Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

श्रम दिवस

श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार ,
जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार।
श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे हार,
आलस करने वालों की कभी नहीं होती है नैया पार।।

बीच भंवर में फंस जाते हैं करते रहते है तकरार,
रीत बनी है श्रम करने वालों का होता है सत्कार।
श्रम करने वालों के ही रास्ते खुलते जग में हजार,
जीवन के कठिन डगर पर संभावनाएं बडीअपार।।

श्रम करने से ही बनते हैं मार्क्स और अम्बेडकर ,
विपरीत परिस्थितियों मैं भी बन गए हैं दिनकर ।
झुककर रहना मंजूर नहीं है रहेंगे सदा तनकर ,
श्रम से ही जीत होती है बात रहे सदा मन पर ।।

शत शत नमन उन सबको जिसने किया है श्रम ,
मेहनत करने वालों का नहीं होता यहां कोई धर्म।
मानव होने के नाते मानवता के ही सब करें कर्म ,
जीवन रस मय बनेगा जीवन आनंद से हो भरपूर।।

सतपाल चौहान ।

Language: Hindi
3 Likes · 93 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SATPAL CHAUHAN
View all
You may also like:
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
हर पल ये जिंदगी भी कोई खास नहीं होती ।
Phool gufran
तुम कहो कोई प्रेम कविता
तुम कहो कोई प्रेम कविता
Surinder blackpen
*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*
*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
*चारों और मतलबी लोग है*
*चारों और मतलबी लोग है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
एक ही नारा एक ही काम,
एक ही नारा एक ही काम,
शेखर सिंह
नयी शुरूआत
नयी शुरूआत
Dr fauzia Naseem shad
तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे
तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे
gurudeenverma198
फितरत
फितरत
Mukesh Kumar Sonkar
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr Shweta sood
सामाजिक न्याय
सामाजिक न्याय
Shekhar Chandra Mitra
वो रास्ता तलाश रहा हूं
वो रास्ता तलाश रहा हूं
Vikram soni
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
खुद को इतना मजबूत बनाइए कि लोग आपसे प्यार करने के लिए मजबूर
ruby kumari
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
(7) सरित-निमंत्रण ( स्वेद बिंदु से गीला मस्तक--)
Kishore Nigam
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
जिंदगी
जिंदगी
Neeraj Agarwal
"हाथों की लकीरें"
Dr. Kishan tandon kranti
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
असली दर्द का एहसास तब होता है जब अपनी हड्डियों में दर्द होता
प्रेमदास वसु सुरेखा
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
लिख दो किताबों पर मां और बापू का नाम याद आए तो पढ़ो सुबह दोप
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मजदूरों के साथ
मजदूरों के साथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चुनाव
चुनाव
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ये दूरियां मजबूरी नही,
ये दूरियां मजबूरी नही,
goutam shaw
लाख कोशिश की थी अपने
लाख कोशिश की थी अपने
'अशांत' शेखर
💐प्रेम कौतुक-366💐
💐प्रेम कौतुक-366💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कितना ठंडा है नदी का पानी लेकिन
कितना ठंडा है नदी का पानी लेकिन
कवि दीपक बवेजा
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/54.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
छाया है मधुमास सखी री, रंग रंगीली होली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...