Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

चित्र आधारित चौपाई रचना

चौपाई

सुंदर गौर सुकोमल अंगी,
तन पर साड़ी सिर से नंगी।
भावभंगिमा बिखरी-बिखरी,
यौवन धन है, धन से तंगी।।

उच्च माथ पर स्वेद बह रहा,
मन में उपजे भेद कह रहा।
आएगा सपनों का सावन,
मुझे मिलेंगे सुंदर साजन।।

लगा लिपस्टिक सुंदर लाली,
लाख दिलो में चुभने वाली।
हँसिया नैना रखने वाली,
काट रही गेहूँ की बाली।।

गेहूँ भी तो पट-पट जाते,
एक काटती दस कट जाते।
देख रूप वह गिर-गिर जाते,
बिन कटे ही कट-कट जाते।।

सुंदर साड़ी सुंदर नारी,
अद्भुत रूप दिखावन हारी।
देख रूप यौवन तन धारी,
नर जाता तन-मन बलिहारी।।

रूप है माया फँसा ही लेता
सतयुग कलयुग द्वापर त्रेता।
माया दीपक जीव पतंगा,
बचा वही जो सत्संग संगा।।

©दुष्यंत ‘बाबा’
मानसरोवर मुरादाबाद।

चित्र-गूगल से साभार कॉपी

33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
🙏❌जानवरों को मत खाओ !❌🙏
Srishty Bansal
विकटता और मित्रता
विकटता और मित्रता
Astuti Kumari
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
सच तो सच ही रहता हैं।
सच तो सच ही रहता हैं।
Neeraj Agarwal
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
🙅दद्दू कहिन🙅
🙅दद्दू कहिन🙅
*प्रणय प्रभात*
तूफान आया और
तूफान आया और
Dr Manju Saini
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
" सुन‌ सको तो सुनों "
Aarti sirsat
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
मुझे लगता था —
मुझे लगता था —
SURYA PRAKASH SHARMA
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
कभी तो ख्वाब में आ जाओ सूकून बन के....
shabina. Naaz
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
शेखर सिंह
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
*जब एक ही वस्तु कभी प्रीति प्रदान करने वाली होती है और कभी द
Shashi kala vyas
बिन माली बाग नहीं खिलता
बिन माली बाग नहीं खिलता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सत्ता
सत्ता
DrLakshman Jha Parimal
हिन्दी दोहा -भेद
हिन्दी दोहा -भेद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
श्रेष्ठ विचार और उत्तम संस्कार ही आदर्श जीवन की चाबी हैं।।
Lokesh Sharma
उल्फत के हर वर्क पर,
उल्फत के हर वर्क पर,
sushil sarna
"इच्छा"
Dr. Kishan tandon kranti
पहले तेरे हाथों पर
पहले तेरे हाथों पर
The_dk_poetry
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3366.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
*घूॅंघट सिर से कब हटा, रहती इसकी ओट (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
(आखिर कौन हूं मैं )
(आखिर कौन हूं मैं )
Sonia Yadav
Loading...