Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2024 · 1 min read

सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,

सभी भगवान को प्यारे हो जाते हैं,
मैं हूं इंसान किसकी आस करूं।।

22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
2. काश कभी ऐसा हो पाता
2. काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
छलनी- छलनी जिसका सीना
छलनी- छलनी जिसका सीना
लक्ष्मी सिंह
*नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में (मुक्तक) *
*नहीं पूनम में मिलता, न अमावस रात काली में (मुक्तक) *
Ravi Prakash
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Anil chobisa
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
खुद ही परेशान हूँ मैं, अपने हाल-ऐ-मज़बूरी से
डी. के. निवातिया
जख्म पाने के लिए ---------
जख्म पाने के लिए ---------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
Hum to har chuke hai tumko
Hum to har chuke hai tumko
Sakshi Tripathi
"हाउसवाइफ"
Dr. Kishan tandon kranti
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
मजबूरियों से ज़िन्दा रहा,शौक में मारा गया
पूर्वार्थ
अपना चेहरा
अपना चेहरा
Dr fauzia Naseem shad
सच
सच
Neeraj Agarwal
हुनर
हुनर
अखिलेश 'अखिल'
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जन्मोत्सव
जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य जन्मोत्सव
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
कविता: एक राखी मुझे भेज दो, रक्षाबंधन आने वाला है।
Rajesh Kumar Arjun
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
साहिल समंदर के तट पर खड़ी हूँ,
Sahil Ahmad
"प्रीत-बावरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
■ कड़वा सच...
■ कड़वा सच...
*Author प्रणय प्रभात*
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
Praveen Sain
दिनांक:- २४/५/२०२३
दिनांक:- २४/५/२०२३
संजीव शुक्ल 'सचिन'
नींद आए तो सोना नहीं है
नींद आए तो सोना नहीं है
कवि दीपक बवेजा
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
* भावना में *
* भावना में *
surenderpal vaidya
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/78.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ए जिंदगी ,,
ए जिंदगी ,,
श्याम सिंह बिष्ट
Loading...