तुम बिन …
तुम साथ हो विश्वास है, तुम संग हो यही श्वांस है
तुमसे मेरी लक्ष्य शोभित, तुम बिन तो सब नैराश है
तुम संग हो छू लूं नभ सकल, तुम संग तो पी लूं गरल
तुम रंग मेरा हो सरल, मिल जाओ तुम तो हो विरल
युगों की ज्यों जागी क्षुधा, या अंतहीन पिपास है
तुम साथ हो…………………………………..
कर्म हो तुझको समर्पित, वाणी हो मेरी नियंत्रित
अस्तित्व मेरा हो संयमित, मार्ग हो स्पष्ट नियमित
पथिक मैं पथ तू मेरा, धड़कन तेरा ही निवास हो
तुम साथ हो…………………………………..
जीवन का मेरे उद्देश्य हो, जीवन मेरा संदेश हो
शब्दों में तुम ही वेश हो, तुम ही मेरे दरवेश हो
मेरी आराधना परिभास हो, एक तुम ही आस हो
तुम साथ हो…………………………………..
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