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24 Mar 2022 09:29 PM

आंतरिक भाव को दरसाया है अपने,सुंदर भाव, धन्यवाद प्रणाम आपको ।

25 Mar 2022 11:35 AM

प्रोत्साहन का साधुवाद !

12 Dec 2021 08:00 AM

वर्तमान उत्कट परिदृश्य ।
धन्ययवाद/नमन?

13 Dec 2021 07:22 PM

धन्यवाद !

30 Apr 2021 04:13 PM

श्रीमान श्याम सुंदर जी, आप के द्वारा व्यक्त विचार इन दिनों शायद सभी के मन मस्तिष्क पर छाए हुए हैं! एक फोन की घंटी भी डरा रही है,कब कौन कौन सा समाचार दे दें,मन वाकई में विचलित होता है बुरे बुरे विचार मन को आक्रांत करने लगते हैं,मन को दूसरी ओर ले जाने के प्रयास कभी कभी तो निष्फल होने लगते हैं, किंतु उन्हीं पलों में अटल जी की कविता की यह पंक्तियां-कभी तो अंधेरा छटेगा, कभी तो सूरज निकलेगा! सुकून प्रदान करती हैं,सादर प्रणाम।

30 Apr 2021 05:02 PM

वर्तमान की परिस्थिति में मनःस्थिति पर नियंत्रण रखने के समस्त प्रयास विफल से प्रतीत होते हैं । अतः भावनाओं के काव्य उद्गार प्रकट करने के लिए बाध्य होता हूं।
ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह संकट का समय शीघ्र समाप्त हो, एवं चारों ओर शांति स्थापित हो।
ॐ शांति !

30 Apr 2021 10:45 AM

बहुत सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद आपका जी जय श्रीराम जय श्रीराम

30 Apr 2021 01:30 PM

धन्यवाद !
जय श्रीराम !

30 Apr 2021 08:45 AM

भावपूर्ण

30 Apr 2021 01:31 PM

धन्यवाद !

समय ही ऐसा है। आपको सादर नमस्कार।

30 Apr 2021 08:10 AM

वर्तमान परिस्थिति से निर्मित अंतर्मन वेदना की अनुभूति को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है ।
धन्यवाद !

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