Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

सत्य की खोज

एक राही,
भटकते रहा,
सत्य की खोज में,
रोशनी तले अंधेरा,
राही को समझ नहीं आया ।

सत्य की खोज में,
तीर्थयात्रा जारी रही,
माता–पिता की सेवा सें परे,
अपने ही घर की चारधाम,
राही को समझ नहीं आया ।

खाली हाथ,
पिता स्वयं अभावग्रस्त,
कमी महसूस न होने दिया,
अपने ही ठाट–बाट का राज,
राही को समझ नहीं आया ।

बिमारी हालात,
फिर भी सकुशलता की बात,
माँ करती रही,
सदैव मुस्कुराना खुद की रहस्य,
राही को समझ नही.आया ।

मसान घाट,
मुर्दे की मुखाग्नि,
जलता हुआ शरीर देख,
सत्य क्या है ?
तब राही को समझ में आया ।

#दिनेश_यादव
काठमाण्डू (नेपाल

Language: Hindi
3 Likes · 131 Views
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
View all

You may also like these posts

शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
मोहब्बत मुख़्तसर भी हो तो
इशरत हिदायत ख़ान
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
शिव प्रताप लोधी
आपका आत्मविश्वास कभी भी डिस्चार्ज नही होना चाहिए।
आपका आत्मविश्वास कभी भी डिस्चार्ज नही होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
" वोट "
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
ऐसे हंसते रहो(बाल दिवस पर)
gurudeenverma198
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
जीवन में जागरूकता कैसे लाएँ। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Mukesh Kumar Rishi Verma
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
ख़ामोश हर ज़ुबाँ पर
Dr fauzia Naseem shad
लहरों पर चलता जीवन
लहरों पर चलता जीवन
मनोज कर्ण
आज़ादी के दीवानों ने
आज़ादी के दीवानों ने
करन ''केसरा''
सोचा ना था
सोचा ना था
Swami Ganganiya
#कैसे कैसे खेल हुए
#कैसे कैसे खेल हुए
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
बागक सुख
बागक सुख
श्रीहर्ष आचार्य
आते हैं आज मंहगे, कल सस्ते भी आएंगे
आते हैं आज मंहगे, कल सस्ते भी आएंगे
पूर्वार्थ
चेतना समय है
चेतना समय है
Harinarayan Tanha
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हिंदी हाइकु
हिंदी हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
- साहित्य मेरा परिवार -
- साहित्य मेरा परिवार -
bharat gehlot
दुल्हन
दुल्हन
शिवम "सहज"
..
..
*प्रणय*
वर्षा ऋतु के बाद
वर्षा ऋतु के बाद
लक्ष्मी सिंह
कुछ नहीं
कुछ नहीं
Kunal Kanth
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
अगर आज किसी को परेशान कर रहे
Ranjeet kumar patre
सीख (नील पदम् के दोहे)
सीख (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
‘स्त्री’
‘स्त्री’
Vivek Mishra
Loading...