Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

हमारा मन

गीतिका
~~
लगेगा किस तरह तुम बिन हमारा मन,
नहीं कर पाएगा जग से किनारा मन।

बताओ क्यों सहेगा जुल्म दुनिया के,
कहीं तो पा सकेगा अब सहारा मन।

खिजा में फूल खिलने की नहीं चाहत,
निराशा की घड़ी में फिर पुकारा मन।

मिटा दो दूरियां सारी रहम कर दो,
बसा दो तैरता जल में शिकारा मन।

बरसती सावनी रिमझिम फुहारों में,
बनेगा खूब खुशियों का पिटारा मन।
~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

1 Like · 34 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
3528.🌷 *पूर्णिका*🌷
3528.🌷 *पूर्णिका*🌷
Dr.Khedu Bharti
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)
gurudeenverma198
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
तुमसे ही दिन मेरा तुम्ही से होती रात है,
AVINASH (Avi...) MEHRA
जीवन का मूल्य
जीवन का मूल्य
Shashi Mahajan
ये   दुनिया  है  एक  पहेली
ये दुनिया है एक पहेली
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
दो नयनों की रार का,
दो नयनों की रार का,
sushil sarna
15🌸बस तू 🌸
15🌸बस तू 🌸
Mahima shukla
कथनी और करनी
कथनी और करनी
Davina Amar Thakral
नेता हुए श्रीराम
नेता हुए श्रीराम
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दिल धड़क उठा
दिल धड़क उठा
Surinder blackpen
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
■ मंगलमय हो अष्टमी
■ मंगलमय हो अष्टमी
*प्रणय प्रभात*
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं
Dr fauzia Naseem shad
बदलता साल
बदलता साल
डॉ. शिव लहरी
ढूँढ़   रहे   शमशान  यहाँ,   मृतदेह    पड़ा    भरपूर  मुरारी
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
संजीव शुक्ल 'सचिन'
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Agarwal
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
कभी-कभी दिल को भी अपडेट कर लिया करो .......
shabina. Naaz
*”ममता”* पार्ट-1
*”ममता”* पार्ट-1
Radhakishan R. Mundhra
*बदलना और मिटना*
*बदलना और मिटना*
Sûrëkhâ
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
Ashish shukla
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
हम वर्षों तक निःशब्द ,संवेदनरहित और अकर्मण्यता के चादर को ओढ़
DrLakshman Jha Parimal
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
*फेसबुक पर स्वर्गीय श्री शिव अवतार रस्तोगी सरस जी से संपर्क*
Ravi Prakash
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
दिन को रात और रात को दिन बना देंगे।
Phool gufran
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
सामाजिक कविता: बर्फ पिघलती है तो पिघल जाने दो,
Rajesh Kumar Arjun
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जनता
जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
Lokesh Sharma
Loading...