Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jan 2024 · 1 min read

* मुक्तक *

* मुक्तक *
आंधियों में सहज जल उठेंगे दिए।
आस मन में जरा सी जगा दीजिए।
सब बढ़े जा रहे सबके गंतव्य हैं।
कौन रुकता यहां है किसी के लिए।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १०/०१/२०२४

1 Like · 1 Comment · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from surenderpal vaidya
View all
You may also like:
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
Harminder Kaur
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
काश असल पहचान सबको अपनी मालूम होती,
manjula chauhan
3288.*पूर्णिका*
3288.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बोलते अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम हासिल ही हो जाओ
तुम हासिल ही हो जाओ
हिमांशु Kulshrestha
ख्याल........
ख्याल........
Naushaba Suriya
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
न्योता ठुकराने से पहले यदि थोड़ा ध्यान दिया होता।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
वो मेरे बिन बताए सब सुन लेती
Keshav kishor Kumar
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
जिस मुश्किल का यार कोई हल नहीं है
कवि दीपक बवेजा
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
Shweta Soni
कब मरा रावण
कब मरा रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
जीवन देने के दांत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*
*"वो भी क्या दिवाली थी"*
Shashi kala vyas
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
There are seasonal friends. We meet them for just a period o
पूर्वार्थ
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
Dr. Man Mohan Krishna
Happy new year 2024
Happy new year 2024
Ranjeet kumar patre
"स्कूल चलो अभियान"
Dushyant Kumar
*पिताजी को मुंडी लिपि आती थी*
*पिताजी को मुंडी लिपि आती थी*
Ravi Prakash
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
तुम खेलते रहे बाज़ी, जीत के जूनून में
Namrata Sona
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
दूसरों की लड़ाई में ज्ञान देना बहुत आसान है।
Priya princess panwar
दौलत से सिर्फ
दौलत से सिर्फ"सुविधाएं"मिलती है
नेताम आर सी
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े  रखता है या
दादी दादा का प्रेम किसी भी बच्चे को जड़ से जोड़े रखता है या
Utkarsh Dubey “Kokil”
■ आज का मुक्तक
■ आज का मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
वक्त लगता है
वक्त लगता है
Vandna Thakur
गीत
गीत
Shiva Awasthi
दूसरा मौका
दूसरा मौका
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
ठहर गया
ठहर गया
sushil sarna
जो नहीं दिखते वो दर्द होते हैं
जो नहीं दिखते वो दर्द होते हैं
Dr fauzia Naseem shad
Loading...