Rashmi Sanjay Language: Hindi 210 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Rashmi Sanjay 5 Feb 2022 · 1 min read फिर ऋतुराज कनखियों देखें.. चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 2 444 Share Rashmi Sanjay 1 Feb 2022 · 1 min read मुझको जाना पड़ेगा वज़्म में, उसका दुशाला ..ओढ़ कर जाना पड़ेगा बाद मुद्दत तल्खियों को छोड़ कर जाना पड़ेगा थी मोहब्बत भी कभी, नज़रें बता देंगी उसे सामने उसके, मुझे मुॅंह मोड़ कर... Hindi · मुक्तक 2 483 Share Rashmi Sanjay 17 Jan 2022 · 1 min read समझौता जीवन के हर एक क्षण से समझौता हम करते आए! पर पीड़ा उर मे ढाँपे विस्मृत खुद को करते आए!! पड़ा सीखना प्रबल गति की आशा को बंधन देना! अपनो... Hindi · कविता 215 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'मीठी साँझ जगाये रखना' खुद पर आँख लगाए रखना अपनी बात बचाए रखना दौर बुतों संग जीने का है हर पल शीश झुकाए रखना बाँटों लंगर जी भर-भरके थाली एक सजाये रखना चेहरा गीला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 252 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'अनोखा रिश्ता' रिश्तों पे ठिठकी फ़क़त उलझने थी! ना वो तुम रहे थे ना वो मैं बची थी!! कभी जो थी तेरी ये स्मित अकेली नयन बिन थे सपने नमी इक सजी... Hindi · कविता 463 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read प्रेम लजाये चेहरे पर! विश्वास की आभा खुशियाँ भर रौनक ढ़लकाये चेहरे पर! तुम साथ रहो इक दूजे के बस प्रेम लजाये चेहरे पर!! अकसर मीठे एहसास तेरे चुप अधरों पर दिख जाते हैं!... Hindi · कविता 423 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'दोस्तों की याद में' यादों भरी फिर सुबह आ रही है.. ये बारिश नयन को डुबो जा रही है.. वो मुस्कान खुद की, वो बातें..वो किस्से! वो परछाईं बनते थे लगते फ़रिश्ते! अकेले भला... Hindi · कविता 243 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'छूना कुछ नज़ाकत से' अगर शब्दों से भी छूना तो छूना कुछ नज़ाकत से बड़ी बारीक यादें है मिली दिल को विरासत में नहीं हैं डर प्रलय का भी मोहब्बत हो गई जब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share Rashmi Sanjay 13 Jan 2022 · 1 min read 'था वो एक ज़माना' था वो एक ज़माना! बस अपना ख़ज़ाना!! वो आसक्ति उन्मुक्त हो के जताना! वो टीका लगा के लजाना लुभाना!! वो जी भर के आँसू से बातें बताना! था वो एक... Hindi · कविता 2 4 538 Share Rashmi Sanjay 10 Jan 2022 · 1 min read साठ की पदचाप! फिर से ना छेड़ो प्रिय आयु की बात.. सुनने दो मुझको साठ की पदचाप! सुनते रहे अबतक सबकी हर बात.. यादों के लम्हात.. उलझे बात बे बात.. चांदी भी सिमट... Hindi · कविता 2 2 317 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read 'वृद्ध हाथों को न छोड़ो' जीत लो रिश्तों की बाजी, कुछ ज़रा झुक जाओ अब! गर उपेक्षित हो रहे अपने, तो फिर रूक जाओ बस! झाॅंक लो कुछ पास में, बहते नयन हैं तो नहीं?... Hindi · कविता 2 2 319 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read 'तुम्हारी सोहबत' अच्छा लगता है.. तुम्हारे भावों के खा़मोश मशवरों की सोहबत में रहना ! बहुत मासूमियत से मेरे जीवन में घुले हो तुम! अपने नाजुक ख्यालों के साथ! अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 1 244 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read यादों के पहाड़ों पर तुम्हे पता है ... यादों के पहाड़ों पर.. तुम्हारे प्रेम की वो अनुगूॅंज ! आँख मिचमिचाते सपनों को लगा लेती है गले से ! और मुझे.. हमेशा अच्छा लगता है..... Hindi · मुक्तक 219 Share Rashmi Sanjay 9 Jan 2022 · 1 min read प्रेम का सृजन कभी हम साथ होगें.. कल्पनाओं के सघन वन में... कभी बेबाक यादें जी रही होंगी तेरे घर में.. मुझे पुचकार लेना गर कभी रूठी मिलूं तुमसे ... मुझे तुमने गढ़ा... Hindi · मुक्तक 2 462 Share Rashmi Sanjay 1 Jan 2022 · 1 min read रहें निरोगी लोग.. बरसें खुशियाॅं सदन में, रहें निरोगी लोग झिलमिल सपनें पूर्ण हों, लगे न कोई रोग! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · दोहा 191 Share Rashmi Sanjay 31 Dec 2021 · 1 min read अलविदा 2021 विध्वंसक था साल पुराना.. चला अलविदा अब कह कर ! स्वागत कर लो नये वर्ष का.. नव-आशा से मन भर कर ! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · कविता 497 Share Rashmi Sanjay 31 Dec 2021 · 1 min read साथ वो ऊपरवाला है बदल रहे हम लम्हें-लम्हें.. साथ वो ऊपरवाला है। जो जीवन में मिला, बचा है उसका वो रखवाला है! स्वरचित रश्मि लहर लखनऊ Hindi · मुक्तक 1 2 203 Share Rashmi Sanjay 30 Dec 2021 · 1 min read ये संसार लगा प्यारा है! सपने मेरे ढेरों-ढेर गुड़िया संग करती मैं सैर हाथ पकड़ते पापा मेरे मम्मी साथ घूमती मेले अपनी ये दुनिया अच्छी है परियां भी लगती सच्ची हैं सावन के झूले मन... Hindi · कविता · बाल कविता 264 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read मेरी सुनो ना.. जरा संग हो ना! मेरी सुनो ना.. जरा संग हो ना! फिसलता सा हर पल जरा थाम लो ना। यूं खुद को समेटे थका जा रहा हूं उचाटी है मन में न सो पा... Hindi · कविता 1 348 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था! बिन बताए यूॅं जाना, जरूरी ना था! छूटना यूं अकेले, ज़रूरी था क्या? छोड़ जबसे गये, मैं नहीं जी सकी हाॅं मरी भी नहीं, पर कहाॅं जी सकी? एक बेटी... Hindi · कविता 201 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read चुप्पियां छोड़ दो.. वो भी कहते रहे चुप्पियाॅं छोड़ दो शर्त मेरी भी थी तल्खियाॅं छोड़ दो ग़ैर वाजिब भी तुम दाम लेते रहो बात ये मान लो अर्थियाॅं छोड़ दो ठंड में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 230 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 1 min read 'अंगना' घने दरख्तों साथ जुड़ा था, कोने कोने से घर अंगना। छोटा था, पर, जगह बड़ी थी, इठलाता था अक्सर अंगना।। रंगबिरंगी चौक पूरती, सर ढाॅंपे था अक्सर अंगना। नृत्य, भजन,... Hindi · कविता 1 4 507 Share Rashmi Sanjay 29 Dec 2021 · 2 min read सांता क्लॉज़ सांता क्लॉज़ बहुत जल्दी में था, अपने स्वभाव के अनुरूप उसने सभी को ढेरों खुशियां दे डाली थीं, अब वो निश्चिंत था कि बच्चे और उनके अभिभावक बहुत खुश थे।... Hindi · लघु कथा 1 415 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मेरी नासमझी थी वो.. मेरी नासमझी थी वो.. शाखों से लिपटी शबनम को अपनी थरथराती उॅंगलियों से छू लेना! और ज़ुदा कर देना उनको.. हां सच! मेरी नासमझी थी.. मुट्ठी में छुपा कर कोने... Hindi · मुक्तक 546 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read ज़िंदगी एक किताब है.. ज़िंदगी वो किताब है.. जिसमें संकलित हैं.. प्रेम की झील पर तैरते अबोध.. अप्रवासी पक्षियों का अनौपचारिक अनुबंध! यर्थाथ को समेटती संवेदनाओं के.. परिपक्व भाव, जहाॅं अनुभूतियों ने उकेरें हैं..... Hindi · मुक्तक 464 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read मन होता है