Mugdha shiddharth Language: Hindi 841 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next Mugdha shiddharth 24 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बदलते वक़्त को दातों से नहीं दबाया करते बात खुशियों कि हो तो हलकी सी ठेस पे नहीं छलक जाया करते ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 338 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मैं भूल जाऊं तो चलेगा मैं भूल जाऊं तो चलेगा तुम मत भूलना मेरे दोस्त हमें कितने सितारे तोड़ने थे हमें साथ में रोशनी के बुर्ज तक जाना था एक दूसरे के साथ ताकि कहीं... Hindi · कविता 4 268 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read चुप हांडी चुप, बटुली चुप ताबा चुप, कड़ाही चुप छोलनी करछूल भी चुप लोटा थारी भी चुप मगर कोई तो बोल रहा था आग में घी घोल रहा था वो कौन... Hindi · कविता 3 327 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read हां हम नाराज़ हैं... हाँ हम नाराज़ हैं हम किसी और से नहीं शायद, खुद ही से नाराज हैं अपनी बेवसी, अपनी कुछ न कर पाने की लाचारी से, देख... लोगों का इंसान से... Hindi · कविता 3 241 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मैं कुछ नहीं पूछती... मरे हुए लोगों से... मैं नहीं पूछूंगी क्यूं लटका दिया गया 23 मार्च को भगत और उनके साथियों को, मैं ये भी नहीं पूछूंगी क्यूं जलते हुए शब्दों के रचियेता "पाश" को भून दिया... Hindi · कविता 4 1 250 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read अलविदा साथी... अलविदा साथी... शर्मिंदा नहीं हम तुम्हे छोड़ कर इस जहां से जाने में मानवता कि सेवा कर के जा रहे हैं हम तो बहाने से यादों में रखना मुझको भूल... Hindi · मुक्तक 3 253 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read जनता कर्फ्यू ये मैं पागल हूं या ये लोग पागल हैं? या फिर जिस ने इन्हें ये करने को उकसाया वो पागल है??? मतलब ये जनता कर्फ्यू का मतलब का हुआ बे... Hindi · लेख 3 264 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read भगत होते तो क्या होता? भगत होते तो क्या होता? क्या मन्दिरों में घंटा बज रहा होता ? क्या भूखे बच्चों के भूख पे भी सत्ता चुप होता? क्या युवाओं को अशिक्षा के खाई में... Hindi · कविता 4 1 424 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read दिल फिर तुम से न बहलाया जाएगा था पता मुझको कि तू समय से न आयेगा वो रात जाना तुम्हें क्या खूब रुलाएगा जिस रात कुण्डी न तेरी कोई खड़काएगा दिल का क्या है जाना ये तो... Hindi · मुक्तक 3 250 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरी बात न पूछ हम गहरी अंधेरी रात को भी, उनके यादों के जुग्नुओ से रौशन कर जाते हैं… उनकी सुरमई यादों के दामन से लिपट कर तनहाई को भी... Hindi · मुक्तक 4 225 Share Mugdha shiddharth 23 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक कितने ख्वाब डूबे हैं पनिली आंखों के घाट पे दिल आश लगाए बैठा रहा यार के दहलीज के बाट पे वो आए तो पूछेंगे हम खामी क्या निकली मेरे प्यार... Hindi · मुक्तक 2 228 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read यार आंखें सोए कैसे यार से उसकी हमनवाई है जागती आंखों में ही तो यार ने जगह बनाई है.? गुजरते वक़्त के दरारों में लम्स है यार के हाथों का क्या... Hindi · कविता 3 302 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैं दिल हो जाऊं तो तुम दर्द कहो होठो से चुप मगर आंखो से कहो सुबकते ख्वाब को महकता गुलाब कहो शाम के धुंधलके को सुबह का अफताब कहो ~... Hindi · मुक्तक 2 1 227 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तेरी सांसों में घुल जाने की फ़क़त आरजू हैं दिल की क्या करूं जो लोग कहते हैं तेरी सांसों से ही खतरा है ~ सिद्धार्थ 2. छलके हुए मोती गालों... Hindi · कविता 2 436 Share Mugdha shiddharth 22 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक अपने हाथों को धोउं या रहने दूं रात ख्वाब में उस ने इसे छुआ था पलट कर देखती मैं जब तक यार को बुलाहट उसको दूसरी तरफ़ से हुआ था...?... Hindi · मुक्तक 2 201 Share Mugdha shiddharth 21 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक शमा को कौन आगोश में भर के इठला पाया है ये वो सय है जो परवाने को भी ख़ाक में मिलती है ये जो मुहब्बत है दिल कि नायाब