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19 Mar 2020 · 1 min read

घर जो मिट्टी का मिला तो यूँ लगा

प्यार का जब से खजाना मिल गया
रूह को अपना ठिकाना मिल गया

तुम मिले,तुम यूँ मिले,तुम क्या मिले
हमको तो सारा जमाना मिल गया

जाओ,जाओ आँसुओं हाफिज खुदा
अब तो हँसने का बहाना मिल गया

लौटकर आया क्या बाँहों में मेरी
फिर हसीं लमहा सुहाना मिल गया

घर जो मिट्टी का मिला तो यूँ लगा
मीत बचपन का पुराना मिल गया

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