Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2024 · 1 min read

आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है

आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है
फरिश्ते पूरी करनी पड़ती है शहर में रहकर
मैं भले ही शहर में हूं लेकिन मेरा मन गांव में बसता है,

आज भी गांव मेरे ज़हन में बसता है
मुझे मेरा खेत याद आता
जहां मैं माता-पिता के साथ काम किया करता था

गांव के साथी मुझे याद आते हैं
जो हर पल साथ रहा करते थे
आज भी वो पल में ताजा करता हूं,

गांव की सादगी शहर में नहीं मिल पाएगी,
अपनेपन का वह भाव गांव में है जनाब
गांव का खुशनामा पल याद आता है मुझे,

गांव की चलती मधुर हवा
स्वच्छ जल से भरी हुई मटकी
कहां मिलती है शहर में इसकी उपलब्धता,

चलो फिर गांव में आनंदित पल का का इजहार करने
मेरे मन में यह विचार बार-बार उठना है
आज भी मुझे मेरा गांव याद आता है।

प्रवीण सैन, नवापुरा ध्वेचा
बागोड़ा ( जालोर)

Language: Hindi
39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार जताने के सभी,
प्यार जताने के सभी,
sushil sarna
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
बटाए दर्द साथी का वो सच्चा मित्र होता है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
करके ये वादे मुकर जायेंगे
करके ये वादे मुकर जायेंगे
Gouri tiwari
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है
Bhupendra Rawat
बेटी
बेटी
Vandna Thakur
"मिलते है एक अजनबी बनकर"
Lohit Tamta
प्यासा के राम
प्यासा के राम
Vijay kumar Pandey
★गैर★
★गैर★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
2875.*पूर्णिका*
2875.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज का रावण
आज का रावण
Sanjay ' शून्य'
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
*बताए मेरी गलती जो, उसे ईनाम देता हूँ (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
मैं पापी प्रभु उर अज्ञानी
कृष्णकांत गुर्जर
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
गुरु असीम ज्ञानों का दाता 🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
तुम करो वैसा, जैसा मैं कहता हूँ
gurudeenverma198
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
संघर्ष से‌ लड़ती
संघर्ष से‌ लड़ती
Arti Bhadauria
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
चिन्तन का आकाश
चिन्तन का आकाश
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-422💐
💐प्रेम कौतुक-422💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं लिखता हूँ
मैं लिखता हूँ
DrLakshman Jha Parimal
बहुत प्यार करती है वो सबसे
बहुत प्यार करती है वो सबसे
Surinder blackpen
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
राह मे मुसाफिर तो हजार मिलते है!
Bodhisatva kastooriya
Loading...