Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 522 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Shyam Sundar Subramanian 5 Oct 2021 · 1 min read हक़ीक़त ज़माने का दस्तूर है ,जीते जी इंसाँ की क़ीमत पहचान ना पाए , उसके जाने के बाद , उसकी यादों पर कसीदे पढ़े आंसू बहाए , सच ही कहा है... Hindi · कविता 4 8 298 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Oct 2021 · 1 min read रुख़्सत दिल बेचैन है खुद से जुदा होने को , रुह बेचैन है जिस्म़ से फ़ना होने को , अश्क़ों के सैलाब उसे अब ना रोक पाएंगे , टूटे दिल के... Hindi · कविता 3 2 362 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Oct 2021 · 1 min read ज़िंदगी कभी खुशी , कभी गम में ये ज़िंदगी गुज़र गई, कभी बेफिक्री में , कभी कश्मकश़ में उलझ गई, कभी गिले-शिक़वे किए कभी चुप रहे , कभी होंठ सी भी... Hindi · कविता 3 4 235 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Sep 2021 · 1 min read चाहत लबों पर तिश्नगी कायम रही हरदम , एहसास के सराबों में भटकता रहा हर कदम , हमराह भी हमक़दम ना रहे , हम-नफ़स भी हमदम ना रहे , ज़ख़्मे दिल... Hindi · कविता 4 4 309 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Sep 2021 · 1 min read न जाने क्यूँ न जाने क्यूँ अचानक कोई अनजाना अपना सा लगता है , कभी-कभी खुद अपना अज़ीज़ भी बेगाना सा लगता है , क्यू्ँ मैं अपनों की भीड़ में खुद को अकेला... Hindi · कविता 7 8 241 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Sep 2021 · 1 min read आधी अधूरी ढल गई अश्कों में ये जीस्त , सबकी ज़िंदगी खुश़नुमा बनाते बनाते , चेहरे पर मुस्कुराहटें लिए जज़्ब किए हर दर्द छुपाते छुपाते , कुछ था फर्ज़ का तक़ाजा ,... Hindi · कविता 2 6 285 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Aug 2021 · 1 min read एक नज़र ज़िंदगी की रहगुज़र में संगे-राह की तरह ज़माने की ठोकरें खाता रहा , वो अदना सा हक़ीक़त में हीरा था ; जो हालात की मार झेलता रहा , एक पारखी... Hindi · कविता 6 8 275 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Aug 2021 · 1 min read सोचता हूँँ सोचता हूँँ , मुसव्विर हो ,ख्व़ाबों- ख़यालों में बसी वो तस्वीर बना रंगों से भर दूँ , या उसकी तारीफ़ में इज़हारे जज़्बात शायर बन पेश करूँ , या उस... Hindi · कविता 9 10 341 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Aug 2021 · 1 min read वक्त वक्त को थामने की कोशिश करता हूं , पर हर बार मेरे हाथ से फिसल जाता है , वक्त का पहिया आगे बढ़ता जाता है , कभी लौट कर वापस... Hindi · कविता 5 6 488 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Aug 2021 · 1 min read मैं कवि हूं मैं कवि हूं , भावनाओं के समुद्र में बहता, डूबता, उबरता रहता हूं , कल्पनाओं के नभ में उन्मुक्त पंछियों की तरह विचरण करता रहता हूं , कभी मानवीय संवेदना... Hindi · कविता 7 8 466 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Aug 2021 · 1 min read इंतज़ार कैसी चली है अबके हवा तेरे शहर में , खौफ के कफ़स में कैद है ज़िंदगी तेरे शहर में , शजर उदास है , चिड़ियों के चहचहे भी ग़ुमसुम ,... Hindi · कविता 3 4 338 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Aug 2021 · 1 min read हादसे ज़िंदगी के हादसे मुझे जीने नहीं देते , कोशिश करता हूं फिर ग़म के अंधेरे घेर लेते हैं , रोशन शुआओं की तलाश में भटकता फिर रहा हूं, संग-ए- अलम... Hindi · कविता 7 6 280 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jul 2021 · 1 min read