Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 98 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 25 Apr 2024 · 3 min read गरिबी र अन्याय ●दिनेश यादव रामबत्ती बिहानै उठेर घरको कामधन्दामा व्यस्त थिइन । तीन वर्षिया छोरी मञ्जू पनि सकालै उठिन । आमालाई संगै नदेखेपछि केही बेर रोईन । आँखा मिच्दै बाहिर निस्किन ।... Nepali · कथा 1 25 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 23 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज एक राही, भटकते रहा, सत्य की खोज में, रोशनी तले अंधेरा, राही को समझ नहीं आया । सत्य की खोज में, तीर्थयात्रा जारी रही, माता–पिता की सेवा सें परे, अपने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 58 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Mar 2024 · 1 min read सत्य क्या है ? जीवन सत्य है, विवेक का यह प्रकाश भी है, इससे विमुख होना, असत्य की मार्ग है । ज्ञान सत्य है, जीवन रुपान्तरण का यह साधन भी हैं, इसके विपक्ष मे... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 76 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 2 Mar 2024 · 1 min read हाइकु (#हिन्दी) बहु संस्कारी जब तक तपती चूल्हे की आग । ♧♧♧♧♧♧♧ चूल्हे की आग नसिब कहाँ उसे जो है गरीब । ♧♧♧♧♧♧♧ चूल्हे जलती पेट की आग बुझती ऊर्जा मिलती ?... Hindi · हाइकु 1 2 1k Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 28 Feb 2024 · 1 min read लोग बंदर लोग बंदर मदारी बैन पंडा खुब नचबे ! Quote Writer 1 35 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Feb 2024 · 1 min read बापक भाषा बापक भाषा अपन ऊ बुझैछ म्यामें छै भ्रम ! Quote Writer 1 53 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Feb 2024 · 1 min read #मैथिली_हाइकु १. बिना औजार उबजे नय खेती अन्न सपना ! २. हौ बुद्धिमान सोच निच तोहर तें बकनेर ! ३. छै बकलोल बिना फार-कनैल जोतैछ हर ! ४. दू मुँहा लोग... Maithili · हाइकु 1 54 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Feb 2024 · 1 min read सांस माक्स लगाकर, किसान चाचा, खेत की ओर कूंच करते, रास्ते में, मंगरू भैया, माक्स में ही मिलते ओ शौच से आते । आमने–सामने होते , मंगरू भैया, बोले झिझकते –... Poetry Writing Challenge · कविता 1 43 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read फूल हरित पत्तों की पर्दों में है, तने के अंत में जीवित है, शोभा पेड़ की बढ़ाती है, एक सुंदर फूल जो है, पर, नज़र जब लोगों की पडती है, तोड़... Poetry Writing Challenge · कविता 2 41 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read बेटी एक बेटी जो, आधुनिकता पर बेकाबू हैं, फैशन के दिनचर्या पर उतारु हैं, मनमर्जी परिवार पर हावी हैं, शादी भी खूद की पंसद करी हैं, पढाई में तेज होने के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 40 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read पिता का पेंसन इलाज और दवा, सेवा में भी हिसाब, वर्षो. से परंपरा बना, एक–एक हिसाब पर सभी चौकन्ना, पिता का पेंसन, बंदरबांट करते संतान । कपडे–लत्ते पुराना, नूतन नसीब कहा, अब, बेटे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 46 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 20 Feb 2024 · 1 min read दो सहोदर दो सहोदर, साथ–साथ पला, बढा, पवरिश और छत्तरी, मार्ग, लक्ष्य भी एक, माता–पिता का, समान स्नेह भी मिला । पर, शादी होते ही, सबकुछ बदला, अब, दो सहोदर, अलग–अलग, ध्रुब... Poetry Writing Challenge · कविता 1 59 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 18 Feb 2024 · 1 min read भाषा मूल मातृभाषी लोग, अपनो ही से लुट गए, उनकी अपनी ही भाषा दूसरों के बन गए, उनकी बोली वीरान नहीं, पर वह वहिष्कृत हो गए, अविश्वासी भी बन गए, माँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 57 