"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मैं जीना सकूंगा कभी उनके बिन
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जीवन में प्राथमिकताओं का तय किया जाना बेहद ज़रूरी है,अन्यथा
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
चाहने वाले कम हो जाए तो चलेगा...।
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
चलो मौसम की बात करते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर फूल गुलाब नहीं हो सकता,