मुस्कुराहटों के अंदाज़ मुस्कुराहटों के अंदाज़ जुदा- जुदा होते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से ग़म छुपा रहे होते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से खुशी का इज़हार करते हैं , कुछ मुस्कुराहटों से गलती... Hindi · कविता 5 10 378 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jul 2021 · 1 min read तलाश तन्हाइयों में अक्सर खो जाना चाहता हूं , ख़ुदी को भुला बेख़बर हो जाना चाहता हूं , मेरी एहसास-ए-तन्हाई मुझे कहीं दूर ले जाती है , जो भरी महफिल में... Hindi · कविता 4 8 499 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Jul 2021 · 1 min read मुस्कान शिशु की स्मित मुस्कान करती हृदय प्रफुल्लित , पलभर में दुःखों को भूलकर मन होता आनंदित , निर्विकार परमेश्वर की वह साकार अबोध कृति , उसमें स्फुरित अपरिमित विकीर्ण वह... Hindi · कविता 2 4 397 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Jul 2021 · 1 min read चुप्पी कई बार हम कुछ बोलना चाहते हैंं, फिर कुछ सोचकर चुप हो जाते हैं, कुछ हालात की संज़ीदगी का तकाज़ा होता है, जिससे लफ़्जों का आग़ाज़ ज़ब्त हो जाता है,... Hindi · कविता 3 10 297 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jul 2021 · 1 min read मौन मौन एक मूक भाषा है , मौन अंतरात्मा की अभिव्यक्ति है , मौन निशब्द भावनाओं का व्यक्त मूक प्रतिवेदन है , मौन हृदय से हृदय तक संवेदनाओं का स्पंदन है... Hindi · कविता 4 14 252 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Jun 2021 · 1 min read ज़िंदगी हर पल बदलती है रंग ज़िंदगी , कभी मस़र्रत की सहर , तो कभी ग़म की शाम लगती है ज़िंदगी , कभी रूठती ग़मगीन , तो कभी खुशियों से बाँहों... Hindi · कविता 6 6 301 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jun 2021 · 1 min read वफ़ा अहल -ए- 'इश़्क की ज़ुबाँ नज़रों की होती है सोज़ - ए- एहसास नज़रों से बयाँ होती है , माश़ूका की निगाहों में जज़्बातों का समंदर लहराता है , आश़िक... Hindi · कविता 3 6 378 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Jun 2021 · 1 min read आशा की किरण अंतःकरण के शब्द उमड़ते घुमड़ते हैं , अभिव्यक्ति के स्वर बनते नहीं , चिंतित मनस वस्तुःस्थिति आकलन में असमर्थ सा पाता है , सकारात्मकता के अभाव में व्याप्त नकारात्मकता में... Hindi · कविता 6 10 316 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Jun 2021 · 1 min read यादगार खुशियाँँ उस दिन रास्ते में एक शख्स़ को देखा , कुछ जाना पहचाना सा उसका चेहरा लगा , मैंने कहा आप कुछ जाने पहचाने से लगते हो , उसने कहा आपको... Hindi · कविता 4 12 229 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Jun 2021 · 1 min read कब ? शहर सूना- सूना सा है , गली कूचे भी वीरान रहते है , शजर उदास है , चिड़ियों के चहचहे भी गुमसुम रहते हैं , हर शख्स सहमा -सहमा सा... Hindi · कविता 6 11 805 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jun 2021 · 1 min read चोर एक व्यक्ति से मैंने पूछा, तुम क्या करते हो ? किस तरह अपना गुजारा चलाते हो ? उसने कहा मैं चोरी करता हूं , मैंने पूछा तुम क्या चुराते हो... Hindi · कविता 4 8 374 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jun 2021 · 1 min read सार्थक मंथन कभी-कभी मैं सोचता हूं , हम कल्पनाओं में जीते हैं, अपने धरातल के अस्तित्व को भुलाकर , ऊँँची उड़ान लेते हैं , यथार्थ को नकार कर , असंभावित मे लीन... Hindi · कविता 3 4 468 Share Shyam Sundar Subramanian 31 May 2021 · 1 min read भाव - श्रृंखला समुद्र से विशाल अंतर्मन निहित गतिशील भावनाओं की तरंगें , कभी अभिनव कल्पनाओं विभोर उमंगें , कभी नियति प्रभावित संतप्त मनोभाव , कभी परिस्थितिजन्य असहाय भाव , कभी अंतरतम मनोबल... Hindi · कविता 2 4 282 Share Shyam Sundar Subramanian 26 May 2021 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जीवन में निरंतर विद्यमान रहता है , जो विभिन्न रूपों में प्रभावित करता रहता है , कभी खुद अपने शरीर एवं मनस से , कभी अपने दृष्टिकोण एवं मान्यताओं... Hindi · कविता 4 10 303 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2021 · 1 min read वे मधुर पल बरसात के दिन जब आते हैं , बचपन की मीठी यादें साथ लाते हैं , वह दोस्तों के साथ बरसात में भींगते खेलना , गड्ढों के पानी को शरारत से... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 26 558 Share Shyam Sundar Subramanian 12 May 2021 · 1 min read आत्मविश्वास नियति का निर्मम चक्र चला हुआ है , सर्वत्र दिशाओं में भय व्याप्त हुआ है , त्रासदी का दावानल फिर उग्र हुआ है , मृत्यु के अनल पाश से जीवन... Hindi · कविता 8 16 335 Share Shyam Sundar Subramanian 7 May 2021 · 1 min read इन्तिहा उम्र भर यादों के वो साए , कभी मिटा नहीं पाते , दिल ने जो सदमे उठाए , कभी भुला नहीं पाते , आँखों से बहते अश्कों को , कभी... Hindi · कविता 6 15 506 Share Shyam Sundar Subramanian 6 May 2021 · 1 min read एतमाद शब -ए -अलम के सियाह लम्ह़े गुज़र जाएंगे, खुशियों से भरी सहर के उजाले पल फिर आएंगे , हौसलों की श़िद्दत कभी छूटने ना पाए , उम्मीदों की कड़ी कभी... Hindi · कविता 5 14 360 Share Shyam Sundar Subramanian 5 May 2021 · 1 min read मजबूर सच दिल पर पत्थर रखने के लिए मैं मजबूर था , मैं खुद का गुनाहगार हुआ बेकसूर था , सच्चाई के अल्फ़ाज़ों की आग से लब़ जलकर रह गए , झूठ... Hindi · कविता 6 14 242 Share Shyam Sundar Subramanian 1 May 2021 · 1 min read कोई अपना सा उस महजबीं को जब देखा ; तो लगा उसे कहीं देखा है, दिन की रंगीन फिज़ाओं में , या रात की चांदनी में कहीं देखा है , या मेरे ख्यालों... Hindi · कविता 6 10 693 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Apr 2021 · 1 min read ये ज़िंदगी मैंने अपने घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद कर दिए हैं, लेकिन ज़हन की खिड़कियां और दिल के दरवाज़े को बंद करने में खुद को नाक़ाम पाता हूं , इन... Hindi · कविता 5 12 276 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Apr 2021 · 1 min read शोक संवेदना ये वीभत्स दृश्य हृदय विदीर्ण कर जाता है , मुझे हर किसी में कोई अपना सा प्रतीत होता है , एक मां जिसने अपने लाडले बेटे को खोया है ,... Hindi · कविता 3 8 305 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Apr 2021 · 1 min read राम दर्शन राम आदि से अनंत है , राम से जीव जीवंत है , राम ही कल्प है , राम ही संकल्प है , राम ही सृष्टि है ,राम ही दिव्य दृष्टि... Hindi · कविता 1 10 439 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Apr 2021 · 1 min read आम आदमी सहमा- सहमा सा वक्त की मार झेलता , कुछ कहने और करने से विवश , नियति के हाथों की कठपुतली बना , प्रतिदिन अपने अस्तित्व रक्षा की चेष्टा में ,... Hindi · कविता 2 4 317 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Apr 2021 · 1 min read ऊहापोह सब कुछ ठीक-ठाक है , रैलियां करो ,चुनाव कराओ, लोगों को इकट्ठा कर भाषण दो , रास्ता रोककर बैठो आंदोलन करो , जनसंपर्क करो ,काफिले संग रोड शो करो, सब... Hindi · कविता 