कुछ बांटें! मन होता है कुछ बांटें वो जलती-सुलगी रातें कुछ अनबुझ गहरी घातें जब सपने भूखे रहते.. करते रोटी की बातें.. वो कदम-कदम की चोटें मौसम की अविचल घातें वो बस... Hindi · मुक्तक 189 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारा साथ चाहा था.. तुम्हारा साथ चाहा था.. मेरे तुम थे नहीं तो कब तुम्हें वादों में बांधा था.. थे रिश्तों के भी अपने दायरे मालूम था उसको.. तभी छूटा तो रोया था.. न... Hindi · कविता 1 300 Share Rashmi Sanjay 28 Dec 2021 · 1 min read तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी.. जला देती है.. रोटी का सोंधापन.. बढ़ा देती है मन का सूनापन.. कुंठित हो जाते हैं सवेरे के.. अनमने काम.. तुम्हारी ग़ैर मौज़ूदगी में नहीं उलझते है..... Hindi · मुक्तक 215 Share Rashmi Sanjay 27 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना कि.. तुम इस तरह आना कि न सुन पाए तुम्हारे कदमों की व्याकुल आहट.. मेरे मन की दहलीज! चुपचाप चले आना तुम! अपने मिलन की चाॅंदनी लेकर विलग कर देना !... Hindi · मुक्तक 390 Share Rashmi Sanjay 26 Dec 2021 · 1 min read पापा तुम कितने अच्छे थे! पकड़ के उँगली, थाम के बाँहें, चलना तुम सिखला देते थे। पापा तुम कितने अच्छे थे, बस रफ्तार बढा़ देते थे।। आती-जाती, शोर मचाती, रुक जाती थी सड़कों पर, हौले... Hindi · कविता 1 2 425 Share Rashmi Sanjay 25 Dec 2021 · 1 min read ए वक्त! मैं चकित हूं तुम्हारे बदलाव पर.. इतना गुमसुम कर चुके हो दुनिया को.. नि: शब्द कर दिया है हर आरंभ एवं अंत को ए वक्त! सुनो ना खिलखिलाता सा थोड़ा... Hindi · मुक्तक 475 Share Rashmi Sanjay 25 Dec 2021 · 1 min read कुछ यादों का क्या कहना! कुछ यादों का क्या कहना भरी आँख से बह आती है! गाँव नहरिया मंदिर छूटे द्वार आँगना गोबर लीपे। शगुन पहर नूपुर बन जीते मनस पटल स्मित लाती है। कुछ... Hindi · कविता 391 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 14 min read प्रेमाश्रयी संत काव्य धारा धर्म का प्रवाह कर्म, ज्ञान, और भक्ति इन तीन धाराओं में चलता है । इन तीनो के सामंजस्य से धर्म अपनी पूर्ण सजीव दशा में रहता हैं । किसी एक... Hindi · लेख 1 2k Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'अब चाँद भी दुःखी है' ऑंखें छलक रही हैं, सपनों की जान लेकर तुमको भी क्या मिला है ये इम्तेहान लेकर किस आग ने किया है इस चांदनी को पीला अब चाँद भी दुःखी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 493 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'बदल रे बंधु' पथरीला पथ, मार्ग कटीला, स्मृतियों संग बहल रे बंधु। अंतिम बेला शुरु हुई है, रह ले ख़ुद संग, बदल रे बंधु।। नश्वरता से जुड़ कर देखा, रिसते रिश्ते, बंधन कैसा।... Hindi · कविता 279 Share Rashmi Sanjay 24 Dec 2021 · 1 min read 'प्रिय मुझे छुपा लो' मुझे छुपा लो तुम अपनी, बाँहों के विस्तृत घेरे में। पथरीले पथ ने मेरे, पाँवों को, घायल कर डाला। विरह निशा ने, जागी आँखों में बस, काजल भर डाला। दीया... Hindi · कविता 1 2 302 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read गर्दन कटेगी ज़मीनी हक़ीक़त भिगो देगी दुःख से संभल कि समय के निशाने पर है तू.. ग़रीबी अगर ख़त्म करने चले हो तो गर्दन कटेगी, निशाने पर है तू! स्वरचित रश्मि लहर... Hindi · मुक्तक 225 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read फिर भी बाबू जी कहते हैं .. शूल सजे पथ , घायल हर पग बेबस पीड़ा, साथ-साथ है । फिर भी बाबू जी कहते