Dr.Pratibha Prakash Tag: गीत 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read सूनी अँखियाँ सुनी सूनी मेरी अंखियां , रीति रीती मेरी रतियाँ देवत ताने सगरी दुनियां , सुनो पुकार अब मेरी ढोला तुम बिन फ़ीकी मेरी अंघिया ......... तुमसे सजता मेरा जीवन ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 1 17 Share Dr.Pratibha Prakash 3 May 2024 · 1 min read तुम बिन ... तुम साथ हो विश्वास है, तुम संग हो यही श्वांस है तुमसे मेरी लक्ष्य शोभित, तुम बिन तो सब नैराश है तुम संग हो छू लूं नभ सकल, तुम संग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 1 14 Share Dr.Pratibha Prakash 2 May 2024 · 1 min read प्रेम सकल सृष्टि में दृष्टगोचर, अनंत और है क्षितिज तक ये प्रेम अनादि सतत शाश्वत, सनातन जगत ही प्रेम है ये प्रसन्नता का पर्याय भी, पूजा भक्ति का सार भी ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 2 16 Share Dr.Pratibha Prakash 31 Mar 2024 · 1 min read दिन ढले तो ढले हँसकर मिलना तुम सभी से गले अगर दिन ढलता है तो ढले ...हंसकर ... निशा है ये काली पर कट ही जाएगी मुश्किल है मंजिल मगर मिल जाएगी न हिम्मत... Hindi · गीत 3 33 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Mar 2024 · 2 min read अकेले आए हम अकेले है जाना अकेले , बहकाते हैं ये दुनियाँ के मेले कुछ भी नहीं है सच्चा यहाँ , सारे ही रिश्ते हैं मिथ्या यहाँ बालू के ढेर पर... Hindi · गीत · गीतिका 3 180 Share Dr.Pratibha Prakash 30 Jan 2024 · 1 min read ह्रदय के आंगन में मेरे हृदय के इस आँगन में, रहता था बस सूनापन देकर अपनी मीठी छुअन, जगा दिया तुमने स्पंदन क्यों किया तुमने ऐसा, चुभा दिया कांटा हो जैसा क्यों जानी मेरी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 4 328 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jan 2024 · 1 min read प्रीत की चादर बदली ने ओढ़ प्रीत की चादर , भू को आज भिगोया है और धरा ने फैला बाहें, बूंदों को सीने में पिरोया है .............. नाचे मोर पपीहा गाए,झूम झूम सावन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 9 117 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read मिलन की वेला घटा घनघोर छाई , संदेश पिया का लैके आई लगे मिलन की वेला , अब आई- अब आई ............. बदरा भये अब कारे-कारे, जैसे नैन तेरे कजरारे मेघ झुके तो... Poetry Writing Challenge-2 · गीत 10 85 Share Dr.Pratibha Prakash 27 Jan 2024 · 1 min read योग न ऐसो कर्म हमारा मन चाहे तुझमें खो जाऊं, योग न ऐसो कर्म हमारा ज्ञान न एतो तुमको पा लूँ ,ताहि रटूं मैं नाम तिहारा हर पल तेरा दर्शन मांगू ,मैं तेरी हूँ इतना... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत 10 101 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read मिलन चाह लिये मिलन की तुमसे करती रोज निहार जब भी दूँ सन्देश तुम्हें मिलता जाए इनकार मिल जाए इनकार व्यथित तब मन हो जाता पल भर तो कुछ समझ न... Poetry Writing Challenge · गीत 20 3 137 Share Dr.Pratibha Prakash 14 Jun 2023 · 1 min read शाश्वत सत्य अटल अडिग अविचल निश्चय सत्य सनातन शाश्वत परिचय अनादि अनन्त अगम अगोचर शान्त सहज भय से भयंकर बांधे सकल काल अणु रज रज भू अम्बर प्रकृति हर अक्षर शत सूर्य... Poetry Writing Challenge · गीत 17 2 292 Share Dr.Pratibha Prakash 13 Jun 2023 · 1 min read ललकार आर्यावर्त सप्त, सैन्धव, भारत खंडे, भारत कहलाया है इसकी पावन माटी को माता कहकर बुलाया है चरण पखारे लहराता सागर, हिम श्रंग ने मुकुट सजाया है पश्छिम में भू स्वर्ण... Poetry Writing Challenge · गीत 17 3 217 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read पिय पीर जिया की पिय नहीं समझे जग को दिखान से का होय जाहि आँख न समझे आँख की व्याधा नीर बहाये से का होय जाहि नदिया बन गई नैनन कोरें... Poetry Writing Challenge · गीत 18 3 389 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read दरश बिन तुमसे बिछुड़े मोरे प्रभ जी भई छः मासी की रैन दरश बिन दूखन लागे नैन,दरश बिन दूखन लगे नैन जल बिन जैसे मीन अधीरा बिन सावन जैसे रोये पपीहा जैसे... Poetry Writing Challenge · गीत 17 4 306 Share Dr.Pratibha Prakash 12 Jun 2023 · 1 min read पुकार यदि सुन लेते तुम मेरी पुकार मन प्रदीप्त पुनः हो जाता गाने लगते नवीन राग देता सुगन्धि पल्लव पल्लव प्रकीर्ण हो जाता पराग महक उठता बसन्त मधुमास बजती मुरली अबकी... Poetry Writing Challenge · गीत 16 3 252 Share Dr.Pratibha Prakash 11 Feb 2017 · 1 min read दरश बिन तुमसे बिछुड़े मोरे प्रभ जी भई छः मासी की रैन दरश बिन दूखन लागे नैन,दरश बिन दूखन लगे नैन जल बिन जैसे मीन अधीरा बिन सावन जैसे रोये पपीहा जैसे... Hindi · गीत 16 1 301 Share Dr.Pratibha Prakash 3 Feb 2017 · 1 min read बसंती पुरवइया चली बसन्ती पुरवइया और बाग हुआ मतवाला नन्ही कपोलों से सज गया, तरुवर का पत्ता डाला करे अलाप की कोयल तैयारी, छाने लगी नव हरियाली खिले सरसो के संग सुमन,... Hindi · गीत 16 393 Share Dr.Pratibha Prakash 3 Sep 2016 · 1 min read भू -घटा संवाद वारिश का मौसम और वरसात आत्मा की पुकार परमात्मा से सुनिए धरा क्या कहती है घटा से एक आत्मीय संवाद भू घटा संवाद काली घटायें घिर घिर कर, प्यासे हृदय... Hindi · गीत 16 6 986 Share Dr.Pratibha Prakash 29 Jul 2016 · 1 min read हरियाला सावन हरा भरा हरियाला सावन मन भाये मतवारा साजन प्यासी प्रीत धरा की जागी उर को वुझावे आ नीलगगन महक उठी अब डाली डाली गाए मल्हार कोयलिया कारी पड़ गए झूले... Hindi · गीत 11 3 317 Share