Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2023 · 1 min read

बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ)


(शेर)- नहीं कोई इन पर दया, यह कैसा कानून है।
बीएलओ के रूप में इनका, करता हर कोई खून है।।
नहीं कोई अधिकार इनको, पीड़ा अपनी सुनाने का
गुलाम की तरह इनको काम लेना, सभी में जुनून है।।
—————————————————————–
नाम है बीएलओ, यानि बूथ लेवल अधिकारी।
नहीं कोई अधिकार इनको,पिसे दुनिया सारी।।
इनपे नहीं जुल्म करो। इनकी भी कदर करो।।
नाम है बीएलओ,यानि————————-।।

बना रखा है बैल कोल्हू का, बूथ लेवल अधिकारी को।
डांट देता है हर कोई आकर, बूथ लेवल अधिकारी को।।
नहीं मिलता सम्मान उनको, ताने देती दुनिया सारी।
नाम है बीएलओ, यानि —————————-।।
इनपे नहीं जुल्म करो,—————————–।।

मतदान केंद्र पर सारी व्यवस्था, ये बीएलओ करते हैं।
इनके संग व्यवहार सभी, बहुत बुरा ही करते हैं।।
चुनावों में नहीं मिलती है, सुविधा इनको सरकारी।
नाम है बीएलओ, यानि —————————-।।
इनपे नहीं जुल्म करो,—————————-।।

नहीं कोई आजादी इनको, अपनी पीड़ा कहने में।
इनके साथ है संघ सभी, बस राजनीति करने में।।
हर कोई इनको कहता है, एक आफत और बीमारी।
नाम है बीएलओ, यानि————————-।।
इनपे नहीं जुल्म करो,————————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
हों कामयाबियों के किस्से कहाँ फिर...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हुस्न अगर बेवफा ना होता,
हुस्न अगर बेवफा ना होता,
Vishal babu (vishu)
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
कर क्षमा सब भूल मैं छूता चरण
Basant Bhagawan Roy
'विडम्बना'
'विडम्बना'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
एहसास
एहसास
Dr fauzia Naseem shad
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
ढलती उम्र का जिक्र करते हैं
Harminder Kaur
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
कुछ अजीब सा चल रहा है ये वक़्त का सफ़र,
Shivam Sharma
एक शाम ठहर कर देखा
एक शाम ठहर कर देखा
Kunal Prashant
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
कागज ए ज़िंदगी............एक सोच
Neeraj Agarwal
बदली बारिश बुंद से
बदली बारिश बुंद से
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
मेरे ख्याल से जीवन से ऊब जाना भी अच्छी बात है,
पूर्वार्थ
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
*माँ : 7 दोहे*
*माँ : 7 दोहे*
Ravi Prakash
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
शाश्वत सत्य
शाश्वत सत्य
Dr.Pratibha Prakash
वक्त और रिश्ते
वक्त और रिश्ते
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
प्रेम के रंग कमाल
प्रेम के रंग कमाल
Mamta Singh Devaa
महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
Neelam Sharma
Mohabbat
Mohabbat
AMBAR KUMAR
प्रेम
प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
मुक्तक... हंसगति छन्द
मुक्तक... हंसगति छन्द
डॉ.सीमा अग्रवाल
होली
होली
Madhavi Srivastava
तेरे गम का सफर
तेरे गम का सफर
Rajeev Dutta
" मैं तन्हा हूँ "
Aarti sirsat
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
तुझे कैसे बताऊं तू कितना खाश है मेरे लिए
yuvraj gautam
Har Ghar Tiranga
Har Ghar Tiranga
Tushar Jagawat
Loading...