कवि संजय कौशाम्बी Tag: ग़ज़ल/गीतिका 193 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि संजय कौशाम्बी 16 Apr 2020 · 1 min read रास्ता मंजिल के जैसा लग रहा है बड़ा खामोश है गाफिल के जैसा लग रहा है अमां मझधार भी साहिल के जैसा लग रहा है हकीकत सामने बैठी है पर खामोश हैं लब यहाँ हर आदमी बुजदिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 268 Share कवि संजय कौशाम्बी 24 Mar 2020 · 1 min read दो पेड़ लगाऊँ कैसे प्रकृति की देवी कुपित है मैं मनाऊँ कैसे जल रही दुनिया प्रदूषण से बचाऊँ कैसे कट रहे जंगल और सूख रहे हैं सागर अब बताओ तो मानसून मैं लाऊँ कैसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read मैं ही फक़त बदनाम था क्या पता मुझको सफ़र मुश्किल था या आसान था बेखुदी में चल रहा था वक्त़ का फरमान था रास्तों से बेवफाई कर सका न मैं कभी इसलिए दी छोड़ मंजिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share कवि संजय कौशाम्बी 21 Mar 2020 · 1 min read तुम नजर आए तुम इस तरह मेरे वजूद में उतर आए देखा आईने में खुद को तो तुम नजर आए भुला दिया तुमने मुझको एक पल में मगर तुम जो बिछड़े तो मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 539 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कोरोना की दहशत में खुद ही खुद से बहल रहे हैं कोरोना की दहशत में पर अंदर से दहल रहे हैं कोरोना की दहशत में स्वच्छ देश के नारों पर न जिनके कान पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 446 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बाधाएँ आयीं कितनी ही बाधाएँ आयीं कितनी ही फिर भी पीछे हटा नहीं डरते भला किसी से क्यों हम जब हमने की ख़ता नहीं आँखों से आँसू किसान के बहे मगर नाकाफ़ी थे धान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ख़याल का ख़याल तो कर तू मेरी छोड़ जरा अपनी देखभाल तो कर मेरे ख़्याल के ख़याल का ख़याल तो कर मैं तो अपना हूँ तेरा कैसी तकल्लुफ मुझसे जवाब दूंगा मैं मुझसे कोई सवाल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जरूरत क्या है बता यूँ वक्त़ बदलने की जरूरत क्या है तुझे तूफान में जलने की जरूरत क्या है कर्ज जब माफ कर दिया तो फिर बचा के नजर निकलने की जरूरत क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 455 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बेसहारा मत समझ लेना मिरे किरदार को बेबस बिचारा मत समझ लेना अभी है जंग बाकी यार हारा मत समझ लेना फ़लक पर चल रहा हूँ मैं तेरा दीदार करने को मुझे टूटा हुआ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read घिर गया मैं लगी ठोकर जमीं पर गिर गया मैं लड़खड़ाकर कहा सबने कि पीकर फिर गया मैं लड़खड़ाकर दिखी थी बेगुनाही हर कदम मेरी हमेशा कहा सबने मुझे शातिर गया है लड़खड़ाकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मंजिल वही पाता है कुकड़-कूँ चीखकर के जब कहीं मुर्गा मचलता है तभी चादर हटाकर रात की सूरज निकलता है छुपाई होगी कोई मिल्कियत उस खाली कमरे में तभी तो हर पहर दरवाजे का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 320 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बुजुर्गों की दुआ आने दो है असरदार बुजुर्गों की दुआ आने दो खिड़कियाँ खोल दो अब ताज़ी हवा आने दो आज बीते हुए लमहों को गुनगुनाने दो पहली बारिश है ये सावन की भीग जाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 523 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आज हम हँस पड़े खोई सी रात पर आज हम हँस पड़े जाने किस बात पर आज हम हँस पड़े छायी काली घटा चाँद जब छुप गया तनहा ज़जबात पर आज हम हँस पड़े... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बेशरम हम न होते सिलसिले गमों के कभी कम न होते अगर तुम न होते अगर हम न होते अगर आँसुओं की न बरसात होती सुलगते हुए मन कभी नम न होते सिमटते हुए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बैठे हैं वो उम्मीद जियादा किए हुए निकला हूँ आज घर से इरादा किए हुए अपने ही आप से कोई वादा किए हुए हमको न दे सके जो कभी प्यार के दो पल बैठे हैं वो उम्मीद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 273 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जिसे हम गुनगुना आये जिसे हम गुनगुना आये बड़ा सुंदर तराना था थे हम भी आँख के तारे हमारा भी जमाना था अरे ओ झोपड़ी वालों न यूँ आँखें दिखाओ तुम किराये के मकानों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read चुपचाप भला क्यों बैठे जफ़ा की ये रस्म चला क्यों बैठे घरों को खुद ही जला क्यों बैठे बड़ा ही शोरगुल है संसद में हमीं चुपचाप भला क्यों बैठे भरोसा हमने किया था जिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 193 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read चलते बने कुछ लिया कुछ दिया और चलते बने हाल पूछा किया और चलते बने जाँ हथेली पे रख ली थी जिनके लिए बोले वो शुकरिया और चलते बने तोड़कर दिल मेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read यूँ ही आ चाहे जरूरत में आ कहीं किसी भी मुहूरत में आ मेरे ख्यालों से हकीकत में आ तिरा दीदार सुकूँ देता है युँ ही आ चाहे जरूरत में आ खुशी के वक्त़ न आने वाले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 176 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read पल दो पल का साथ तुम्हारा..