Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2024 · 1 min read

तोता और इंसान

इंसान को देखते ही,
पंडित जी का तोता
अनाहक बोला– हे मूर्ख !
यह सुनते ही मनुष्य आबाक है,
उसके प्रतिक्रिया की स्थिति गौण है,
परन्तु मन में वाणी की बड़बड़ाहट है,
क्योंकि वह एक इंसान है ।

पिंजरे में बंद,
तोता ने इंसान को देखते ही,
फिर बोला– हे अज्ञानी !,
यह सुनकर इंसान स्तब्ध है,
अनावश्यक सिरदर्द में वह डूब जाता हैं,
परन्तु खुद को रोककर अपने रास्ते पर चलता है,
क्योंकि वह एक इंसान है ।

दूसरे का दाना–पानी खाकर जिंदा तोता,
इंसान को देखते ही,
चिल्लाया– हे गुंगे !,
यह सुनकर इंसान का पारा गर्म है,
परन्तु धैर्य के बल पर वह शांत है,
अपने मिशन के प्रति समर्पित है,
क्योंकि वह एक इंसान है ।

एक तोता जो दूसरो की भाषा बोलता है,
इंसान को देखते ही,
मुस्कुराते हुए बोला –हे नामर्द !,
यह सुनकर इंसान निराश है,
मुट्ठी भर लोगों के कुकर्मों पर उन्हें चिंता है,
परन्तु बहुसंख्य मुँह खोलेगें वह आशावादी है,
क्योंकि वह एक इंसान है ।

तोते का उन्माद बढा,
शिकायत पंडित जी से हुई.
रामधुलाई पर वह चुप है,
लेकिन मनुष्य उसे मुड़कर देखता है,
तभी हंसता हुआ तोता बोला –
बेटा ! अब तुम्हें समझ आ गया होगा,
मैं तोता हूं और तुम इंसान हो ।

पंडित जी का तोता,
वास्तव में, मालिक से कम नहीं है,
शिकायतों पर भी महान है,
उल्टा चोर सिपाही को डाँटे,
पिटाई पर भी खुद को सर्वश्रेष्ठ मानता हैं,
क्योंकि वह पंडित जी का तोता है,
इसिलिए वह उसकी भाषा बोलता है ।

#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल)

Language: Hindi
1 Like · 150 Views
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all

You may also like these posts

चुप रहने की आदत नहीं है मेरी
चुप रहने की आदत नहीं है मेरी
Meera Thakur
'माँ'
'माँ'
Godambari Negi
संगठन
संगठन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
bharat gehlot
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
तुम्हीं मेरा रस्ता
तुम्हीं मेरा रस्ता
Monika Arora
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
*गॉंधी जी सत्याग्रही, ताकत में बेजोड़ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
देखो तो सही
देखो तो सही
Dr. Bharati Varma Bourai
ताशकंद वाली घटना।
ताशकंद वाली घटना।
Abhishek Soni
■दम हो तो...■
■दम हो तो...■
*प्रणय*
हर किसी में निकाल दें खामी
हर किसी में निकाल दें खामी
Dr fauzia Naseem shad
पानीपुरी (व्यंग्य)
पानीपुरी (व्यंग्य)
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
" साड़ी "
Dr. Kishan tandon kranti
*वो न भूली होगी*
*वो न भूली होगी*
Dushyant Kumar Patel
अंधी दौड़
अंधी दौड़
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"अनपढ़ी किताब सा है जीवन ,
Neeraj kumar Soni
अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है
अब उसने अपना घर ढूंँढ लिया है
Buddha Prakash
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
यूं गुम हो गई वो मेरे सामने रहकर भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
काश तुम ये जान पाते...
काश तुम ये जान पाते...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
फल की इच्छा रखने फूल नहीं तोड़ा करते.
फल की इच्छा रखने फूल नहीं तोड़ा करते.
Piyush Goel
3134.*पूर्णिका*
3134.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
नवरात्रि के चौथे दिन देवी दुर्गा के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा
Shashi kala vyas
CISA Course in Dubai
CISA Course in Dubai
Durga
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
हुआ
हुआ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सीरत अच्छी या सूरत
सीरत अच्छी या सूरत
MEENU SHARMA
बेरोजगारी का दानव
बेरोजगारी का दानव
Anamika Tiwari 'annpurna '
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
मेरे स्वर जब तेरे कर्ण तक आए होंगे...
दीपक झा रुद्रा
Loading...