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read तोता और इंसान इंसान को देखते ही, पंडित जी का तोता अनाहक बोला– हे मूर्ख ! यह सुनते ही मनुष्य आबाक है, उसके प्रतिक्रिया की स्थिति गौण है, परन्तु मन में वाणी की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 55 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read बचपन वो भी था एक जमाना, खुशियों का न कोई ठिगाना, हंसी मजाक खुब करना , चंदामामा का चाहना, तितली पकडने का बहाना, अहा, बचपन बहुत सुहाना । बांस के छड़ी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 39 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read स्वयंभू वह कहते हैं– मैं प्रचारक, बुद्धिमानी किसी से कम नहीं हूं, दूसरों की बात क्यों मानूं, स्वयंभू किसी की बात कभी मानी है < उसके, ढोल की लय, ताल भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 46 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read गरीबों की जिंदगी कभी नमक, कभी कपड़े, दवा भी लेनी है, त्योहार की तैयारी चल रही होती है, बेटी की विदाई भी आ जाती है, उन्हें उपहार मे साड़ी, धोती और कुर्ता देने... Poetry Writing Challenge · कविता 1 65 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 17 Feb 2024 · 1 min read मेरा दिन भी आएगा ! गाँव का एक भतीजा, अठारह वर्ष का वह, कह रहा था- अंकल, मेरा दिन भी आएगा । जब पहुँचा वह, तीस, तब भी कह रहा था– अंकल, मेरा दिन भी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 80 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read वह कौन सा नगर है ? व्यक्तिगत मामलों में जागना, जनसमस्याओं में सोये रहना, बदमाशी में आगे रहना, बलपूर्वक कार्य में एकत्रित होना, वह कौन सा नगर है जरा बताना ? कदम कदम पर धर्म की... Poetry Writing Challenge · कविता 2 43 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read गुलाम शिक्षित किशोर , तुम मूर्ख क्यों बन रहे हो ? ठेकेदारों की बोली के माध्यम, तुम क्यों बन रहे हो ? अपनी बुद्धि के मुन्ना खोलो, तुम किसी और का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 47 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Feb 2024 · 1 min read मजदूर संख्या मे हम भारी हैं, समूहों में भी हम कम नहीं , हमारे ही शक्तिबल से अन्न उपजे, हमारे संकट में कोई हमें न पूछे, एक कहावत है, टूटा हुआ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 42 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read पिता और पुत्र कंधे पर, अपने पिता के , बेटा चढा है , मेला दिखाने , नङ्गे पाव, ठेलम-ठेल मे वह दौडा है । कभी जलेबी, खिलौने भी, जब उसने चाहा है, रेजकी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 84 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read शहर में नकाबधारी इस जगत में, चारो तरफ झुठ ही झुठ है, सत्य को, पहचाने कैसे हम ? नकाबधारीयों की दबदबा है सहर में किस–किस को ऐना देखाएँ हम ? हर जगह मौसम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 54 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read गरीब–किसान कभी बाढ ने लुटा, कभी सुखे ने, कभी कोरोना बीमारी से लुट गया, लुटाना जिसके नियत है, वह कोई नहीं गरीब–किसान हैं । फसल मे नुकसान, राहत के इरादे, दर–दर... Poetry Writing Challenge · कविता 1 61 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read भूखे हैं कुछ लोग ! भूखे हैं कुछ लोग देश, समाज के पहिचान, स्वाभिमान बचाने के जुनून मे परन्तु भावनाओं के गहरे दहलीज पर दिगभ्रमित करनेवाला भीड गला उसके रेटती है । भूखे है कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 61 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read हंसें और हंसाएँ किस से कौन क्या लेता हैं, किस को कौन क्या देता हैं, इसिलिए थोडा ही सही हंसें, इसिलिए