Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2023 · 1 min read

*मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)*

मिक्सी से सिलबट्टा हारा (बाल कविता)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
गुड़िया को ले मेला जाते
चक्की चूल्हा बेलन लाते
चकले पर थी रोटी बिलती
दो-दो रोटी सबको मिलती
मिट्टी की थी सभी रसोई
टूटी तो फिर गुड़िया रोई
— – – – – – – – – – – –
अब हैं खेल- खिलौने न्यारे
प्लास्टिक के दिखते हैं प्यारे
अब है गैस – सिलेंडर भारी
बिजली की चीजें हैं सारी
मिक्सी से सिलबट्टा हारा
गया पुराना युग बेचारा
●●●●●●●●●●●●●●●●●
रचयिताता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
देवा श्री गणेशा
देवा श्री गणेशा
Mukesh Kumar Sonkar
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
"चार दिन की चांदनी है दोस्तों।
*Author प्रणय प्रभात*
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
आसानी से कोई चीज मिल जाएं
शेखर सिंह
*** हमसफ़र....!!! ***
*** हमसफ़र....!!! ***
VEDANTA PATEL
नव संवत्सर
नव संवत्सर
Manu Vashistha
" छोटा सिक्का"
Dr Meenu Poonia
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
जब जब तुझे पुकारा तू मेरे करीब हाजिर था,
Sukoon
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
तू जब भी साथ होती है तो मेरा ध्यान लगता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अंत समय
अंत समय
Vandna thakur
"ढिठाई"
Dr. Kishan tandon kranti
विकास
विकास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
राम : लघुकथा
राम : लघुकथा
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
उन्हें हद पसन्द थीं
उन्हें हद पसन्द थीं
हिमांशु Kulshrestha
यूँ तो कही दफ़ा पहुँची तुम तक शिकायत मेरी
यूँ तो कही दफ़ा पहुँची तुम तक शिकायत मेरी
'अशांत' शेखर
मेरा यार आसमां के चांद की तरह है,
मेरा यार आसमां के चांद की तरह है,
Dushyant Kumar Patel
प्यासा मन
प्यासा मन
नेताम आर सी
*रोज बदलते मंत्री-अफसर,बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】*
*रोज बदलते मंत्री-अफसर,बाबू सदाबहार 【हास्य गीत】*
Ravi Prakash
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
*
*"हरियाली तीज"*
Shashi kala vyas
अश्रु
अश्रु
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
2391.पूर्णिका
2391.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
तुम किसी झील का मीठा पानी..(✍️kailash singh)
Kailash singh
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
चम-चम चमके, गोरी गलिया, मिल खेले, सब सखियाँ
Er.Navaneet R Shandily
जन अधिनायक ! मंगल दायक! भारत देश सहायक है।
जन अधिनायक ! मंगल दायक! भारत देश सहायक है।
Neelam Sharma
बुलेटप्रूफ गाड़ी
बुलेटप्रूफ गाड़ी
Shivkumar Bilagrami
कागजी फूलों से
कागजी फूलों से
Satish Srijan
Loading...