Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2024 · 2 min read

भारत के राम

भारत की खुशबू हैं राम
जन जन की स्पंदन राम
तुलसी नानक संत कबीर के
शब्दों और भावों में राम।

राम नहीं हैं जाति धर्म आडंबर में
राम नहीं मिलते कपटी सिंहासन में
राम मिलेंगे हर दुखिया की आहों में
राम मिलेंगे भाई भरत की बाहों में।

हमने जितना राम को जाना
उतना क्या खुद को पहचाना?
राजनीति में राम को चुनकर
बुनते अपना ताना बाना ?

राजनीति से नहीं राम का रिश्ता है
राजपाट से मोह नहीं सब मिथ्या है।
राम नहीं केवल मंदिर के घंटों में
राम तो हैं मर्यादा के हर शब्दों में।

इतिहास उठाकर पढ़ लेना
कितने ही खूनी खेल हुए
गद्दी को पाने की खातिर
जब तलवारों से मेल हुए।

रक्त धार बहती देखेंगे
जहर घुले उन पन्नों में
पर राम नज़र नहीं आयेंगे
लालच के ऐसे अंधों में।2

धन यौवन वैभव समृद्धि
सब अहंकार के कारक हैं।
चारों थे राम के पास मगर
वे सदा विनय के साधक हैं।
वे सदा विनय के साधक हैं!!

राज्याभिषेक के क्षण को जिसने
पैरों की धूल नहीं समझा
पित्रादेश से बढ़कर जिसने
कोई पुण्य नहीं समझा।
प्रस्थान तुरत ही कर बैठे
वन के मग से नहीं घबराए,
राजपाट को त्याग दिया
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।

दुर्गम वन में फिर भटक भटक
कांटों को चूमा अलक पलक
परहित के रक्षक बन जिसने
दानव सब मारे पटक पटक।

राम अहिंसा के साधक हैं,
हिंसा प्रतिहिंसा के बाधक हैं,
पर संदर्भ ये उलटा है
कलयुग ने पासा पलटा है
जो स्वयं सृष्टि के सर्जक हैं
संयोजक और संचालक हैं,
उनको घर देने वालों सुन लो
मंदिर मस्जिद वालों सुन लो
सियाराम कहो,श्रीराम कहो
उनको शब्दों से ना आंको तुम
हरे लाल और भगवा रंग में
राम को यूं ना बांटो तुम।_२

पदचिह्नों पर चलना सीखो
मर्यादा में रहना सीखो
राजनीति का मोह त्यागकर
राजनीति पर चलना सीखो।

~करन केसरा~

21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
$úDhÁ MãÚ₹Yá
लौ
लौ
Dr. Seema Varma
खुला आसमान
खुला आसमान
Surinder blackpen
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
कभी आंख मारना कभी फ्लाइंग किस ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
दिवाली का संकल्प
दिवाली का संकल्प
Dr. Pradeep Kumar Sharma
दो दिन
दो दिन
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
इंसान भी तेरा है
इंसान भी तेरा है
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
पूर्वार्थ
कहाॅं तुम पौन हो।
कहाॅं तुम पौन हो।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
हँसकर आँसू छुपा लेती हूँ
Indu Singh
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
'सफलता' वह मुकाम है, जहाँ अपने गुनाहगारों को भी गले लगाने से
satish rathore
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
आलोचक सबसे बड़े शुभचिंतक
Paras Nath Jha
*नियंत्रण जिनका जिह्वा पर, नियंत्रित कौर होता है 【मुक्तक】*
*नियंत्रण जिनका जिह्वा पर, नियंत्रित कौर होता है 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से हम जान सकें !
हम चाहते हैं कि सबसे संवाद हो ,सबको करीब से हम जान सकें !
DrLakshman Jha Parimal
"शाख का पत्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
चार कदम चलने को मिल जाता है जमाना
कवि दीपक बवेजा
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
भव्य भू भारती
भव्य भू भारती
लक्ष्मी सिंह
मुट्ठी भर आस
मुट्ठी भर आस
Kavita Chouhan
#नहीं_जानते_हों_तो
#नहीं_जानते_हों_तो
*Author प्रणय प्रभात*
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
उम्मीद कभी तू ऐसी मत करना
gurudeenverma198
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
goutam shaw
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
*चांद नहीं मेरा महबूब*
*चांद नहीं मेरा महबूब*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-301💐
💐प्रेम कौतुक-301💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...