हैं.. यहाँ तो सब कुछ ठीक-ठाक है! कुएं की सूखी दीवारें भी चीत्कारती... Hindi · कविता 202 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 5 min read वर्ष की समाप्ति पर हिन्दी भाषा के बदलते स्वरूप पर चिंतन! प्राचीन काल में भारत में प्रमुख रूप से आर्य परिवार एवं द्रविड़ परिवार की भाषाएं बोली जाती थीं । उत्तर भारत की भाषाएं आर्य परिवार की तथा दक्षिण भारत की... Hindi · लेख 453 Share Rashmi Sanjay 23 Dec 2021 · 1 min read शीतल पिताजी जलती ऑंखों से घर में घुसे। मां तनावग्रस्त हो गईं.."आज फिर कुछ हो गया लगता है", माँ ने मन ही मन सोचा। तब तक पिताजी ने शीतल को पुकारा..... Hindi · कहानी 214 Share Rashmi Sanjay 21 Dec 2021 · 1 min read प्रतीक्षा! अटकती – सहमती जिन्दगी से लुप्त हो चुकी है सुरभित रात-रानी बढ़ चुकी है मोड़-मोड़ पर बिगड़ैल सी नागफनी जो तैयार रहती है नोंच लेने को ....शब्दों का मुख तरेरती... Hindi · कविता 384 Share Rashmi Sanjay 17 Dec 2021 · 1 min read वो चुप हैं.. उनके पास क्षमता है वो चुप हैं.. वो ला सकते हैं परिवर्तन.. पर! वो बंद किये हैं.. अपनी ऑंखें.. ज़ुबान और मन! जो चीख रहे हैं, वो असहाय हैं.. पर..हिम्मत... Hindi · कविता 409 Share Rashmi Sanjay 16 Dec 2021 · 1 min read प्रिय की प्रतीक्षा में! प्रिय.. तुम्हारी प्रतीक्षा में! जला देतीं हूँ कुछ चिराग, तुलसी के आसपास! भर जाता है, रोम रोम में, तुलसी की सुरभि से लिपटा, तुम्हारा भाव! पत्तियों की ओट से झांकती... Hindi · कविता 245 Share Rashmi Sanjay 16 Dec 2021 · 1 min read अम्मा..याद आता है! अम्मा ! याद आता है.. अक्सर ! अनोखी सुगंध से भरा.. तुम्हारा पावन सा प्यार! दुआएं बेशुमार तुम्हारे भावुक से उद्गार अम्मा ! याद आती है.. तुम्हारी नन्ही सी गठरी... Hindi · कविता 188 Share Rashmi Sanjay 14 Dec 2021 · 1 min read बदल दो फिर परिवेश कबीरा बदल दो फिर परिवेश कबीरा। मिले पुनः सर्वेश कबीरा। चलो तलाशें फिर मिल-जुल कर, उन्हें बुला लें मार्ग बदलकर, मैला दामन श्वेत कबीरा। बदल दो फिर परिवेश कबीरा। चहुँदिशि लुप्त... Hindi · कविता 181 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 2 min read बारिश और लाक-डाउन लाॅकडाउन का समय बहुत ढेर सारे यादगार अनुभवों से जीवन को भर गया है। इन्हीं में से एक अनुभव अभी तक भुलाए नहीं भूलता। मेरे पड़ोसी अकेले अपने 12 वर्ष... Hindi · कहानी 327 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 3 min read नानी की पोटली मैंने अपनी बाल्यावस्था के कुछ वर्ष अपनी नानी के साथ बिताये थे । यकीनन बहुत यादगार पल थे.. नानी..शहर की होकर भी, गांव के हर काम को बहुत सलीके से... Hindi · कहानी 633 Share Rashmi Sanjay 13 Dec 2021 · 3 min read अद्भुत डाक्टर मैं रोज शाम को सब्जी लेने जाता, तो घड़ी भरके लिए रेलवे के पुल पर ठिठक जाता। पूरे सफेद बालों वाले एक वृद्ध वहीं दिख जाते । कहीं दूर कुछ... Hindi · कहानी 532 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read प्रिय माॅं प्रिय माॅं चाहे हर वर्ष..तू मत जताना हर्ष पर मानना मत मुझको तुम कोई कर्ज.. मैं तुम्हारा मजबूत भविष्य हूॅं .. इस पर करना गर्व.. मुझे अपने ऑंचल से उड़ना... Hindi · कविता 173 Share Rashmi Sanjay 12 Dec 2021 · 1 min read तुम इस तरह आना इस तरह आना.. कि जैसे बहते ऑंसुओं को खिलखिलाहट धो जाए.. मन के उचाट विचार ..चुपचाप.. प्रेम के ऑंचल में खो जाएं! तुम इस तरह आना.. कि विहॅंस उठे क्षितिज... Hindi · मुक्तक 257 Share Previous Page 3 Next