suresh sangwan 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read तिरी बे-रूख़ी का कोई ग़म नहीं होता जानां तिरी बे-रूख़ी का कोई ग़म नहीं होता जानां उल्फ़त न होती तो ये सितम नहीं होता जानां वक़्त की ज़मीं पे किसी ने बीज था बोया हुआ हादसा कोई रहा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read अपनी ज़ुल्मत-ओ-नफ़रत को अदा कहती है अपनी ज़ुल्मत-ओ-नफ़रत को अदा कहती है दुनियां मेरी मोहब्बत को ख़ता कहती है क़िस्से पुराने वही गम-ए-दिल की दास्तान फिर क्यूँ दुनियां इस दौर को नया कहती है चाराग़र से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share suresh sangwan 11 Dec 2016 · 1 min read मौसम आशिकाना बहुत है आज मौसम आशिकाना बहुत है आज खुश तिरा दीवाना बहुत है आज लगे है बारिश में नहाया हुआ शज़र ये सब्ज़ाना बहुत है आज किया है कुछ काम ज़माने वाला मेहरबां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 386 Share suresh sangwan 10 Dec 2016 · 1 min read हर शय में ढलने की आदत डाल रखी है हर शय में ढलने की आदत डाल रखी है आज तलक याद तेरी संभाल रखी है कोई रंग भरो इसमें चुपचाप न बैठो तस्वीर-ए-उल्फ़त कब से बे-हाल रखी है मिलकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 8 609 Share suresh sangwan 9 Dec 2016 · 1 min read तेरे ईश्क़ को अपनी अमानत कर लूं तेरे ईश्क़ को अपनी अमानत कर लूं हसरत तो है के तुझसे मोहब्बत कर लूं ग़म-ए-जहां से कुछ रोज़ सही फुरक़त कर लूं राह-ए-शौक़ से ए दिल तेरी निस्बत कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 368 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read ज़िंदगी अपनी है फिर भी उधार लगती है.. ज़िंदगी अपनी है फिर भी उधार लगती है कुछ और नहीं ये दुनियां बाज़ार लगती है तेज़ धूप और बारिश ने ये हाल कर दिया मुझे अपने दिल की दर-ओ-दीवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 240 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read मात-पिता और गुरु का मान हमेशा रखना.. मात-पिता और गुरु का मान हमेशा रखना बेटा अच्छे - बुरे का ज्ञान हमेशा रखना नरेन सुभाष टेगौर कलाम रमन के जैसे बस अपने हिन्दुस्तां की शान हमेशा रखना दुश्मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 560 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read अपने हिस्से की चाहिये अब जिंदगी मुझे.. अपने हिस्से की चाहिये अब जिंदगी मुझे दिखाती है सच साफ़ इल्म की रोशनी मुझे तन्हाई में पाती है तो चली आती है चाहती है कब से जाने ये शायरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 519 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read मिजाज़-ए-मौसम कुछ पल में बदल जाता है.. मिजाज़-ए-मौसम कुछ पल में बदल जाता है फूल खिलता है महकता है बिखर जाता है मंज़िल यक़ीनन पाएगा वो शख़्स अच्छा है अच्छा ये है कि गिरता है संभल जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 331 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read बिना पढ़े ही पोस्ट लाईक ना करना यारो.. बिना पढ़े ही पोस्ट लाईक ना करना यारो सब लाईक करे ये साईक ना करना यारो कोई पढ़ता है तुम्हें तो शुक्रगुज़ार रहो खुद अपनी रेटिंग में हाईक ना करना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read नज़र बता रही है इसे उल्फ़त रही है ....... नज़र बता रही है इसे उल्फ़त रही है किस तरह मजबूर दिल की हालत रही है दर्द-ओ-ग़म कहीं सीने में दफ़न करके खुश- खुश रहने की मेरी आदत रही है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read कहानी लंबी है पर छोटा सा किरदार मैं भी रखती हूँ.. कहानी लंबी है पर छोटा सा किरदार मैं भी रखती हूँ ज़माने के साथ चल सकूँ इतनी रफ़्तार मैं भी रखती हूँ नारी हूँ मैं अपनी कहूँ ना कहूँ कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 671 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read