Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2024 · 1 min read

■ आज का मुक्तक

■ आज का मुक्तक
(आत्म-मुग्ध मूढ़ों को समर्पित)

1 Like · 38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन
मन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
"तुम नूतन इतिहास लिखो "
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
झरते फूल मोहब्ब्त के
झरते फूल मोहब्ब्त के
Arvina
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
मेरी खुशी वह लौटा दो मुझको
gurudeenverma198
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
' पंकज उधास '
' पंकज उधास '
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कलेक्टर से भेंट
कलेक्टर से भेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Dr Arun Kumar Shastri
Dr Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अभी तो साथ चलना है
अभी तो साथ चलना है
Vishal babu (vishu)
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
गल्प इन किश एंड मिश
गल्प इन किश एंड मिश
प्रेमदास वसु सुरेखा
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
कृष्ण कन्हैया
कृष्ण कन्हैया
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"पते पर"
Dr. Kishan tandon kranti
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
कारवां गुजर गया फ़िज़ाओं का,
Satish Srijan
दर्दे दिल…….!
दर्दे दिल…….!
Awadhesh Kumar Singh
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
शीर्षक : पायजामा (लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
काव्य भावना
काव्य भावना
Shyam Sundar Subramanian
#ज़मीनी_सच
#ज़मीनी_सच
*Author प्रणय प्रभात*
भटके वन चौदह बरस, त्यागे सिर का ताज
भटके वन चौदह बरस, त्यागे सिर का ताज
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
बेटी आएगी, तो खुशियां लाएगी।
Rajni kapoor
बरगद पीपल नीम तरु
बरगद पीपल नीम तरु
लक्ष्मी सिंह
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
मर्दों को भी इस दुनिया में दर्द तो होता है
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Loading...