सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
Exploring the Vast Dimensions of the Universe
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
बड़े हौसले से है परवाज करता,
फागुन कि फुहार रफ्ता रफ्ता
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपने दिल की कोई जरा,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
किसी ने दिया तो था दुआ सा कुछ....
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से