है दरमियाँ जो आज वो परदा हटाकर देख लेते हैं है दरमियाँ जो आज वो परदा हटाकर देख लेते हैं इन फूलों की तरहा हम भी मुस्कुराकर देख लेते हैं डोर हाथ में है हवाएँ साथ में हैं तो डरना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 310 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read शौक़-ए-विसाल और ये शरमाना तेरा मेरा.. शौक़-ए-विसाल और ये शरमाना तेरा मेरा धड़कते दिलों का ये नज़राना तेरा मेरा देता है पुख़्ता सुबूत दिल जाने का दफअतन कहीं- भी कभी- भी यूँ मुस्कुराना तेरा मेरा आँखों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read खुले आसमाँ तले सोया भी जाय तो कैसे.. खुले आसमाँ तले सोया भी जाय तो कैसे बोलो मच्छरों का पहरा भी जाय तो कैसे बड़े शहर के छोटे घर में बंद से कमरे में ए.सी के बिना बोलो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 248 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read बेचैनियों को दिल की पैग़ाम कोई तो दे........... बेचैनियों को दिल की पैग़ाम कोई तो दे मेरी निकहतों को दिलबर काम कोई तो दे हवा महकते गुलाब की या ख़ला ही कर अता इन डूबती साँसों को अंजाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 222 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read बेचैनियों को दिल की पैग़ाम कोई तो दे........... बेचैनियों को दिल की पैग़ाम कोई तो दे मेरी निकहतों को दिलबर काम कोई तो दे हवा महकते गुलाब की या ख़ला ही कर अता इन डूबती साँसों को अंजाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 287 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read कोई मंज़िल भी नहीं कहीं मुझे जाना भी नहीं... कोई मंज़िल भी नहीं कहीं मुझे जाना भी नहीं तेरी ख़ातिर ऐ ज़िंदगी मैं दीवाना भी नहीं पुराने क़िस्सों की अब दुहाई ना दिया कर मुझे पहले वाला तो ऐ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 256 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read आँखों में नूर आया मिरे लब पे हँसी आ गई.. आँखों में नूर आया मिरे लब पे हँसी आ गई हम भूले हुये थे राहें और तेरी गली आ गई उड़ाये जुल्फें मिरी कभी आँचल से खेले है तुम्हें जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 276 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read ख़्वाब- ओ-हक़ीकत में आसां याराने कहाँ होते हैं ख़्वाब- ओ-हक़ीकत में आसां याराने कहाँ होते हैं इन आसमानों में किसी के ठिकाने कहाँ होते हैं सजाकर लफ्ज़ करीने से कह डालिए दिल की बातें यूँ रोज़ -रोज़ फुरसतों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 241 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read जिंदगी इक बार नहीं सौ बार चल के आये.. जिंदगी इक बार नहीं सौ बार चल के आये तू आये बहार आए गुलज़ार चल के आये तीर-ए-ईश्क़ की बदौलत हैं धड़कनें दिल की कोई तो खूबी है जो शिकार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 343 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read चली रोशनी की बात हवाओं के साथ साथ.. सुनी हैं मैनें कहानियाँ ये जबां जबां से हां अच्छे हैं हम इससे उससे फलां फलां से था सीधा सा रास्ता अपना मंज़िल थी आसां और होके आए हैं रब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read बहे चलो जब तक किनारे ना मिलें.......... बहे चलो जब तक किनारे ना मिलें साहिल के बेशक़ इशारे ना मिलें मुझे इक आसमाँ काफ़ी है सर पे नहीं शिक़वा चाँद सितारे ना मिलें ख्वाब तो ढूँढ लेते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read आजा के मेरी खुशियों की सौगात बन के आ.......... आजा के मेरी खुशियों की सौगात बन के आ चाँद तारों से महकी शबनमी रात बन के आ ए सनम में भूल जाऊं अगले पिछले सारे गम इस दिल में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read चरागों के क़िस्से हवाओं की दास्तां सुनाकर जाना......... चरागों के