1 6 288 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Apr 2021 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा , तुम मुझ पर हमेशा लगाम लगाए रखती हो , मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो , मैं उन्मुक्त रहना चाहती... Hindi · कविता 2 403 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Mar 2021 · 1 min read समझ कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं , कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं , कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं, कुछ अपनी... Hindi · कविता 2 10 498 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Mar 2021 · 1 min read पत्थर पत्थर के उपयोग भी बड़े अजीब होते हैं , कभी बच्चों के झगड़ों में सिरफुटौवल बनते हैं , कभी पुलिस के दमन से आक्रोशित जन समूह प्रतिकार का अस्त्र बनते... Hindi · कविता 1 6 619 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Mar 2021 · 1 min read चंद एहसासात हादसे भी जीने के अंदाज़ सिखा जाते है , फ़रेब भी ठोकर खाकर संभलना सिखा जाते हैं , तब़स्सुम़ भी अज़ाब बन पेश आते हैं , निग़ाहें भी सराब़- ए... Hindi · कविता 5 18 430 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Mar 2021 · 1 min read समझौते ज़िंदगी समझौतों में गुज़र जाती है , कभी दोस्तों से , तो कभी रिश्तों से , कभी जज़्बातों से , तो कभी हालातों से , कभी जुस्त़जू से , तो... Hindi · कविता 5 10 408 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Mar 2021 · 1 min read संवेदना जागृति अभावों से घिरा एक विपन्न बचपन , मौलिक सुविधाविहीन कुपोषित शिशुतन , अस्तित्व रक्षा में संघर्षरत अनभिज्ञ किशोर से युवावस्था में पदार्पण , शिक्षा के मूल अधिकार से वंचित जीवन... Hindi · कविता 1 16 375 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Mar 2021 · 1 min read वर्तमान लोकतंत्र देश का वर्तमान लोकतंत्र , राजनीति की बिछाई शतरंज , लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच , जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र , आम आदमी जिसका बना मोहरा , नेताओं... Hindi · कविता 5 12 409 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Mar 2021 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... Hindi · कविता 10 20 483 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Mar 2021 · 1 min read वो अजनबी वो एक अजनबी जो मेरी जिंदगी में झोंका बनकर आया, मेरे दिल में घर कर गया , मेरे ज़हन पर था छाया , कुछ इस क़दर उसने मुझमें अपने होने... Hindi · कविता 7 8 401 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2021 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली , जो घर आंगन में पली-बढ़ी , फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान , माता पिता, बंधु बांधव , मित्रों की जान , सदा... Hindi · कविता 3 8 334 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Feb 2021 · 1 min read ग़मे ज़िंदगी जब मैं खुशी खोजने बाहर निकला , तब इस शहर में हर शख़्स को ग़मज़दा पाया , किसी को अपने अज़ीज़ों को खोने का ग़म , किसी को अपनी कोशिशों... Hindi · कविता 7 18 289 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Feb 2021 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... Hindi · कविता 4 14 384 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Feb 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 98 620 Share Previous Page 8 Next