surenderpal vaidya Language: Hindi 452 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next surenderpal vaidya 27 Nov 2021 · 1 min read पतझड़ों में जो खिले (गीतिका) * गीतिका * ~~ पतझड़ों में जो खिले वह फूल झड़ता है कहाँ। आंधियों में जो जले वह दीप बुझता है कहाँ। लक्ष्य पाकर ही रहेगा ठान लेता जो हृदय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 268 Share surenderpal vaidya 19 Nov 2021 · 1 min read हरी भरी हो गई धरा (गीतिका) हरी भरी हो गई धरा (गीतिका ~~ हरी भरी हो गई धरा है, पत्ता पत्ता मुसकाता। छाई हैं घनघोर घटाएं, बादल पानी बरसाता। ताल सरोवर हुए लबालब, भर आए नदियां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 371 Share surenderpal vaidya 2 Oct 2021 · 1 min read स्नेह से लेकर भरे मन (गीतिका) * स्नेह से लेकर भरे मन * ~~ स्नेह से लेकर भरे मन, हम निरंतर पग बढ़ायें। साथ लें सहयोग सबका, और सबके काम आयें। राह में हर ओर सुन्दर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 363 Share surenderpal vaidya 24 Sep 2021 · 1 min read जिन्दगी बितानी जिन्दगी बितानी (गीतिका) ~~ जब साथ साथ रहकर है जिन्दगी बितानी। यादें कठिन समय की हमको नहीं भुलानी। ठंडी हवा बहे जब आनंद खूब आए। अब एक दूसरे से नजरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 403 Share surenderpal vaidya 19 Sep 2021 · 1 min read स्वप्न सजाता कौन (गीतिका) आधार छंद- वीर/आल्ह (मापनीमुक्त मात्रिक) ३१ मात्रा, १६,१५ पर यति, अन्त गुरु लघु। ~~~~~~~~~~~~~~~~~ * गीतिका * ~~ अगर न आती ऋतु बसंत की, सुन्दर स्वप्न सजाता कौन। सुन्दर फूलों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 456 Share surenderpal vaidya 17 Sep 2021 · 1 min read बहुत उनको निहारा (गीतिका) * बहुत उनको निहारा * ~~ जहां जब भी मिले हमने बहुत उनको निहारा। बहुत सुन्दर लगी छवि प्रिय जिसे मन में उतारा। सिसकती जिन्दगी है मुश्किलों के बीच बढ़ती।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 496 Share surenderpal vaidya 10 Sep 2021 · 1 min read मत करना आराम गीतिका आधार छंद- सरसी ,१६-११ पर यति, २७ मात्रा * मत करना आराम * ~~ श्रम करना है बहुत जरूरी, मत करना आराम। व्यर्थ नहीं यूं ही बीते अब, सुबह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 426 Share surenderpal vaidya 20 Aug 2021 · 1 min read बहुत अब हो चुका बहुत अब हो चुका (गीतिका) ~~ बहुत अब हो चुका खिलवाड़ धरती भी बचानी है। प्रदूषित हो गया देखो धरा नभ और पानी है। बहुत ऊंचे उड़े हो अब धरातल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 533 Share surenderpal vaidya 7 Aug 2021 · 1 min read शक्ति का आधार हो तुम शक्ति का आधार हो तुम ~~ राष्ट्र की नित बढ़ रही शुभ शक्ति का आधार हो तुम। दुश्मनों को भस्म कर दें जल रहे अंगार हो तुम। राम के प्रिय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 299 Share surenderpal vaidya 2 Aug 2021 · 1 min read करो प्यार तुम (गीतिका) * करो प्यार तुम * ~~ सभी से हमेशा करो प्यार तुम। करो बस यही काम हर बार तुम। मुहब्बत बड़ी बात है जान लो। सहन कुछ करो पांव में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 333 Share surenderpal vaidya 11 Jun 2021 · 1 min read वर्षा गीत गीत- १ ~~ छम-छम वर्षा की बौछारें, खूब सुहाती है सबको। राग मधुर गाया करती हैं, सबके मन भाया करती है। भीगे तन का रूप मनोहर, सहज निखारा भी करती... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 4 3 1k Share surenderpal vaidya 22 May 2021 · 1 min read बादल (गीतिका) बादल (गीतिका) ~~ नील नभ पर खूब छाए जा रहे बादल। दृश्य मनभावन बनाए जा रहे बादल। आ गये हैं ये छमाछम बारिशें लेकर, हर तरफ सबको भिगाए जा रहे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 389 Share surenderpal vaidya 21 May 2021 · 1 min read वर्षा ऋतु (मुक्तक) वर्षा ऋतु (मुक्तक) ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ १. सावनी वातावरण में घूमने का मन बहुत है। हो रही बारिश छमाछम भीगने का मन बहुत है। ओढ़ कर काली घटाएं आ गई बरसात रिमझिम।