स्वच्छ खुद को बहुत अब बताने लगे। कह रहे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · वाचिक सृग्विणी छंद 1 1 21 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read अफसाना किसी का गीतिका ~~ हो गया है अब यहां पर कौन दीवाना किसी का खूब सबको भा रहा है आज अफसाना किसी का भावनाओं में न बहना व्यर्थ अब देखो यहां पर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · माधव मालती छंद 19 Share surenderpal vaidya 17 May 2024 · 1 min read होना नहीं अधीर गीतिका ~~ धन दौलत का अभिमान लिए, होना नहीं अधीर है जिसका हृदय जितना बड़ा, उतना वही अमीर बहुत प्रयास किए लेकिन जब, मिले नहीं परिणाम नया अभी कुछ कर... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सरसी छंद 2 22 Share Akash Agam 16 May 2024 · 1 min read कुहुक कुहुक कुहुक कुहुक बोले बगिया में कोयलिया खनक खनक कॅंगना अंँगना में! विरहिन की गति कौन कहे कवि मीन सी तड़पति नीर नयन ले चीर हरन मन का छिन छिन हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · गीत · गीतिका 2 22 Share Nitesh Shah 14 May 2024 · 1 min read कोरोना कोरोना ने खोली आँखें, जगा दी प्रेम की आशा, सलामी देते है उनको, जिन्होंने की बड़ी सेवा, डॉक्टर हो या नर्से हो, करू शत शत नमन उनको, बचा की रूह... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 22 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read शिक्षक अज्ञान अँधेरा दूर करे जो, ज्ञानांजन बढाता है, गुरु का दर्ज़ा इस जग में, सबसे ऊँचा होता है, गुरु बिन ज्ञान नहीं संभव, वह ही राह दिखाता है, इसीलिये इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 12 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read बताती जा रही आंखें गीतिका ~~ कहो गंभीरता से अब नहीं पड़ना ठिठोली में। बताती जा रही आंखें सभी बातें अबोली में। समय मुश्किल कभी जब सामने आता हमारे है। रखो आंखे खुली पड़ना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · विधाता छंद 1 21 Share surenderpal vaidya 13 May 2024 · 1 min read सत्य की जय गीतिका ~~ पूर्ण विश्व ने देखा, शांत किया विस्मय। संघर्षों का फल है, हुई सत्य की जय। राम लला का सुंदर, रूप प्रतिष्ठित है। बना भव्य नैसर्गिक, मन्दिर आभामय। मर्यादा... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · सुखदा छंद 1 21 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read खड़ा रेत पर नदी मुहाने... खड़ा रेत पर नदी मुहाने। गाता कोई गीत सुहाने। आह न भरता हर गम सहता, सुनता है अग - जग के ताने। धता बताकर पगला सबको, गाए खुश-खुश नेह-तराने। क्या... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 22 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 2 min read माँ आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है दिन दिनांक - रविवार, १२ मई, २०२४ विषय : मातृ दिवस विशेषांक विद्या : कविता शीर्षक : "माँ" आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है *** यशोदा-कौशल्या से ज़्यादा लाड... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 20 Share डी. के. निवातिया 13 May 2024 · 1 min read वोट करो भई वोट करो दिन दिनांक : सोमवार, १३ मई २०२४ विद्या : कविता विषय : मतदान शीर्षक: वोट करो भई वोट करो, *** वोट करो भई वोट करो, तारीख अपनी नोट करो, लोकतंत्र... Hindi · कविता · कोटेशन · गीत · गीतिका 24 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 13 May 2024 · 1 min read हम सुख़न गाते रहेंगे... तुम बुलाओ मत बुलाओ, हम मगर आते रहेंगे। सुख यही तो है हमारा, हम सुख़न गाते रहेंगे। अब न हम भी चुप रहेंगे, बात हर खुलकर कहेंगे। हर कमी हम... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 27 Share मिथलेश सिंह"मिलिंद" 12 May 2024 · 1 min read प्रकृति संरक्षण (मनहरण घनाक्षरी) - हैं जीव-जंतु गीत में, आराम नर्म शीत में, मनु धरा के बीच में, प्यार होना चाहिए। काट-छाँट छोड़ कर, जिंदगी से होड़ कर, दम्भ सारे तोड़ कर , क्वार... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 19 Share Akash Agam 12 May 2024 · 1 min read तेजस्वी जुल्फें तुम्हें भूलना चाहता हूंँ ताकि याद रख सकूंँ ज़िंदगी भर के लिए तुम्हारी बात नहीं करता ताकि गा सकूंँ तुम्हें गीत में ढाल कर तुम्हें निहारता नहीं क्योंकि मन की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · गीत · गीतिका 1 29 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 May 2024 · 1 min read सज्ज अगर न आज होगा.... सज्ज अगर न आज होगा। किस तरह फिर काज होगा ? फिर घिरेगी रात काली, फिर तमस का राज होगा। सामना कर मुश्किलों का, सच ! सभी को नाज होगा।... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 25 Share surenderpal vaidya 10 May 2024 · 1 min read मौसम गीतिका ~~ शुरू कर दिये मौसम ने भी, तेवर खूब दिखाने अब ग्रीष्म ऋतु सब शीतल जल के, देखो हुए दिवाने अब कल तक जो बातें करते थे, साथ दो... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · लावणी छंद 1 27 Share surenderpal vaidya 8 May 2024 · 1 min read जरूरी बहुत गीतिका ~~ जरूरी बहुत तिश्नगी को बुझाना। इसी हेतु है व्यस्त सारा जमाना। मुहब्बत इसी को कहा है सभी ने। सभी चाहते लुत्फ इसका उठाना। मिलन की उठी प्यास तीखी... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · प्यास · भुजंग प्रयात छंद 2 30 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read क्या यही संसार होगा... चरम पर व्यभिचार होगा? बढ़ रहा अँधियार होगा ? सात्विकता क्षीण होगी, तमस का विस्तार होगा ? गालियों से बात होगी, अस्मिता पर वार होगा ? ध्वस्त होंगीं सभ्यताएँ, मूल्य... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 35 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read बादलों पर घर बनाया है किसी ने... बादलों पर घर बनाया है किसी ने। चाँद को फिर घर बुलाया है किसी ने। भावना के द्वार जो गुमसुम खड़ा था, गीत वो फिर गुनगुनाया है किसी ने। आँधियों... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 22 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 May 2024 · 1 min read आज जब वाद सब सुलझने लगे... आज जब वाद सब सुलझने लगे। बेवजह आप क्यों उलझने लगे ? शाख भी फिर लचक टूटने लगी, फूल भी जो खिले मुरझने लगे। था हमें भी कभी शौक ये... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 1 28 Share Akash Agam 7 May 2024 · 1 min read राम के प्रति प्रिये! तुम्हारे प्यार से रौशन हुआ हरेक पंथ मधुवन का छोड़ न देना साथ कि मुझको अंधेरों से डर लगता है! झूठ कपट छल अहंकार से त्रस्त रहा हर मोड़... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 1 26 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read अगर तुम कहो नेह से एकटक देख तुमको प्रिये मौन का गीत गा लूंँ अगर तुम कहो होंठ माथे पे रख कर के सांँसों से मैं रूह को रंँग लगा लूंँ अगर तुम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 2 24 Share Akash Agam 5 May 2024 · 1 min read मैं तुम्हारी क्या लगती हूँ सपनों में मुस्काने वाली दिल में तड़प जगाने वाली माथे पर सावन की सांँसें कुछ ही दिनों में पाने वाली आज अचानक पूछ रही है मैं तुम्हारी क्या लगती हूंँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत · गीतिका 2 29 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read * जिन्दगी में * ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी में दर्द पीड़ा कष्ट सब सहते रहो। साथ हो संवेदनाएं बिन रुके बढ़ते रहो। लोग हैं अपने पराए हर तरह के जब यहां। बात मन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 1 1 28 Share surenderpal vaidya 5 May 2024 · 1 min read भोर समय में आज सभी को भोर समय में, हमें जगाना है। सभी के मन में न उठने का, एक बहाना है। फूल खिले हैं देख लीजिए, कलियां मुस्काई। साथ सभी को आगे... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · भोर · विष्णुपद छंद 3 33 Share धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर 2 May 2024 · 1 min read "हिंदी" मापनी:1222 1222 1222 1222 बड़ी मीठी लगे सबको हमारी शान है हिंदी ! अनेकों गुण भरे इसमें गुणों की खान है हिंदी !! मधुर धारा बहा देती अगर तुम भीगना... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका 22 Share Page 1 Next