दानिशमंदी... Hindi · मुक्तक 2 348 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read खुद को बड़ी शिद्दत से कोशिश की, कि समझ जाऊं खुद को, कि निकाल लाऊं खुदी में से खुद को जो हर छोटी बात पे खुश हो जाती है और उस से... Hindi · कविता 3 6 276 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. चाहत समझ का ही तो फेर है, किसी को कोई समझ आ जाता है किसी को कोई समझता ही नहीं... ~ पुर्दिल हम अपनी चुप से तुम्हें मात देंगे... Hindi · मुक्तक 3 1 222 Share Mugdha shiddharth 20 Mar 2020 · 1 min read हम सोए नहीं पलकें मूंदी हुई है मगर हम सोए नहीं सपने हिज्र की हैं मगर हम रोए नहीं ऊंघती सी आंखों में पलाश उतर आया है अब तुम से क्या कहें हम... Hindi · कविता 2 225 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम बेकारों ने ही तो सम्भाल रखा है वर्ना दुनियां में दिखती नहीं प्रेम ओर करुणा ~ सिद्धार्थ 2. हम लिखते नहीं, कभी कभी घसीट देते हैं बीच में कोई... Hindi · कविता 3 313 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मन की बात साहेब के मन की बात पे अपनी मन की बात कुछ तेरी कुछ मेरी कुछ हम सब के मन की बात गिरे हुए, कुचले हुए, दबे हुए लोगों के उस... Hindi · कविता 3 216 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read हम ढूंढ़ लेंगे हम ढूंढ़ लेंगे अपने कांपते हाथों से अंधेरे में भी रौशनी का कतरा, शर्त ये है हमारी आंखों से हाथ तो हटाओ... हम आवाज दे लेंगे अपने लरजते होठों से... Hindi · कविता 3 209 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. अब कोई माधव न चुपके से आयेगा हे द्रोपदी कोन है जो तुम्हें बचाएगा??? 2. काबिल फ़रिश्ते बैठें हैं शाखो पे साथी खुराफातों का ये जमाना है कौन कान्हा... Hindi · मुक्तक 3 233 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मैं नहीं बुलाऊंगी तुम को जाना मैं नहीं बुलाऊंगी तुमको जाना मगर तुम बहाने से ही आ जाना हम दोनों के दरमियाँ जो गिरे लम्हें उन्हें पलकों पे ही उठा के ले जाना तुम आना तो... Hindi · कविता 2 445 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 2 min read लेख 2012 की वो सर्द सुबह आज भी मुझे याद हैं। उस सुबह मैं दिल्ली में ही थी जब टीबी खोलते ही जो पहली खबर सामने आई वो " निर्भया" रेप... Hindi · कविता 3 239 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बच्चों ने अवाद कर रखी है दुनियां को वर्ना कहां इस दहर में दिल शाद होता है ये वो जुगनू हैं जो उठाए फिरते हैं रोशनी को और दुख केअंधेरे... Hindi · मुक्तक 4 206 Share Mugdha shiddharth 19 Mar 2020 · 1 min read प्यार में हारे हुए लोग शब के मारे हुए हैं ये जागे हुए लोग चश्म के प्याले से नींद को छलकाए हुए लोग अपने पहलु में दबा के यार की याद को जीबह शब भर... Hindi · कविता 3 199 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक तू ख्याल रख या के न रख, मेरे ख्याल में है तू बस इतना का तू ख्याल रख ~ पुर्दिल सिद्धार्थ 2. तुझे देखते हुए देखा... तुझे देखते हुए लोगों... Hindi · मुक्तक 3 389 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. मैं तुम्हें बहुत ढूंढती रही खुद में, तुम तो मिल गए... बस मैं ही कही कहीं खो गई... ~ पुर्दिल 2. बेवफ़ा यार नहीं मेरा मेरे जानिब से बस... Hindi · मुक्तक 3 206 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक एक उम्मीद लिय बैठी थी वस्ल ए यार की क्या वजह उसे समय लगा मैयत में भी आते आते. न वो आया न उसके नाम की सदाएं एआई एक उम्र... Hindi · कविता 3 405 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read अपेक्षित प्रेम पुराने किताब के पन्नों में दबे गुलाब के साथ गुलाब की हिफाज़त में कांटे भी सूख जाते हैं वो रोते नहीं, वो चुभते नहीं पन्नों को वो हिफाज़त करते है... Hindi · कविता 5 431 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मेरे आने के सारे रास्ते पे आग बोया गया है बड़ी सिद्दत से दिल के पांव में छाले ही छाले उभर आए हैं मैंने तो नहीं दिल ने मगर चीख... Hindi · मुक्तक 4 329 Share Mugdha shiddharth 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक ये जो तुम देख कर भी नहीं देखते आदत है, या यूं ही तुम नहीं देखते.? स्याह रातों में चांद झांकता हो झरोखे से उठ के तुम हाल मेरे जानिब... Hindi · मुक्तक 3 237 