क़िस्से हवाओं की दास्तां सुनाकर जाना नई सुबहा नई रोशनी नया रास्ता बताकर जाना आना -जाना लगा रहेगा यूँ ही दुनियां के मेले में खिले रहें यादों के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read हालात ही बदले न खुद को बदल पाये हम.......... हालात ही बदले न खुद को बदल पाये हम समझी हमें दुनियाँ न उस को समझ पाये हम किसको फ़ुरसत है जो बैठे पूछे दास्तां दर्द-ए-दिल से अब तक कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 300 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read तहरीरें काग़ज़ पर उतार लीजिये.......... तहरीरें काग़ज़ पर उतार लीजिये लीजिये क़लम मेरी उधार लीजिये जब फ़र्श-ए-गुल लगा दिया हवाओं ने आइए मज़ा- ए- चमन- ज़ार लीजिये हो जाती है ग़लती जाने -अनजाने बेहतर है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 193 Share suresh sangwan 8 Dec 2016 · 1 min read ग़ज़ल पर ग़ज़ल मैं तुझको सोचकर लिखती रही... ग़ज़ल पर ग़ज़ल मैं तुझको सोचकर लिखती रही मेरी ज़िंदगी तुझे मैं उम्र भर लिखती रही क़िताब- ए- हसरत और मेरे अश्क़ों की सियाही क़लम से दिल के ख्वाबों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share suresh sangwan 5 Dec 2016 · 1 min read इक महकते गुल ने गुलाब भेजा है... इक महकते गुल ने गुलाब भेजा है एक दो नहीं पूरा सैलाब भेजा है हर शख़्स बस उसकी मिसाल देता है क्या खूब रब ने देकर शबाब भेजा है इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 475 Share suresh sangwan 4 Dec 2016 · 1 min read सज़दे बहुत किये या-रब दुआएं बहुत की सज़दे बहुत किये या-रब दुआएं बहुत की मैने दिल-ए-बीमार की दवाएं बहुत की छाया इधर कभी ना टूट तू बरसा यहां उम्मीदों की इस दिल ने घटाएं बहुत की गुबार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 199 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ तेरी दोस्ती को ज़िंदगी की जान मानती हूँ लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानती हूँ खुदा के बनाये रिश्ते बहुत अनमोल हैं लेकिन तेरी दोस्ती को अपनी पहचान मानती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read उस पार वो तो जाके इस पार देखते हैं उस पार वो तो जाके इस पार देखते हैं साहिल पे बैठे हम ही मझधार देखते हैं ये जिंदगी हमारी उलझन का सिलसिला है पहले से पहले अगली तैयार देखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read ये जिंदगी इक बार क्या दस बार चल के आये ये जिंदगी इक बार क्या दस बार चल के आये तू आये बहार आये चमनज़ार चल के आये छोड़े ना तेरा साथ जो आ जाये मौत भी नादां जहाँ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read जहाँ इतने हैं ए दिल वहाँ एक फसाना और सही जहाँ इतने हैं ए दिल वहाँ एक फसाना और सही जीने का तेरे वादे पे एक बहाना और सही और है पानी ए दिल समंदर में आँखों के अभी आँख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 500 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read दिल ये मेरी नज़र कर दे दिल ये मेरी नज़र कर दे मुझको मेरी ख़बर कर दे दीवाना तुझको सदा रखूं मुझमें ऐसा हुनर कर दे जब- जब याद तेरी आये गुलो-ख़ुश्बू सा असर कर दे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 475 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read आज से अब से कोई गीत ऐसा गाएँ हम आज से अब से कोई गीत ऐसा गाएँ हम चाहे गम मिले या खुशियां बस मुस्कुराएँ हम जब हदें नहीं कोई खुले इन आसमानों की भरे उड़ानें हर कोई सारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read क्या कहूँ किसी एक को दिल ये ज़रा-ज़रा सबने तोड़ा क्या कहूँ किसी एक को दिल ये ज़रा-ज़रा सबने तोड़ा कुछ थे मेरे अपने और ज़रा- ज़रा रब ने तोड़ा देखा है जब भी ग़ौर से इनसां को मैने किसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read खंजर देख ना कटार देख खंजर देख ना कटार देख तू क़लम देख और