Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

उल्फत के हर वर्क पर,

उल्फत के हर वर्क पर,
अश्क लिखें तहरीर ।
किसने बदली ख्वाब की,
चुपके से तकदीर ।।

सुशील सरना / 30424

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सोशल मीडिया का दौर
सोशल मीडिया का दौर
Shekhar Chandra Mitra
हिंदी दिवस - विषय - दवा
हिंदी दिवस - विषय - दवा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
मैंने जला डाली आज वह सारी किताबें गुस्से में,
Vishal babu (vishu)
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
ओढ़े जुबां झूठे लफ्जों की।
Rj Anand Prajapati
सास खोल देहली फाइल
सास खोल देहली फाइल
नूरफातिमा खातून नूरी
Is ret bhari tufano me
Is ret bhari tufano me
Sakshi Tripathi
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
परिश्रम
परिश्रम
ओंकार मिश्र
!.........!
!.........!
शेखर सिंह
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
Aarti sirsat
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
दोस्ती एक पवित्र बंधन
दोस्ती एक पवित्र बंधन
AMRESH KUMAR VERMA
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
gurudeenverma198
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
अनपढ़ दिखे समाज, बोलिए क्या स्वतंत्र हम
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"तापमान"
Dr. Kishan tandon kranti
■ चिंतन का निष्कर्ष
■ चिंतन का निष्कर्ष
*Author प्रणय प्रभात*
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
-- अंधभक्ति का चैम्पियन --
-- अंधभक्ति का चैम्पियन --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
श्री कृष्णा
श्री कृष्णा
Surinder blackpen
अब मेरी मजबूरी देखो
अब मेरी मजबूरी देखो
VINOD CHAUHAN
2410.पूर्णिका
2410.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
*जाता सूरज शाम का, आता प्रातः काल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जन्म से
जन्म से
Santosh Shrivastava
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
Harminder Kaur
रिश्तों के मायने
रिश्तों के मायने
Rajni kapoor
सफलता
सफलता
Vandna Thakur
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30  न
अगहन माह के प्रत्येक गुरुवार का विशेष महत्व है। इस साल 30 न
Shashi kala vyas
Loading...