कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
प्रकृति ने चेताया जग है नश्वर
उस पार की आबोहवां में जरासी मोहब्बत भर दे
रख धैर्य, हृदय पाषाण करो।
Humanism : A Philosophy Celebrating Human Dignity
शिक्षक दिवस पर गुरुवृंद जनों को समर्पित
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कभी - कभी सोचता है दिल कि पूछूँ उसकी माँ से,
तुम्हें जब भी मुझे देना हो अपना प्रेम
*"बीजणा" v/s "बाजणा"* आभूषण
लोककवि पंडित राजेराम संगीताचार्य
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
राजनीति में ना प्रखर,आते यह बलवान ।
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
मौसम का क्या मिजाज है मत पूछिए जनाब।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
मै श्मशान घाट की अग्नि हूँ ,
💐प्रेम कौतुक-226💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।