Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Feb 2021 · 2 min read

कॉलेज वाला प्यार

स्कूल की पढ़ाई
जब खत्म हो गई थी
दिल में थी उमंगे
जो साफ दिख रही थी

सामने दिख रही थी
कॉलेज की ही पढ़ाई
लेके दाखिला वहां
आगे ज़िन्दगी बढ़ाई

कॉलेज का पहला दिन था
मेरे साथी भी तो संग थे
मेरी ज़िन्दगी थी उनमें
वो इस ज़िन्दगी के रंग थे

मस्तियां ही करते
नहीं किसी से डरते
कॉलेज की ज़िन्दगी ये
अच्छे से चल रही थी

तब एक दिन वो आयी
मुझे पहली नज़र में भायी
आके सपनो मे थी सताती
फिर भी मुझको थी भाती

अब क्या नहीं मैं करता
उसी की राह तकता
मैनें ढूंढ ली खुदाई
वो फिर नज़र ना आई

मैं मायूस हो गया था
गमगीन हो गया था
यारों को खो गया था
अकेला हो गया था

तब एक सुबह आई
जब वो नज़र थी आई
मेरी दुनिया दिख रही थी
पलकें ठहर गई थी

जब सामने वो आई
हालेदिल बयां किया था
जो भी दिल में था
वो सब कह दिया था

मेरी किस्मत भी थी
उस दिन अच्छी
उसको भी मेरी बातें
लग रही थी सच्ची

उसने भी मेरे प्यार को
खुशी से कबूल कर लिया था
और हमारे प्यार का ये
सिलसिला शुरू हो गया था

मिलने लगे हम अक्सर
जब भी मौका मिलता
जब देखती थी उसे आंखे
दिल में था फूल खिलता

लग रहा था ये समय
जल्दी जल्दी बीत रहा है
फिर सगाई हुई तो लगा
हमारा प्यार जीत रहा है

अब कॉलेज की पढ़ाई
भी पूरी हो गई थी
हम दोनों के बीच
थोड़ी दूरी हो गई थी

कुछ ही सालों में हम
दोनों की शादी हो गई थी
और इस तरह हमारी ये
प्रेम कहानी पूरी हो गई थी ।

10 Likes · 1 Comment · 967 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"प्यार की कहानी "
Pushpraj Anant
■ आज का सवाल...
■ आज का सवाल...
*Author प्रणय प्रभात*
मां
मां
Dr Parveen Thakur
*हॅंसते बीता बचपन यौवन, वृद्ध-आयु दुखदाई (गीत)*
*हॅंसते बीता बचपन यौवन, वृद्ध-आयु दुखदाई (गीत)*
Ravi Prakash
ये
ये
Shweta Soni
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
सत्साहित्य सुरुचि उपजाता, दूर भगाता है अज्ञान।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
किसी की प्रशंसा एक हद में ही करो ताकि प्रशंसा एवं 'खुजाने' म
Dr MusafiR BaithA
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
2846.*पूर्णिका*
2846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
राजकुमारी
राजकुमारी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
उसकी अदा
उसकी अदा
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran
क्या सत्य है ?
क्या सत्य है ?
Buddha Prakash
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐Prodigy Love-35💐
💐Prodigy Love-35💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"सफलता की चाह"
Dr. Kishan tandon kranti
ये जो उच्च पद के अधिकारी है,
ये जो उच्च पद के अधिकारी है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
अनंतनाग में परचम फहरा गए
अनंतनाग में परचम फहरा गए
Harminder Kaur
मदनोत्सव
मदनोत्सव
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
श्रम दिवस
श्रम दिवस
SATPAL CHAUHAN
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
!! मैं उसको ढूंढ रहा हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
प्रेरणा गीत (सूरज सा होना मुश्किल पर......)
अनिल कुमार निश्छल
“हिचकी
“हिचकी " शब्द यादगार बनकर रह गए हैं ,
Manju sagar
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
कदम छोटे हो या बड़े रुकना नहीं चाहिए क्योंकि मंजिल पाने के ल
Swati
कहना तो बहुत कुछ है
कहना तो बहुत कुछ है
पूर्वार्थ
अतिथि देवो न भव
अतिथि देवो न भव
Satish Srijan
Loading...