कवि संजय कौशाम्बी 329 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हम भी मशहूर हैं..... अपनी मासूम सी जिंदगी के लिए लिख रहा हूँ ग़ज़ल आप ही के लिए आँख से रूठकर आँसुओं ने कहा लोग जीते हैं अपनी ख़ुशी के लिए बुत बनो या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पैरों में छाला चाहिए रोशनी का रंग भी अब उनको काला चाहिए है अँधेरों की ये ख्वाहिश कुछ उजाला चाहिए प्यार,ममता,फर्ज,इज्जत गुम न हो इसके लिए घर के दरवाजों में अब मजबूत ताला चाहिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जिसे हम गुनगुना आये जिसे हम गुनगुना आये बड़ा सुंदर तराना था थे हम भी आँख के तारे हमारा भी जमाना था महल है आज मेरे पास पर भूला नहीं हूँ मैं किराये के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 221 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पुरखों की निशानी बेच देते हैं महज सिक्कों में अपनी ज़िंदगानी बेच देते हैं नयी मिल जाए तो चीजें पुरानी बेच देते हैं तड़पता प्यास से व्याकुल जो कोई आये चौखट पर तो भरकर बोतलों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read उलझन में रहता हूँ मैं बनकर प्यार का मोती तेरे दामन में रहता हूँ मुझे मालूम है हर पल तेरी धड़कन में रहता हूँ तू मुझमें और मैं तुझमें दिखाई देते हैं सबको तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मुझको इंसान बना दे मौला करके बेजान...बना दे मौला मुझको आसान बना दे मौला मैं हिफाजत करूं च़रागों की मुझको तूफ़ान बना दे मौला नज़्म सा उसको सँवारा तूने मुझको उनवान बना दे मौला एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 162 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read आख़िरी ख़त मोबाइल के गुटर- गूं के साथ व्हाट्सऐप,फेसबुक,मैसेंजर पर बोलती अँगुलियों ने हृदय की भाषा को कर दिया मौन कितना अच्छा लगता था घंटो सोचना भावनाओं को स्याही में घोलना और... Hindi · कविता 223 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read वो दे देगा तुम्हें घर.. ख़ुदा रुतबा युँ ही अपना कभी खोने नहीं देगा सदाक़त इश्क़ में हो तो जुदा होने नहीं देगा सदा फुसला के रखना दिल को ये नादान बालक है अगर रोया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 466 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पाँव धरने की इजाजत दो शमां से बोला परवाना कि मरने की इजाजत दो नहीं तो मुस्कुराकर बात करने की इजाजत दो हृदय उपवन तुम्हारा खींचता है रूह को मेरी सुकोमल इस धरा पर पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 178 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read सताना छोड़ मत देना हमें मालूम है पर तुम जताना छोड़ मत देना तुम्हें मुझसे मोहब्बत है बताना छोड़ मत देना घनी रातों की चादर ओढ़कर जब मैं कभी सोऊं मुझे ख्वाबों में आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 204 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बताऊँगा तुम्हें वो बात बताऊँगा तुम्हें वो बात जो खुद से छिपाता हूँ तुम्हीं हो देखकर जिसको मैं ये गजलें बनाता हूँ गलतफहमी की इस दीवार का है बस सिला इतना उधर तुम जुड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read एक दिन राधिका ने कहा श्याम से एक दिन राधिका ने कहा श्याम से छोड़ कैसे गए इतने आराम से दिन के सूरज में तकती हूँ चेहरा तेरा फूल यादों के खिल जाते हैं शाम से थाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 809 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम्हारी कनपटी पर कटे या न कटे पर कसमसा कर हम भी बैठे हैं तुम्हारे इश्क में गर्दन फँसाकर हम भी बैठे हैं जमाना चल रहा है चाल शतरंजी ज़माने से वजीरी दांव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 524 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read कभी-कभी यूँ भी कभी-कभी यूँ भी दिल को समझाना पड़ता है जख्म छुपाकर सीने में मुस्काना पड़ता है जब से आँखों में चाहत के ख्वाब सुनहरे जागे हैं आईने से भी अब उनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read दिल की लगी थी ... दिल की लगी थी न तो कोई दिल्लगी हुई ना तो दुआ सलाम न तो पँयलगी हुई जाने था कौन दिल में जिसने घर बना लिया जाले में मकड़ियों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मिलें मुश्किल से जो पल मिलें मुश्किल से जो पल वो सदा आबाद रहते हैं सफर आसान हो तो रास्ते कब याद रहते हैं कदर करते हैं जो जज्बात की,आँसू की,रिश्तों की वो पिच पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 134 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पल भर का साथ पल भर का साथ पल में निभाकर चले गए आए वो और दिल को दुखाकर चले गए मेहमान थे वो रुकते भला और कितने दिन दो चार घड़ी वक़्त बिताकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 213 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तारे सजे फ़लक पर ... तारे सजे फ़लक पर बारात हो गए हम मिलने को चाँदनी से खुद रात हो गए हम आकर के बादलों ने हम पर सितम किया यूँ रिमझिम बरस-बरस के बरसात... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 367 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम उस पार खतरे में जुदा जो कर रही हमको नदी की धार खतरे में हैं हम इस पार खतरे में तो तुम उस पार खतरे में अगर ईमानदारी ने सुनाया फैसला तो फिर तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पुराने हैं घर कई बारिशों में हुए तर बहुत हैं पुराने हैं घर फिर भी बेहतर बहुत हैं अभी तक नहीं कम हुई इनकी कीमत शहर में तो वैसे नये घर बहुत हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 195 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हवाओं की सारी नमी बँट चुकी है बड़ी थी कभी पर अभी बँट चुकी है कई टुकड़े होकर जमीं बँट चुकी है लगा ले तू टोपी तिलक मैं लगा लूँ ये पहचान भी मजहबी बँट चुकी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 150 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read अक्सर टूट जाती है कसक कोई हमेशा दिल में या रब छूट जाती है पकड़ता हूँ मै जो डाली वो अक्सर टूट जाती है भरा जाता है जिसमें पाप को बचना नहीं मुमकिन भले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read घर आ चुके हैं गए थे वो बाहर......मगर आ चुके हैं परिंदे सभी उड़ के......घर आ चुके हैं न आँखें दिखाओ हमें.....अब मियाँ यूँ कि अब हम भी......अपने शहर आ चुके हैं बने रहनुमा......फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 184 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पसीना छूट जायेगा मरोगे हर घड़ी हर पल ये जीना छूट जायेगा मोहब्बत देखिए करके पसीना छूट जायेगा हमेशा ख्वाब में सिमटी रहेगी मखमली चादर धरे रह जायेंगे तीरथ मदीना छूट जायेगा सँभलकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हैं जख्म जरूरी ये थोड़ा सही लहू मगर उबालिए जनाब हैं जख्म जरूरी ये इन्हें पालिए जनाब यूँ ही किया करेंगे परेशान रात दिन जी में भरे गुबार को निकालिए जनाब जब तक न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मुक्ति दे दो मुझे तुम्हारा बिछड़ना यकीनन दुखदाई था यूँ लगा जैसे आकाश की तिजोरी से लुट गया हो चाँद,सूरज और सितारों का साम्राज्य यूँ लगा जैसे खो गई हो कस्तूरी मृग के शरीर... Hindi · कविता 184 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मेरी कहानी पढ़कर डूबते तैरते लफ्जों की रवानी पढ़कर रात सोई ही नहीं मेरी कहानी पढ़कर ज्ञान की बात में जो छोड़ गया दुनिया को लौट आया है वही आँख का पानी पढ़कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 343 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read शर्मो हया उड़ गई आँख से जब से शर्मो हया उड़ गई यूँ लगा खुशबू लेकर हवा उड़ गई रेत पर चल के आई परी वो मगर दे के कदमों के अपने निशां उड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read तुम्हारे हाथ की अब भी छुअन... तुम्हारे हाथ की अब भी छुअन लिपटी है गालों में उड़ाता हूँ तुम्हारी याद होली के गुलालों में जवाबों की मैं जब फ़ेहरिस्त कोई ढूंढ़ लाता हूँ उलझ जाती है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 215 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ऐ चंदा तू जाकर बदलियों में छुप जा है खुशबू हवाओं में वो आ रही है चला जा ऐ भंवरे तू कलियों में छुप जा शरम से कहीं लौट जाए न प्रियतम ऐ चंदा तू जाकर बदलियों मे... Hindi · गीत 416 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read बस किताबों में लिखी रह जाएँगी चौपाइयाँ एक दिन फट जायेगी कबिरा की सारी पोथियाँ तुलसी सभी की नज़र में बन जायेगा बहुरूपिया वे विवेकानन्द,गाँधी और गौतम मूर्ख थे ये मानसिकता निगल लेगी संस्कृति की बोटियाँ जूतियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 372 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read राधा दिवानी छोड़ जाऊँ क्या नयन दरिया में ख्वाबों की रवानी छोड़ जाऊँ क्या बता मुझको सुगंधित रातरानी छोड़ जाऊँ क्या तिरी मगरूरियत मैं तोड़ दूँ तुझ पर फ़ना होकर तिरी यादों में अपनी भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हम चले आए हैं अपना घर छोड़कर वो गली वो सड़क वो शहर छोड़कर हम चले आए हैं अपना घर छोड़कर जिनके साए में बचपन जवाँ था कभी आए वो जेठ की दोपहर छोड़कर रोजी-रोटी की ख्वाहिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जिंदगी तुझसे मोहब्बत हो गई है करे क्या दिल की जब दिल से बग़ावत हो गई है मुझे ऐ जिंदगी तुझसे मोहब्बत हो