अच्छा है पल दो पल का साथ तुम्हारा..अच्छा है तुम हो तो संसार ये सारा.......अच्छा है बैठा हूँ बारूद पे.........मन में दहशत है पर वादी का यार.......नजारा अच्छा है सारी दुनिया जीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 218 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मीरा ने अपने मन को बँसुरिया बना लिया आँखों के नीरकुम्भ को दरिया बना लिया हमने गमों को जीने का जरिया बना लिया राधा को मिला दर्द ही जब दर्द प्रेम में उस दर्द को ही उसने सँवरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read कृष्ण का तन मन सदा राधा रहा उम्र भर सीधा रहा सादा रहा कुछ तो उसके पास में ज्यादा रहा रूह निकली जिस्म से कहते हुए लौटकर आऊँगी ये वादा रहा रात भर भरता गया भरता गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 344 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आओ उसे खोजें बड़ी मायूस सी है जिंदगी आओ उसे खोजें कहीं छुपकर के बैठी है खुशी आओ उसे खोजें गया जो छोड़कर के राह में मिल जायेगा वो भी मिटा दो बैर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read घर जो मिट्टी का मिला तो यूँ लगा प्यार का जब से खजाना मिल गया रूह को अपना ठिकाना मिल गया तुम मिले,तुम यूँ मिले,तुम क्या मिले हमको तो सारा जमाना मिल गया जाओ,जाओ आँसुओं हाफिज खुदा अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 202 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read याद आयेंगे हम भी मियाँ एक दिन हसरतें होंगी मन की जवाँ एक दिन जीत लेंगे ये सारा जहाँ एक दिन हौसलों के परों से उड़ाने भरो चूम लेगा कदम आसमाँ एक दिन जाने वाले कदम आयेंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read तेरा आँचल दिखाई दे तुम्हारा प्यार की ताकत मुझे हर पल दिखाई दे दिया था हाथ ने अंगुली को जो सम्बल दिखाई दे बचाने को बुरी नजरों से जो तुमने दिया तोहफा अभी तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 230 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read सोचें क्या बैठकर कि भला खुलकर न करो ऐसी खता लोग क्या कहेंगे हँसकर न किसी को दो दुआ लोग क्या कहेंगे नफरत की जंग में थे बड़े शौक से शामिल जब इश्क हो गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 167 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read जाने क्या वो जाने वाला दे गया सम्बन्धों का फिर हवाला दे गया वक्त़ दरवाजों पे ताला दे गया जुल्फें खुली,हैं आँख नम,खामोश लब जाने क्या वो जाने वाला दे गया मजहबी उन्माद हाथों में मिरे संग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 250 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मेरे भारत में तुम्हारी नहीं चलने वाली तुम्हारी कारगुजारी नहीं चलने वाली काला धन कालाबजारी नहीं चलने वाली गए वो दौर जो शोषण के चलाए तुमने हुजूर अब नई पारी नहीं चलने वाली खुली तिजोरी तो हँसते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 183 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read लोहे का दरवाजा लगाता है बड़ा मगरूर बैठा है कहीं आता न जाता है किसी के इश्क में शायद कोई सपना सजाता है कहूँ क्या हाल दीवाने का जाकर देखिए साहिब बनाकर झोपड़ी लोहे का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 177 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आशिकी है,सियासत नहीं है गम से हमको मोहब्बत नहीं है आँसुओं की जरूरत नहीं हैं चुपके से खो गया दिल तो समझे दिल पे अपनी हुकूमत नहीं है लड़ने को लड़ रहा हूँ मैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 180 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read हम भी उन्हें आजमाते रहे इश्क कुछ इस कदर हम निभाते रहे दूर से ही महज मुस्कुराते रहे वो हमें आजमाती रही उम्र भर और हम भी उन्हें आजमाते रहे छोड़कर गीत गजलों की सरगम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 192 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ख्वाब आँखों में.... ख्वाब आँखों में पलने लगे आजकल तुम हमें तंग करने लगे आजकल आइना भी बता न सका राज ये लोग क्यों हमसे जलने लगे आजकल ज़ख्म दिल के जुबाँ पाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 181 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read सिक्का उछालकर रखता वो अपने आपको कैसे सँभालकर