Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2023 · 1 min read

ज़िंदगी

बिन दीवार की मकान हो गयी है
ज़िंदगी सियासती दुकान हो गयी है !

मेला यहाँ बुझते चिरागों का है
लौ चिराग की बदनाम हो गयी है !

सच की आँख में जलता हुआ अंगार है
कलम की ताकत आज तूफ़ान हो गयी है !

चाँद में दाग तो है , पर बेनूर कभी न था
आज ख़ूबसूरती मगर बेपर्दा सरे आम हो गयी है !

दौर सियासती है बिकने लगी है इंसानियत यहाँ
जुनून ए सत्ता में ईमानदारी क़त्ले आम हो गयी है !

संजीदा रहना ज़िंदगी को रास आने लगा है अब
अजीबो गरीब हादसों से किस्मत भी हैरान हो गयी है !

पथरीले रास्तों सी हो गयी है ज़िंदगी ‘इंसान’ की यहाँ
मुलायम बिस्तर सी ज़िंदगी हैवान की शान हो गयी है !

बदल से गए हैं नज़ारे एक तुम्हारे जाने के बाद
ज़िन्दगी की हर सुबह ढलती शाम हो गयी है !

चले आया करो हर रोज़ महकती हवाओं की तरह
कि बिन तुम्हारे ज़िन्दगी बे आराम हो गयी है !

हर लफ्ज़ में जिंदा रहता है इक एहसास तुम्हारा
हाँ,चले जाने से तुम्हारे ज़िन्दगी की सही पहचान हो गयी है !

….डॉ सीमा ( कॉपीराइट )

180 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Seema Varma
View all
You may also like:
मेरी इबादत
मेरी इबादत
umesh mehra
खत्म हुआ जो तमाशा
खत्म हुआ जो तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
शारदीय नवरात्र
शारदीय नवरात्र
Neeraj Agarwal
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Tu itna majbur kyu h , gairo me mashur kyu h
Sakshi Tripathi
* बातें मन की *
* बातें मन की *
surenderpal vaidya
2356.पूर्णिका
2356.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
यूं साया बनके चलते दिनों रात कृष्ण है
Ajad Mandori
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
नजरों को बचा लो जख्मों को छिपा लो,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
मन को कर देता हूँ मौसमो के साथ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
ना दे खलल अब मेरी जिंदगी में
श्याम सिंह बिष्ट
*सर्वप्रिय मुकेश कुमार जी*
*सर्वप्रिय मुकेश कुमार जी*
Ravi Prakash
गुरु कृपा
गुरु कृपा
Satish Srijan
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Mukesh Kumar Sonkar
*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
जितनी मेहनत
जितनी मेहनत
Shweta Soni
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
जिंदगी जी कुछ अपनों में...
Umender kumar
-- अंतिम यात्रा --
-- अंतिम यात्रा --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
जीवनामृत
जीवनामृत
Shyam Sundar Subramanian
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
* वेदना का अभिलेखन : आपदा या अवसर *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"प्यार का रोग"
Pushpraj Anant
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
"अकेला"
Dr. Kishan tandon kranti
मोबाइल
मोबाइल
लक्ष्मी सिंह
■ सुरीला संस्मरण
■ सुरीला संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
दूसरों को देते हैं ज्ञान
दूसरों को देते हैं ज्ञान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...