गई है अदाएँ ये सजा देने की देखी जब से मैने मुझे गुस्ताखियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 358 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मैं कहीं भी रहूँ तू कहीं भी रहे हाथ हो हाथ में, हाथ में भी रहे साथ है तू अगर साथ में भी रहे जिंदगी का मजा आएगा और भी जिंदगी में अगर जिंदगी भी रहे संदली हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पर्दा हटा के देखो शिकवा,शिकायतों को दिल से मिटा के देखो दरवाजे पर खड़े हैं पर्दा हटा के देखो तुम पर टिकी हुई है बुनियाद जिंदगी की हम मुस्कुरा पड़ेंगे तुम खिलखिला के देखो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read ख़त का जवाब आने दो जिंदगी क्या है ये लब्बोलुआब आने दो बचपने में लिखे ख़त का जवाब आने दो दूज के चाँद को बढ़ने दो पूर्णमासी तक हुस्न निखरेगा ये इस पर शवाब आने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 178 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मजा आ जाए आँख मैखाना बना लो तो मजा आ जाए जाम नजरों से पिला दो तो मजा आ जाए तुम उधर मैं हूँ इधर और ये गहरा सागर नाव लहरों पे चला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 197 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मिरी ख़मोशी को... मिरी ख़मोशी को फ़रियाद समझ बैठा है उधार ले के वो इमदाद समझ बैठा है मजे की बात तो ये है कि तिरी दुनिया में शिकार खुद को ही सैय्याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 160 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 4 min read ईमान बिक गया ढेले में बड़ा अचम्भा देखा हमने, इस दुनिया के मेले में बेईमानी में मिले करोङों,ईमान बिक गया ढेले में झूठ का सब बाजार लगा है, लूट रहा है जादूगर सड़कों पर हो... Hindi · कविता 1k Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हे हंसवाहिनी हे हंसवाहिनी जीवन का आधार हमें दे दो हम गीली मिट्टी हैं माँ आकार हमें दे दो तुम सरगम में,तुम गीतों में,तुम हो ताल में,लय में दे दो माँ आशीष... Hindi · गीत 279 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read जिन्दगी तेरे सिवा और क्या बाकी रहा ऐ आशिकी तेरे सिवा कर नहीं पाया किसी की बन्दगी तेरे सिवा जब अँधेरे बन गए हिस्से की मेरी मिल्कियत न मिली मुझको कही भी रोशनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 206 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read मदारी का तमाशा हो रहा है था वादा क्या मगर क्या हो रहा है हकीकत में दिखावा हो रहा है चलो बच्चों जरा ताली बजाओ मदारी का तमाशा हो रहा है खबर उड़ने लगी जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 389 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हमारा नाम आने दीजिए तोड़कर अरमान दिल के यूँ न जाने दीजिए हक उसे भी है उसे भी दिल दुखाने दीजिए कैद करिए खूब सूरज को तिजोरी में मगर झोपड़ी में जुगनू को तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read इनबाॅक्स में आ जाना जा रहा हूँ मैं परदेश अपना ख्याल किया करना जब याद मेरी आए मिसकाॅल किया करना स्मार्टफोन लेकर नेट पैक डला लेना तस्वीर भेजना रोज व्हाट्सऐप चला लेना सेन्ड करना... Hindi · कविता 202 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हिन्दुस्तान ज़िन्दा है है गहरा जख्म़ फिर भी आज तक नादान ज़िन्दा है नमी है आँख में लब़ पर मगर मुस्कान ज़िन्दा है कोई जाकर जरा बतला दो नफऱत के च़रागों को हमारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 253 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read गाँधी बाबा आ गए लूट-लूट अंग्रेज गरीबों की जब रोटी खा गए लाठी लेकर उन्हें भगाने गाँधी बाबा आ गए खूब लगान वसूला उन गोरों ने अत्याचार से परेशान थी जनता सारी जब कोड़ों... Hindi · कविता · बाल कविता 182 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read हमें हर घड़ी मुस्कुराना पड़ेगा ये माना कठिन है बहुत जिन्दगी ये मगर जी के हमको दिखाना पड़ेगा दबाकर के पीड़ा को औरों की खातिर हमें हर घड़ी मुस्कुराना पड़ेगा तड़पते हुए मन की संवेदना... Hindi · गीत 224 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read रंगमंच का हर किरदार मुबारक है जिस्म रूह के संगम का हर इक अवतार मुबारक है दुनिया के इस रंगमंच का हर किरदार मुबारक है सौ झूठों पर भारी पड़ जाता है सच्चा मौन यहाँ खुशियाँ... Hindi · गीत 177 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read खुद को भी समझाइए साहिब ऐसी भी क्या नाराजगी फरमाइए साहिब बातें हैं जो भी दिल में वो बतलाइए साहिब भूखे मरोगे कब तलक ईमानदारी में थाली भरी है व्यंजनों से खाइए साहिब आईना खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 214 Share Previous Page 4 Next