Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

पिय

पीर जिया की पिय नहीं समझे
जग को दिखान से का होय जाहि
आँख न समझे आँख की व्याधा
नीर बहाये से का होय जाहि
नदिया बन गई नैनन कोरें
मिलन ज्वार हिय में उठि आयि
सावन बन के बदरा वरषे
प्यास जिया की बुझ नहि पायि
मेघा रो रो विरह सुनावे
ले ले नाम बस तोहे बुलायि

Language: Hindi
Tag: गीत
18 Likes · 3 Comments · 385 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all
You may also like:
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
वृक्षों का रोपण करें, रहे धरा संपन्न।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बसंत हो
बसंत हो
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
🙅देखा ख़तरा, भागे सतरा (17)
🙅देखा ख़तरा, भागे सतरा (17)
*Author प्रणय प्रभात*
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
लोग मुझे अक्सर अजीज समझ लेते हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बसंत
बसंत
manjula chauhan
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
“तब्दीलियां” ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
ऋण चुकाना है बलिदानों का
ऋण चुकाना है बलिदानों का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
।।अथ सत्यनारायण व्रत कथा पंचम अध्याय।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
Change is hard at first, messy in the middle, gorgeous at th
पूर्वार्थ
संसार का स्वरूप (2)
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बाहर-भीतर
बाहर-भीतर
Dhirendra Singh
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
Quote - If we ignore others means we ignore society. This way we ign
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
जब गेंद बोलती है, धरती हिलती है, मोहम्मद शमी का जादू, बयां क
Sahil Ahmad
" फ़साने हमारे "
Aarti sirsat
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Mamta Rani
प्राप्त हो जिस रूप में
प्राप्त हो जिस रूप में
Dr fauzia Naseem shad
हर कभी ना माने
हर कभी ना माने
Dinesh Gupta
एक मशाल जलाओ तो यारों,
एक मशाल जलाओ तो यारों,
नेताम आर सी
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
*बहती हुई नदी का पानी, क्षण-भर कब रुक पाया है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
Sanjay ' शून्य'
“तुम हो तो सब कुछ है”
“तुम हो तो सब कुछ है”
DrLakshman Jha Parimal
"अपदस्थ"
Dr. Kishan tandon kranti
3128.*पूर्णिका*
3128.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पंचम के संगीत पर,
पंचम के संगीत पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...