Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2016 · 1 min read

हालात ही बदले न खुद को बदल पाये हम……….

हालात ही बदले न खुद को बदल पाये हम
समझी हमें दुनियाँ न उस को समझ पाये हम

किसको फ़ुरसत है जो बैठे पूछे दास्तां
दर्द-ए-दिल से अब तक कैसे उभर पाये हम

धीरे – धीरे फूल छोटे खार बड़े हो गये
वक़्त के साथ इसलिए कम ही महक पाये हम

जानम इक तेरी हसरत हमें बरबाद कर गई
फिसले उस दिन केअब तक न संभल पाये हम

अश्क़ बह के कह गये जानते हैं हम ही ये
आँख के दायरे में कैसे सिमट पाये हम

तक़दीर का लिखा हरगिज़ नहीं मिटने वाला
आग पर चल कर भी देखिए जल न पाये हम

बची खुची उम्मीद ‘सरु’ जाती न रहे दिल से
शायद इस ख़्याल से घर से निकल पाये हम

281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हमें
हमें
sushil sarna
2739. *पूर्णिका*
2739. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम
पंकज प्रियम
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
हमें प्यार और घृणा, दोनों ही असरदार तरीके से करना आना चाहिए!
Dr MusafiR BaithA
नारदीं भी हैं
नारदीं भी हैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
जरूरी है
जरूरी है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
लाल और उतरा हुआ आधा मुंह लेकर आए है ,( करवा चौथ विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो
gurudeenverma198
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
Orange 🍊 cat
Orange 🍊 cat
Otteri Selvakumar
विषम परिस्थियां
विषम परिस्थियां
Dr fauzia Naseem shad
■ आज भी...।
■ आज भी...।
*Author प्रणय प्रभात*
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
गोलू देवता मूर्ति स्थापना समारोह ।
श्याम सिंह बिष्ट
सीरत
सीरत
Shutisha Rajput
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
* संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 6 अप्रैल
Ravi Prakash
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
वक्त-वक्त की बात है
वक्त-वक्त की बात है
Pratibha Pandey
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
रात बीती चांदनी भी अब विदाई ले रही है।
surenderpal vaidya
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
कुण्डलिया-मणिपुर
कुण्डलिया-मणिपुर
दुष्यन्त 'बाबा'
मानसिकता का प्रभाव
मानसिकता का प्रभाव
Anil chobisa
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एक बार फिर ।
एक बार फिर ।
Dhriti Mishra
है मुश्किल दौर सूखी,
है मुश्किल दौर सूखी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
shabina. Naaz
Loading...