Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2019 · 1 min read

है ज़िन्दगी बस ज़िन्दगी

* है ज़िन्दगी बस ज़िन्दगी *
हरिगीतिका छंद (मापनी- २२१२ २२१२ २२१२ २२१२)
~~
है जिन्दगी बस ज़िन्दगी हो आम की या खास की।
सब मंजिलें पा कर रहें हों दूर की या पास की।

बिखरे मिलेंगे फूल भी कांटे मिलेंगे हर कदम।
विचलित नहीं होना कभी स्थितियां बनें परिहास की।

कुछ लोग सहयोगी बनेंगे कुछ मगर अवरोध भी।
फिर कल्पना करते रहें कटुता में’ आज मिठास की।

मौसम बहारों का सभी को खूब भाता है मगर।
करते रहे बातें सभी हम हर्ष की उल्लास की।

सबको मिले हर क्षेत्र में अब प्रगति के अवसर यहां।
होती रहे दृढ़ भावनाएं आपसी विश्वास की।

जब भी बरस जाएं धरा पर मेघ उम्मीदों भरे।
चिंता नहीं हर वक्त बढ़ती जा रही इस प्यास की।

बिखरी महक हर ओर देखो फूल जब खिलने लगे।
फिर आ गई सबके लबों पर बात है मधुमास की।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)

1 Like · 246 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
डॉ.सीमा अग्रवाल
प्रीत
प्रीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ms.Ankit Halke jha
पिता
पिता
Swami Ganganiya
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
वाह नेता जी!
वाह नेता जी!
Sanjay ' शून्य'
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
धीरे धीरे बदल रहा
धीरे धीरे बदल रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*पश्चाताप*
*पश्चाताप*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
युगों    पुरानी    कथा   है, सम्मुख  करें व्यान।
युगों पुरानी कथा है, सम्मुख करें व्यान।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
पत्नी जब चैतन्य,तभी है मृदुल वसंत।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
अपनी समस्या का समाधान_
अपनी समस्या का समाधान_
Rajesh vyas
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
जिंदगी की राह आसान नहीं थी....
Ashish shukla
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
Ravi Prakash
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
ଧରା ଜଳେ ନିଦାଘରେ
Bidyadhar Mantry
3178.*पूर्णिका*
3178.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दो साँसों के तीर पर,
दो साँसों के तीर पर,
sushil sarna
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
‼️परिवार संस्था पर ध्यान ज़रूरी हैं‼️
Aryan Raj
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
इस दुनिया में कोई भी मजबूर नहीं होता बस अपने आदतों से बाज़ आ
Rj Anand Prajapati
बलराम विवाह
बलराम विवाह
Rekha Drolia
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
हिसाब-किताब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
हम तो फूलो की तरह अपनी आदत से बेबस है.
शेखर सिंह
मजहब
मजहब
Dr. Pradeep Kumar Sharma
माँ
माँ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...