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 2 3 676 Share surenderpal vaidya 17 May 2021 · 1 min read जल की बौछार लिए (घनाक्षरी जल की बौछार लिए ~~ घनाक्षरी- १ बरसात आ गई है, जल की बौछार लिए। तपती धरा की देखो ,प्यास शांत करने। घनघोर काली घटा, छा गई सभी जगह। शीतल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 3 5 378 Share surenderpal vaidya 16 May 2021 · 1 min read आ गई बरसात (गीतिका) आ गई बरसात (गीतिका) ~~ आ गई बरसात शीतल सा मधुर उपहार लेकर। तप्त मौसम में सहज राहत भरी बौछार लेकर। एक पाखी नील नभ में खूब ऊंचा उड़ रहा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 5 8 497 Share surenderpal vaidya 8 May 2021 · 1 min read हर कदम पर * हर कदम पर * ~~ हर कदम पर साथ सबके काम हम आएं। स्वप्न जीवन के सभी साकार कर पाएं। खूब खिलता जा रहा है आज गुलमोहर। हो सके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 548 Share surenderpal vaidya 29 Apr 2021 · 1 min read प्रीति में कभी (गीतिका) * प्रीति में कभी * ~~ प्रीति में कभी कहीं न हार मानते रहो। सत्य मार्ग है यही सदा विचारते रहो। मुश्किलें स्वयं कभी न दूर हो सके यहां। छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 263 Share surenderpal vaidya 29 Apr 2021 · 1 min read कौन जाने (गीतिका) कौन जाने ~~ जा रहा किस ओर मानव कौन जाने। क्यों उसे हैं इस धरा पर ज़ुल्म ढाने। भर गया हर ओर जहरीला धुआं है। नील नभ से लुप्त हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 333 Share surenderpal vaidya 16 Apr 2021 · 1 min read आ गया नववर्ष आ गया नववर्ष (गीतिका) ~~ आ गया नववर्ष लेकर हर हृदय में प्यार। है यही बस जान लो बहुमूल्य सा उपहार। चैत्र की शुभ प्रतिपदा के साथ में है हर्ष।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 423 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2021 · 1 min read कभी बादल गरजते हैं कभी बादल गरजते हैं (गीतिका) ~~ कभी बादल गरजते हैं कभी बिजली चमकती है। सुखद बौछार वर्षा की छमाछम रुक न सकती है। मधुर अनुभूतियां कमनीय सा तन मन सिहर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 371 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2021 · 1 min read खूबसूरत सा नजारा खूबसूरत सा नजारा (गीतिका) ~~ है बहुत ही खूबसूरत सा नजारा। हो गया है स्वर्णमय आकाश सारा। रंग सिंदूरी बिखरने लग पड़ा ज्यों। डोलता चुपचाप है मन का शिकारा। तार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 415 Share surenderpal vaidya 11 Mar 2021 · 1 min read हमेशा चलो तुम (गीतिका) * हमेशा चलो तुम * ~~ साथ मिलकर समय के हमेशा चलो तुम। सब हताशा तजो हाथ मत यूं मलो तुम। जान लो मंजिलें कर रहीं हैं प्रतीक्षा। दूरियां हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 397 Share surenderpal vaidya 9 Mar 2021 · 1 min read मुक्ति मोक्ष कैवल्य (कुण्डलिया) * कुण्डलिया * ~~ सत्य साधना से मिले, मुक्ति मोक्ष कैवल्य। मानव जीवन का यही, है अति पावन लक्ष्य। है अति पावन लक्ष्य, कीजिए इसी लिए श्रम। स्वप्न करें साकार,... Hindi · कुण्डलिया 4 3 516 Share surenderpal vaidya 5 Mar 2021 · 1 min read समय की चाल को * गीतिका * ~~ पहचान लेना है समय की चाल को। फैले हुए उलझन भरे जंजाल को। धोखा कभी हो भी गया तो ग़म न कर। जो बच गया दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 534 Share surenderpal vaidya 2 Mar 2021 · 1 min read कोशिश न करना *कोशिश न करना * ~ कभी दूर जाने की' कोशिश न करना। मुहब्बत निभाना सदा साथ रहना। कहे कुछ जमाना न परवाह कोई, हमेशा सही राह पर है गुजरना। कभी... Hindi · कविता 1 416 Share surenderpal vaidya 24 Feb 2021 · 1 min read ढंग जीवन के (गीतिका) ढंग जीवन के ~~ ढंग जीवन के बदलते जा रहे। व्यक्ति को बाजार छलते जा रहे। भागने में वक्त बीता जा रहा। कुछ ठगे से हाथ मलते जा रहे। बुझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 356 Share surenderpal vaidya 24 Feb 2021 · 1 min read आ गया बसंत (घनाक्षरी) * घनाक्षरी * ~~ आ गया बसंत नव, राग रंग रूप लिए। हर्षित प्रफुल्लित सा, प्रकृति का छोर है। स्नेह पूर्ण भावना जो, मन में उदित हुई। स्पंदित हृदय पर,... Hindi · घनाक्षरी 2 1 326 Share surenderpal vaidya 20 Feb 2021 · 1 min read रंग वासंती (मुक्तक) रंग वासंती (मुक्तक) -१- ~~ रंग वासंती प्रकृति में जब निखरते जा रहे हैैं। सब पुराने शुष्क पत्ते टूट उड़ते जा रहे हैैं। कोंपलें सब टहनियों पर खूब छाई जा... Hindi · मुक्तक 1 2 316 Share surenderpal vaidya 20 Feb 2021 · 1 min read प्रकृति ने गुनगुनाया प्रकृति ने गुनगुनाया (गीतिका) ~~ राग वासन्ती प्रकृति ने गुनगुनाया। स्नेह अंकुर हर हृदय में जगमगाया। भावनाओं पर नहीं है वश किसी का। स्वप्न को सबने यहां साकार पाया। झड़... Hindi · कविता 1 271 Share surenderpal vaidya 13 Feb 2021 · 1 min read कहां रहेंगे गांव (मुक्तक) मुक्तक- १ ~~ आधुनिकता की परिभाषा में, कहां रहेंगे गांव। राम राज्य की चाह निरंतर, ढूंढ रही है ठांव। गांव नगर की भेंट चढ़ रहे, असमंजस में आज। व्याकुल मन... Hindi · मुक्तक 4 6 329 Share surenderpal vaidya 9 Feb 2021 · 1 min read गूंजने लगे हैं स्वर (घनाक्षरी) घनाक्षरी- १ ~~ गूंजने लगे हैं स्वर, भंवरों के चारों ओर। खिलने लगे अनेक, पुष्प भांति भांति के। सहसा ही भंग होती, जा रही एकाग्रता है। दर्शन सुपावन हैं, सुप्रभात... Hindi · घनाक्षरी 5 5 317 Share surenderpal vaidya 6 Feb 2021 · 1 min read ख़त लिखते रहना ख़त लिखते रहना ~~~~~~~~~~~~~~~~~ मत रुकना ख़त लिखते रहना। स्नेह भरी नदिया बन बहना। कलियों की कोमलता लेकर, तितली जैसी चंचलता भर। मदमाते महके शब्दों में, जो मन में आए... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 40 515 Share surenderpal vaidya 27 Dec 2020 · 1 min read कोरोना को मात कोरोना को मात ~~ रोजी रोटी की तलाश में, दूर दूर तक जाते लोग। कष्ट सभी सहकर जी लेते, रूखी सूखी खाते लोग। रोग मुसीबत बनकर आया, घेर लिया सबको... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 23 765 Share surenderpal vaidya 24 Oct 2020 · 1 min read आ गया बसंत काल घनाक्षरी- १ ~~ फिर नयी उमंग ले, आ गया बसंत काल। गूंजता है आम्रकुंज, कोयल के गान से। हर एक डाल डाल, खूब है रही मचल। बसंतप्रिया कोकिला, गा रही... Hindi · घनाक्षरी 3 1 533 Share surenderpal vaidya 23 Oct 2020 · 1 min read दीवार की बातें दीवार की बातें ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ * गीतिका * ~~ कभी भी अब नहीं करनी यहां दीवार की बातें। भुलानी है हमेशा के लिए उस पार की बातें। जमाना कुछ कहे हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 602 Share surenderpal vaidya 18 Oct 2020 · 1 min read मस्त मस्त हैं बेटियां मस्त मस्त हैं बेटियां ~~ कुण्डलिया-१ मस्त मस्त हैं बेटियां, बातें करती खूब। जीवन है मासूम सा, कहीं नहीं है ऊब। कहीं नहीं है ऊब, मस्त होता है बचपन। भेदभाव... Hindi · कुण्डलिया 1 260 Share surenderpal vaidya 9 Oct 2020 · 1 min read चन्द्रमा का देखिए • गीतिका • * चन्द्रमा का देखिए तो गोल है आकार। चांदनी का खूब है इसमें भरा भंडार। हर तरह से खूबसूरत बन गई है रात। दूर तक है रौशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 302 Share surenderpal vaidya 9 Oct 2020 · 1 min read पुष्प पारिजात के पुष्प पारिजात के ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ * घनाक्षरी * ~~ मोहते सभी का मन, हैं बहुत खिले खिले। दिव्यता लिए हुए हैं, पुष्प पारिजात के। श्रृंगार हार नाम से, हैं जानते सभी... Hindi · घनाक्षरी 1 2 294 Share surenderpal vaidya 26 Sep 2020 · 1 min read खिल उठे फूल (मुक्तक) मुक्तक- १ खिल उठे फूल ही फूल हर ओर हैं। खूबसूरत महकते सभी छोर हैं। भावनाएं जगी जा रही स्नेह की। बंधनों की रही टूट हर डोर हैं। ~~~~~~~~~~~~~~~~ मुक्तक-... Hindi · मुक्तक 2 2 358 Share surenderpal vaidya 21 Sep 2020 · 1 min read वक्त के प्रवाह में आधार छंद- चामर (२१ २१ २१ २१ २१ २१ २१ २) * गीतिका * ~~ काम काज के समय सजग सभी रहें सदा। वक्त के प्रवाह में बिना रुके बहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 276 Share surenderpal vaidya 21 Sep 2020 · 1 min read सूर्य हिन्दी का * गीतिका * ~~ सूर्य हिन्दी का प्रखर चमके गगन में। भावना इस हेतु हो प्रत्येक मन में। प्राप्त कर लें हम प्रगति के लक्ष्य नूतन। चूक मत करना कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 4 303 Share surenderpal vaidya 16 Dec 2019 · 1 min read हिम्मत कभी न हारिए (गीतिका) * हिम्मत कभी न हारिए * ~~ हिम्मत कभी न हारिए, सहन कीजिए वार। मिले शत्रु को पटखनी, हो जाएं तैयार। शक्ति हीन की है नहीं, किसी जगह भी पूछ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 3 512 Share surenderpal vaidya 31 Oct 2019 · 1 min read जब किनारा हो गया है जब किनारा हो गया है ------------------ बेवफा से जब किनारा हो गया है खिलखिलाता मन हमारा हो गया है जरुरतें सीमित अगर हो जिन्दगी में इस जहाँ में फिर गुजारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 282 Share surenderpal vaidya 25 Oct 2019 · 1 min read दीपावली * दीपावली * - - - - - - - - - - - - लक्ष्मी और गणेश के सुन्दर, चित्र सजे हैँ घर घर मेँ । भाँति भाँति के... Hindi · कविता 1 274 Share surenderpal vaidya 21 Oct 2019 · 1 min read है ज़िन्दगी बस ज़िन्दगी * है ज़िन्दगी बस ज़िन्दगी * हरिगीतिका छंद (मापनी- २२१२ २२१२ २२१२ २२१२) ~~ है जिन्दगी बस ज़िन्दगी हो आम की या खास की। सब मंजिलें पा कर रहें हों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 275 Share surenderpal vaidya 21 Sep 2019 · 1 min read हिन्दी है इस देश की हिन्दी है इस देश की मुक्तक-१ हिन्दी है इस देश की, भाषा बहुत महान। एक सूत्र में बांधती, सहज बढ़ाती शान। अनदेखे कर दें सभी, छोटे मोटे भेद। हो जाएंगे... Hindi · मुक्तक 1 463 Share surenderpal vaidya 21 Sep 2019 · 1 min read इस क़दर फासले (गीतिका) * इस कदर फासले * ~~ इस कदर फासले मत बढ़ाया करो। वक्त है कीमती पास आया करो। ~ खिल रही सुर्ख कलियां चटक रंग हैं, तुम खुले मन सदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share surenderpal vaidya 14 Sep 2019 · 1 min read हिन्दी भाषा में खिले "हिन्दी भाषा में खिले" ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ * गीतिका * ~ हिन्दी भाषा में खिले, जब शब्दों के फूल। हर्षित मन को सहज ही, भाव मिलें अनुकूल। मिट्टी से इस देश की,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 484 Share surenderpal vaidya 14 Sep 2019 · 1 min read 'स्वाभिमान है हिन्दी' 'स्वाभिमान है हिन्दी' ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ घनाक्षरी-१ * हिन्दी भाषा भारत की, राष्ट्र भाव गौरव की। अभिव्यक्ति मूल मंत्र, सब जान लीजिए। एक सूत्र में पिरोति, पुष्प भावना अनेक। संग साथ बढ़ने... Hindi · घनाक्षरी 417 Share surenderpal vaidya 28 Jul 2019 · 2 min read शब्द युग्म मुक्तक मुक्तक-१ उठा-पटक अच्छी नहीं, बात लीजिए ज्ञान। सोच समझ कर ही करें, अपने सारे काम। सही समय पर ही भली, कार्यों की शुरुआत। स्थिरता से मिलते सदा, मनवांछित परिणाम। मुक्तक-२... Hindi · मुक्तक 1 231 Share Previous Page 8 Next