Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

गाँधी बाबा आ गए

लूट-लूट अंग्रेज गरीबों की जब रोटी खा गए
लाठी लेकर उन्हें भगाने गाँधी बाबा आ गए

खूब लगान वसूला उन गोरों ने अत्याचार से
परेशान थी जनता सारी जब कोड़ों की मार से

युद्ध छेड़कर सत्याग्रह का गोरों को दहला गए
लाठी लेकर उन्हें भगाने गाँधी बाबा आ गए

असहयोग की आग लगाकर सारे देश को जगा दिया
भारत छोड़ो नारा देकर अंग्रेजों को भगा दिया

एक अकेले की ताकत को दुनिया को समझा गए
लाठी लेकर उन्हें भगाने गाँधी बाबा आ गए

172 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
*तिक तिक तिक तिक घोड़ा आया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"डर"
Dr. Kishan tandon kranti
सरसी छंद और विधाएं
सरसी छंद और विधाएं
Subhash Singhai
जीवन का सफर
जीवन का सफर
नवीन जोशी 'नवल'
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जवान वो थी तो नादान हम भी नहीं थे,
जय लगन कुमार हैप्पी
World Dance Day
World Dance Day
Tushar Jagawat
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
छोड़ दिया है मैंने अब, फिक्र औरों की करना
gurudeenverma198
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
चैत्र नवमी शुक्लपक्ष शुभ, जन्में दशरथ सुत श्री राम।
Neelam Sharma
सिलसिला रात का
सिलसिला रात का
Surinder blackpen
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
रोशनी का रखना ध्यान विशेष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
गुस्सा करते–करते हम सैचुरेटेड हो जाते हैं, और, हम वाजिब गुस्
Dr MusafiR BaithA
** मंजिलों की तरफ **
** मंजिलों की तरफ **
surenderpal vaidya
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Exhibition
Exhibition
Bikram Kumar
अरुणोदय
अरुणोदय
Manju Singh
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
कान खोलकर सुन लो
कान खोलकर सुन लो
Shekhar Chandra Mitra
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
मैं तेरा श्याम बन जाऊं
Devesh Bharadwaj
खुद से खुद को
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक
कवि रमेशराज
23/39.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/39.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
**विकास**
**विकास**
Awadhesh Kumar Singh
दोहावली ओम की
दोहावली ओम की
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
रंग उकेरे तूलिका,
रंग उकेरे तूलिका,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शिवा कहे,
शिवा कहे, "शिव" की वाणी, जन, दुनिया थर्राए।
SPK Sachin Lodhi
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
आज आचार्य विद्यासागर जी कर गए महाप्रयाण।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फटे रह गए मुंह दुनिया के, फटी रह गईं आंखें दंग।
फटे रह गए मुंह दुनिया के, फटी रह गईं आंखें दंग।
*Author प्रणय प्रभात*
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
Loading...