Comments (8)
4 Jun 2021 04:17 PM
चोर! इस संबंध में आपकी रचना ने यथार्थ को परिलक्षित किया है! यही हो रहा है यही होता आया है, यही होता रहेगा! पात्र बदल जाएंगे किन्तु घटना चक्र यूं ही चलता रहेगा! सादर अभिवादन श्रीमान श्याम सुंदर जी।
Shyam Sundar Subramanian
Author
4 Jun 2021 06:12 PM
धन्यवाद !
4 Jun 2021 02:44 PM
अतिसुन्दर भावपूर्ण ??
Shyam Sundar Subramanian
Author
4 Jun 2021 03:05 PM
धन्यवाद। !
4 Jun 2021 01:21 PM
बहुत सुंदर सर नमस्कार
Shyam Sundar Subramanian
Author
4 Jun 2021 03:08 PM
धन्यवाद !
बहुत सुन्दर रचना सर जी ??
धन्यवाद !