थोडा ही सही दूसरों को हंसाएँ, सम्बन्ध एही तो हैं, खुद हंसें... Poetry Writing Challenge · कविता 1 53 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 4 Feb 2024 · 1 min read गुमशुदा लोग वह लोग, जो बार–बार विलिन होता हैं, दुसरे के छाया मे, जब वह खडा होता हैं, खुद गुमशुदा बन जाता हैं । वह लोग, जो खुद छाया नही बन पाता... Poetry Writing Challenge · कविता 1 54 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read #पंचैती गावों मे चारों ओर अपराधों के जाल बिछा है, सामन्तीयों ने वहाँ कमजोरों को सदैव घेरते आया है, कभी बेटियाँ की ईज्जत पर धावा बोला हैं, कभी लोगों का धन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 70 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read पागल बना दिया मैं कवि न था कभी लेकिन तुमने कवि बना दिया एक नेक दिल इंसान को पागल बना दिया । मैं शायर न था कभी लेकिन तुम्हारे प्यार ने शायर बना... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 72 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read हम और तुम आँखो में बसा कर तुम्हे, जीवन नैया पार करने की तमन्ना है मेरी, दिल के धड़कन में बाँध कर, साथ-साथ जीने की आरजू हैं मेरी, इसिलिए आओ प्रिये ! वर्तमान... Poetry Writing Challenge · कविता 1 82 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read आखिर कब तक आखिर कब तक तुम अपने कातिल मुस्कान से मुझे तड़पाते रहोगे कम से कम एक बार तुम अपने सप्तरंगी ख्वाबो में मुझे बसा के तो देखो । आखिर कब तक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 71 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read जीवन जीवन दो दिनों का मेला है, फिर लोग क्यों अपनों से करता झमेला हैं ।१। दुःख तो सभी को मिला है, फिर सुख में किस बात की रेला है ।२।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 70 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 3 Feb 2024 · 1 min read हाइकु (#मैथिली_भाषा) #लोकमैथिली_हाइकु १. चम्बल घाँटी रंगमंच बनल जनकपुर ! २. बेल मोहन चोरबाके प्रख्याति जानकी भूमि ! ३. झिझा गामसँ आब चिनहाउत जनक भूमि ! ४. सीता नगरी बभनौटी पागक' खोजै... Maithili · हाइकु 1 77 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 27 Jan 2024 · 1 min read कठपुतली ( #नेपाली_कविता) न कुनै प्रगतिवादी चरित्र , न त्यस अनुरुपको कुनै सोच, विचार र सिद्धान्त, मात्र हल्लाबोलमा रमाउँछ, टाई-सुटमा एउटा कठपुतली, समय–समयमा नाटक मञ्चन गर्छ । न कुनै योगदान, न त्यस अनुरुपको... Nepali · कविता 1 92 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Jan 2024 · 1 min read केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pe केही कथा/इतिहास 'Pen' ले र केही 'Pain' ले लेखिएको पाइन्छ।'Pen' ले लेखिएको कथा/इतिहास सम्झौताप्रस्त नेतृत्वले आफू अनुकूल प्रयोग र व्याख्या गर्दै त्यसलाई आफ्नै हातले रातो मसी लगाउँदै 'गलत' ठहराउन सक्छन्... Quote Writer 103 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Jan 2024 · 1 min read सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर सोचके बत्तिहर बुत्ताएल लोकके व्यवहार अंधा होइछ, ढल-फुँनगी पर चढल उच्चका मुँहभरे खसबे करैछ । Quote Writer 1 152 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 21 Jan 2024 · 1 min read भूख भूखे हैं कुछ लोग देश, समाज के पहिचान, स्वाभिमान बचाने के जुनून मे परन्तु भावनाओं के गहरे दहलीज पर दिगभ्रमित करनेवाला भीड गला उसके रेटती है । भूखे है कुछ... Hindi · कविता 1 978 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 16 Jan 2024 · 1 min read जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग । जीवन को सफल बनाने का तीन सूत्र : श्रम, लगन और त्याग । Quote Writer 1 140 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 