करता रहा जो फैसले सिक्का उछालकर कुछ इस तरा जला दिया है दूध ने मुझे पीने लगा हूँ छाछ को भी मैं उबालकर उसको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read आँखों में पट्टी बाँध लेती है ज़हन बचपन का गोली मीठी-खट्टी बाँध लेती है कि जैसे पौधे की जड़ गीली मिट्टी बाँध लेती है महाभारत तभी छिड़ता है घर की दो दिवारों में कि जब गांधारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 151 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read माँ की मीठी गालियाँ अच्छी लगीं डोर की अठखेलियाँ अच्छी लगीं नाचती कठपुतलियाँ अच्छी लगीं उड़ चलीं मकरंद लेकर के मगर फूल पर ये तितलियाँ अच्छी लगीं प्यार की बारिश लिए आगोश में आ गिरीं जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read तुरपाइयाँ दिखती रहीं बुझते हुए दीपक में कुछ बीनाइयाँ दिखती रहीं हाथ हिलाती दूर तक परछाइयाँ दिखती रहीं शान से चलता है बेटा तानकर सीना यहाँ माँ-बाप के पैरों में पर बीवाइयाँ दिखती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read बेटी को दो तालीम बेटी को दो तालीम घर खुशियों भरा हो जायेगा पानी जड़ में डाल दो पत्ता हरा हो जायेगा चाल ग़र समझो सियासत की तो अच्छी बात है वर्ना फिर बंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 432 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read फसाना मेरी चाहत का फसाना मेरी चाहत का मिरे लब तक नहीं पहुँचा लिखा था ख़त जमाने से मगर अब तक नहीं पहुँचा ख़ुदा मिलना कहाँ आसां ये बोला वो फक़ीर आकर था वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read चलो दरिया किनारे किया जब प्यार दुनिया से भला फिर क्यों डरें हम तुम चलो दरिया किनारे बैठकर बातें करें हम तुम उन्हें चिंता नहीं जाँ भी हमारी जाए तो जाए तो फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मुझको भुला रहा है कोई हो गया मोम सा खुद को गला रहा है कोई आज फिर जिंदगी की लौ जला रहा है कोई खो गया चैन भी और उड़ गयी है नींद मेरी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 207 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read नित ही कैलाश पर भोले... नित ही कैलाश पर भोले नए करतब दिखाते हैं ये दुनिया नाचने लगती है जब डमरू बजाते हैं जटा में धारकर गंगा चन्द्रमा शीश पर धरकर गले में नाग की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 393 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मैं तेरे जैसा नहीं हूँ उड़ा ले जाओगे बनकर हवा...हल्का नहीं हूँ जुड़ा हूँ शाख से....टूटा हुआ पत्ता नहीं हूँ बुराई वो मिरी कर ही नहीं सकता कहीं भी उसे मालूम है गूँगा हूँ...पर बहरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 164 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read दिल को दुखा दीजिये आइये दिल में दिल को दुखा दीजिये इस मोहब्बत का कुछ तो सिला दीजिये जो जी चाहे सजा दीजियेगा मगर पहले तोहमत तो कोई लगा दीजिये ये अँधेरे न टिक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 367 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read ये हुआ है तो फिर हुआ क्यों है दर्द रह-रह के यूँ उठा क्यों है दिल में काँटा कोई चुभा क्यों है मार कर जी रहा है ये खुद को आदमी खुद से ही खफ़ा क्यों है मिरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 194 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read वो कब तक बेवफ़ाई न करेगा यूँ जग की रहनुमाई न करेगा वो कब तक बेवफ़ाई न करेगा हो जख्मी दिल मोहब्बत में अगर तो तड़प लेगा दवाई न करेगा गिरेबाँ में जो खुद के झाँक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read मिरा भी नाम आएगा कहीं रख दो सलीके से कहीं पर काम आएगा तुम्हारी आपबीती में मिरा भी नाम आएगा खिले थे फूल वादों के जहाँ कसमों की खुशबू है उसी गुलशन में भँवरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 321 Share कवि संजय कौशाम्बी 19 Mar 2020 · 1 min read उसे भी दिल दुखाने दीजिए तोड़कर अरमान दिल के यूँ न जाने दीजिए हक उसे भी है उसे भी दिल दुखाने दीजिए कैद करिए खूब सूरज को तिजोरी में मगर झोपड़ी में जुगनू को तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 395 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read उसे अच्छा नहीं लगता मैं जब आँसू बहाता हूँ उसे अच्छा नहीं लगता ग़ज़ल में दर्द गाता हूँ उसे अच्छा नहीं लगता उसे ख्वाहिश नहीं मैं जंग जीतूँ वास्ते उसके मगर जब सर झुकाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 179 Share कवि संजय कौशाम्बी 18 Mar 2020 · 1 min read पता है सब हैसियत तुम्हारी पता है सब हैसियत तुम्हारी हमें भला क्या जता रहे हो हमीं ने बैठाया है सदन में हमीं को आँखें दिखा रहे हो जो कल तलक थे अज़ीज़ दिल के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 497 Share Page 1 Next