धार देख आई नहीं ख़बर इक तेरी हर दिन आता अख़बार देख दिल के दरीचे खोल के रख खुद को तारों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 342 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read चाँद- सितारों में हैं क्या चर्चे चलकर देखा जाये चाँद- सितारों में हैं क्या चर्चे चलकर देखा जाये ज़मीं का आसमाँ से कभी दिल बदलकर देखा जाये क़िताबी इल्म नहीं यारो तज़रबा अपना है मेरा बेहतर है दुनियाँ को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read ज़िंदगी धुआँ -धुआँ शाम सी लगती है ज़िंदगी धुआँ -धुआँ शाम सी लगती है हर बात खास मुझे आम सी लगती है तन्हाइयों के घर मुझे छोड़ गया वो रोशनी भी अब गुमनाम सी लगती है बहका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 753 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read झुकती हैं पलकें कभी उठ- उठ देखती हैं झुकती हैं पलकें कभी उठ- उठ देखती हैं हसरतें उन्हीं गलियों में चल चल देखती हैं इरादा ही है कोई ना हौसला इसमें ठोकरों से क्या गुबार उड़ -उड़ देखती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 588 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read मंज़िल कोई और मुझे बताये ही क्यूँ मंज़िल कोई और मुझे बताये ही क्यूँ यहाँ बुलाकर वाइज़ को लाये ही क्यूँ तुम ही वक़्त थे न हम ही थे रास्ता कोई जाना था जब छोड़कर तो आये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read गुजरेगा यहीं से घर खुदा के रास्ता कोई गुजरेगा यहीं से घर खुदा के रास्ता कोई राह-ए-मुहब्बत में क्यूँ इतना सोचता कोई रहा गुबार ही गुबार सहराओं में दूर तलक रह गया फूलों का पता पूछता कोई थक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 243 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read खुश्बू-ए-गुल को हवाओं से मिल जाने दे खुश्बू-ए-गुल को हवाओं से मिल जाने दे रम जाने दे ज़रा सा और रम जाने दे दुनियाँ से ले जाएगा ये रोग इश्क़ का लग जाने दे ज़रा सा और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read ये मोहब्बत है पनाह में नहीं रहती ये मोहब्बत है पनाह में नहीं रहती बहुत देर ख़ुश्बू गुलाब में नहीं रहती बिखर जाती हूँ कागज पर बन के मोती मैं सियाही हूँ दवात में नहीं रहती आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 286 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read चाँद की बस्ती में काफ़िला सितारों का मिले चाँद की बस्ती में काफ़िला सितारों का मिले उठा दो जहाँ पलकें मौसम बहारों का मिले दुनियाँ की भीड़ थी और हम आप से मिले तक़दीर से साथ ऐसे रहगुजारों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 324 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read यकीं उसकी उल्फ़त का मुझे आने तो दे यकीं उसकी उल्फ़त का मुझे आने तो दे हँस भी लेंगे पहले मुस्कुराने तो दे तीर क्या नज़रों से तलवार चला जानां जहां तू नहीं है जगह वो बताने तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 264 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read जी रही हूँ फिर से दिन बचपन वाले मैं भूल गई हूँ अब वो दिन पचपन वाले मैं जी रही हूँ फिर से दिन बचपन वाले मैं तेरी हँसी मुझे सौ बहार लगती है हर इक अदा बेहद ख़ुशगवार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read जीती हूँ फिर से वे दिन बचपन वाले भूल गई हूँ अब वे दिन पचपन वाले जीती हूँ फिर से वे दिन बचपन वाले हँसी मुझे तेरी कितनी प्यारी लगती हर मुस्कान मुझे तेरी न्यारी लगती और बढ़ी... Hindi · कविता 1 275 Share suresh sangwan 29 Nov 2016 · 1 min read किताबों में दिल की कहानी रहेगी किताबों में दिल की कहानी रहेगी किसी प्यार की खुश निशानी रहेगी नज़रों से नज़रें जो मिलती रहीं तो चाहत जिगर मे पुरानी रहेगी मुहब्बत सिखाने से गर सीख ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 340 Share Previous Page 3 Next