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बड़ी हैरत से हम उन्हें देखा किए आज उठाए फिरते थे सच के कंधे पे जो झूठ की लाश न्यालय से संसद में आ गए वो आज.? अब सच भी... Hindi · मुक्तक 4 490 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक हम डूबे हुए थे नाक तक, तुम्हारे सर से पानी गुजरते देखा तो चैन आया...??? बड़े बेचैन फिरते थे गुलाबों के दस्त में हम तुम्हारे बेली में भी खार उगते... Hindi · मुक्तक 3 228 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक बड़े नाज़ुक दौर के रहगुज़र से गुजर रहे है हम लिबास बदन पे है और बदन उतार रहे हैं यहां लोग ये जो घूमते हैं संसद के बाजार में फूले... Hindi · मुक्तक 3 164 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read कहां हम भूले भूल कर भी तुम्हें कहां हम भूले वो खवत वो रबत कहां हम भूले तेरे पेशानी को चूमती थी जो अल्क ख़्वाब में भी उसे सुला के कहां हम भूले... Hindi · मुक्तक 3 378 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read हम बेकारों ने जमाने को क्या क्या न दिया हम बेकारों ने जमाने को क्या क्या न दिया शब ए सोज़ को साज़ में क्या पिरो कर न दिया हिज्र के पहलू से लिपटे रहे हम शब भर क्या... Hindi · कविता 4 241 Share Mugdha shiddharth 17 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक मैंने हर्फ़ हर्फ़ में लिखा तुझे, जो कभी दिखा नहीं तुझे मैंने लब्ज़ लब्ज़ में सवारा तुझे, ये भी नहीं क्यूं है गवारा तुझे खुदा के अक्स को मिटाया मैंने... Hindi · कविता 3 200 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दवा लगे न दुआ लगे सजदे में मेरा सर न झुके लोग कहते हैं मेरे दिमाग का खाना खराब है ~ सिद्धार्थ 2. ये कैसी गफलत है सारे शहर में... Hindi · मुक्तक 3 2 324 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक सब ने कहा, भूलने की तुझे बुरी लत लग आई है हम ने कहा, कहां इसे मैंने अभी तक दिल से लगाई है दिमाग की ये तो जाई है, दिमाग... Hindi · मुक्तक 3 2 200 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दिल के कमरे में पहले से ही पुर-ख़ुलूस सा किरायेदार रहता है बेचैनियों से मेरी वो राबता रखता है हर सांस में नाम के उसके धड़का रहता है धडकनों के... Hindi · मुक्तक 4 4 267 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक जिंदगी ने दी नहीं हम ने पलट कर ली नहीं एक कतरा जिंदगी अपने लिए हम ने जब भी अपनी खुशी देखी अपनों को खुशी मेरी देखी गई नहीं हम... Hindi · मुक्तक 3 2 347 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read आधा आधा सपने बिना नयन है आधा अपने बिना रिश्ते हैं आधा मुस्कान बिना अधर है आधा सामान बिना बाजार है आधा सुर बिना संगीत है आधा प्रीत बिना मनमीत है आधा... Hindi · कविता 3 4 515 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक 1. सूखी शखों को भी ये तो खिल कर गुलनार कर देती हैं ये फूल हैं यारा बेनूर दिलों को भी कचनार कर देती हैं ~ सिद्धार्थ 2. मैं अपनी... Hindi · मुक्तक 3 244 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read हम रह गए आधे एक उम्र गुजर गई तेरे इंतजार में राधे सारी दुनियां कहे ... मैं उसका हूं ...मगर ... हम रह गए आधे ... होठों पे मुस्कान, ....दिल में तनहाई है नयनों... Hindi · कविता 3 212 Share Mugdha shiddharth 16 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक डूबने वाले ने डुबाने वाले का हांथ पकड़ा और चूम लिया डूबने वाले ने अपने हक में कयामत को भी बूचड़ का जलाल समझा और झूम लिया ~ सिद्धार्थ Hindi · मुक्तक 3 209 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक दिल ने एक पुकार सुनी है अभी – अभी क्या तुझ तक भी पहुंची है रुकी – रुकी सुनना मत इस को दिल की कानों से दर्द देगा ये सर्द... Hindi · मुक्तक 3 204 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मेरे लिखे को मेरा बयान ही समझना मेरे लिखे को मेरा बयान ही समझना कब्र को मेरे, मेरा आरामगाह ही कहना जब जिंदगी है हिर्ज के शख्त हाथों में मौत को मेरी वस्ल की रात ही समझना... Hindi · मुक्तक 3 232 Share Mugdha shiddharth 15 Mar 2020 · 1 min read मुक्तक इश्क हर जिंदा दिल में पलता है चालाकियों को बस ये खलता है तुम जो आते भूले से कहीं देखते सांस नहीं सीने में मेरे तेरे नाम का धड़का चलता... Hindi · मुक्तक 3 190 Share Previous Page 8 Next