15 Jan 2024 · 1 min read *लोकमैथिली_हाइकु* १. भिने बथान समूहमे रमैए कनही गाय! २. ताल बेताल खुब धकरैए हाथ सुथनी ! ३. ललका फित्ता गर्दैनमें लटका माछी मारैए ! ४. छै लालेलाल लाले कपडा-गाल मन छै... Maithili · हाइकु 1 977 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 2 Jan 2024 · 1 min read #धोती (मैथिली हाइकु) १. जिंस छै निचा उपर धोती लगा नाटक करै ! २. मुद्दा कोनो नै अदाकारिता खुब स्टन्डबाज ओ ! ३. सुटबुटमे सदखैन रमैए धोतीके धौंस ! ४. गिदह करै मुद्दा... Maithili · हाइकु 1 117 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 26 Dec 2023 · 2 min read #संवाद (#नेपाली_लघुकथा) मर्निङ वाकमा गफ्फिदै गई रहेका दुई जनामध्ये एउटाले भन्दैथ्ये- 'आर्थिक मन्दीले धेरै गाह्रो बनाई सक्यो, यार ! निजी कम्पनीमा काम गर्ने म जस्तालाई त झनै सास्ती छ, हौ ....!' अर्कोले... Nepali · कथा 1 135 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 18 Dec 2023 · 2 min read #गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा) गाउँका काकाको नाति अत्यन्तै चुलबुले र चञ्चले रै'छन् । काकाले तिनलाई 'बदमास' को संज्ञा दिएका थिए । घरमा जो कोही पुग्दा नि नातिको परिचय त्यै भनेर गराउँथे । एकदिन काकाको... Nepali · कथा 1 167 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 16 Dec 2023 · 2 min read जीवन सूत्र (#नेपाली_लघुकथा) गाउँ (#फकिरा) बाट राजधानी आएको साता जति भएछ । एता आए पनि गाउँले काकाको सम्झना झलझल्ती आइ रा'छ । गाउँमा छँदा उनीसंग पटक-पटक भएको संवादहरू जीवन, परिवार, समाज र देशको... Nepali · कथा 1 171 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 22 Oct 2023 · 1 min read युवा संवाद आज दुई जना युवा एफएम रेडियोमा समाचार सुन्दै मर्निङ वाकमा थिए । पछि-पछि म पनि थिएँ । रेडियोमा सरकारी कार्यालयका कर्मचारीले 'घुस लिएको' समाचार बज्दै थियो । 'घुस' बारेको समाचार... Nepali · कथा 1 106 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 22 Oct 2023 · 1 min read संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं । संसार में कोई किसी का नही, सब अपने ही स्वार्थ के अंधे हैं । इसिलिए कोई भी निर्णय व्यक्ति आत्मकेन्द्रित होकर करता है । ●दिनेश यादव Quote Writer 1 189 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 9 Sep 2023 · 1 min read खुशी(👇) खुशी(👇) खुशी तब मिलती है, जब किसी के खुशी का कारण आप बनते है ! @दिनेश_यादव Quote Writer 1 80 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 9 Sep 2023 · 2 min read सापटी सापटी (#लघुकथा👇) #ग्रामोधार_काका : भरोसीया ! तिमीले लिएको सापटी रकम कहिले फर्काउँछौ ? धेरै दिन भै-सक्यो त ...? #भरोसीया : छोराले विदेशबाट आफ्नो कमाई पठाएको छैन ! उताबाट आउने बित्तिकै... Nepali · कथा 1 146 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 10 Jun 2023 · 2 min read शीर्षक : पायजामा (लघुकथा) ●दिनेश यादव गुल्टन काकाले छिमेकी भारतीय बजार अन्धरामंठमा सिलाएको सुतिको पायजामा लगाएर गाउँस्थित मेरो निवासमा आउनु भएको रहेछ । भलाकुसारीकै क्रममा काकाले पायजामा देखाउँदै भन्नुभयो,' कपडा कति महंगो भएछ? अझ... Nepali · कथा 1 498 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 9 Jun 2023 · 1 min read चोरबत्ति (मैथिली हायकू) १. ईजोत तर चोरबत्ती बारैछ पंडा गोतिया । २. बपौती मानि संस्था चलबइ छै कहै समता। ३. कोचा फारैछ फाँक-फाँकमें फुँटि ताकैछ गुल्ली । ४. चेथरा मोन भाँसल पुरे भाष्य... Maithili · हाइकु 2 283 Share Dinesh Yadav (दिनेश यादव) 7 May 2023 · 1 min read #हँसी #हँसी हँसी खिलती सारा कष्ट मिटती जीवन मस्ती ! ************* बेताब हम हँसी ढुढ्ते हम दौड्ते हम ! ************** किलगारीयाँ रोमाञ्चक बेहद हँसती अम्मा ! ************** गुलाबी ओठ कात्तिल-ए-मुस्कान जीना... Quote Writer 1 234 Share Page 1 Next