Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2024 · 1 min read

इश्क में आजाद कर दिया

चलो आज हमनें तुम्हें इश्क में आजाद कर दिया।
जो तुम्हें मंजूर है,उसे ही कबूल कर लिया।
हमने चाहा है इश्क में तुम्हारा उम्र भर का साथ।
पर तुम्हें यह बात पसंद आए या ना आए
इसलिए खुद को खामोश कर लिया।
देखा था पहली दफा मैंने तुम्हें वीडियो कॉल पर जब
तब तुम्हारी नादानियों और शरारतों ने उस पल
मन में घर कर लिया।
हमें नहीं मालूम था कि ये साथ
उम्र भर के लिए होगा या कुछ पल के लिए
पर जो तुमने कहा उसे ही मैंने कबूल कर लिया।
कभी ये न समझना तुम कि प्यार में तुम्हें
अपना वास्ता देकर खुद के पास रख लूंगा।
पर आशा ये जरूर रखूंगा कि मेरा प्यार
सच्चा होगा तो शायद तुम खुद ही
मेरे पास ठहर जाओगे।
हमने तो सीखा ही नहीं कभी इश्क में
अपने प्यार को कैद करना।
हमनें तो इश्क में उसके खुशी के लिए
उसे भी खुद से आजाद कर दिया।

– डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरूपति, आंध्र प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 24 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
सृष्टि
सृष्टि
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सागर प्रियतम प्रेम भरा है हमको मिलने जाना है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
3004.*पूर्णिका*
3004.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी
नारी
Bodhisatva kastooriya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
ज़िंदगी एक जाम है
ज़िंदगी एक जाम है
Shekhar Chandra Mitra
जै जै जग जननी
जै जै जग जननी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भाई बहन का प्रेम
भाई बहन का प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
बचपन मेरा..!
बचपन मेरा..!
भवेश
साजिशें ही साजिशें...
साजिशें ही साजिशें...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
*चली आई मधुर रस-धार, प्रिय सावन में मतवाली (गीतिका)*
Ravi Prakash
जो भक्त महादेव का,
जो भक्त महादेव का,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
लकवा
लकवा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब एक ज़िंदगी है
जब एक ज़िंदगी है
Dr fauzia Naseem shad
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
आँगन में एक पेड़ चाँदनी....!
singh kunwar sarvendra vikram
बढ़ती हुई समझ
बढ़ती हुई समझ
शेखर सिंह
शाकाहारी बने
शाकाहारी बने
Sanjay ' शून्य'
ईश्वर
ईश्वर
Shyam Sundar Subramanian
राम काज में निरत निरंतर
राम काज में निरत निरंतर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
फितरत को पहचान कर भी
फितरत को पहचान कर भी
Seema gupta,Alwar
मैं तो महज क़ायनात हूँ
मैं तो महज क़ायनात हूँ
VINOD CHAUHAN
एक रावण है अशिक्षा का
एक रावण है अशिक्षा का
Seema Verma
आज कोई नही अनजान,
आज कोई नही अनजान,
pravin sharma
Loading...