Umesh Kumar Sharma 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Umesh Kumar Sharma 25 Jun 2022 · 1 min read अर्धांगिनी की विरह व्यथा सुनो, आज बाथरूम की लाइट किसी ने जली हुई नहीं रख छोड़ी हैl न उसके दरवाजे की नॉब पर किसी ने गीले हाथों की छाप छोड़ी है। तुम्हारा तौलिया भी... Hindi · कविता 9 16 471 Share Umesh Kumar Sharma 22 Jul 2020 · 1 min read गहमागहमी घर के एक जिम्मेदार शख्स ने कई दिनों बाद लौटकर अपने घर की दहलीज़ पर पांव रखा था। गला खंखारती ये खबर जैसे ही घर में दाखिल हुईं। आंगन में... Hindi · कविता 8 10 477 Share Umesh Kumar Sharma 14 Jul 2020 · 1 min read गणित संख्याओं की उपयोगिता जब समझ मे आने लगी। तो मूल्यों और मुद्दों को पीछे धकेल कर अंकगणित मोर्चे पर आ गयी। अपने और दूसरे के जोड़ घटाव से निकली ये... Hindi · कविता 7 4 268 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read माता प्रकट हुईं ये घटना तब की है जब मैं उच्च विद्यालय में पांचवीं या छठी श्रेणी में पढ़ता था। हमारे विद्यालय में सह शिक्षा थी। एक तरफ लड़कियाँ और दूसरी तरफ लड़के... Hindi · लघु कथा 7 3 470 Share Umesh Kumar Sharma 11 Jul 2020 · 1 min read मेरा घर और विस्तारवादी नीतियाँ जब हम अपने फ्लैट मे शिफ्ट हुए थे। ये बिल्कुल तय था कि बेड रूम मे दो वॉर्डरोब होंगे। एक तुम्हारा और एक इस नाचीज़ का। कुछ दिन तो समझौते... Hindi · कविता 6 5 449 Share Umesh Kumar Sharma 16 Jul 2020 · 1 min read कब सुधरोगे? मायके से तुम लौटी एक रोज तो कुछ देर बाद चाय पीकर जब जज्बात थोड़े सहज हुए, तुम्हारी खोजी नज़रों ने अपने क्षेत्र का सरसरी तौर पर जायजा लेना शुरू... Hindi · कविता 6 2 345 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 3 min read मेरे घर का कुआँ हमारे घर के पिछले हिस्से में एक छोटा सा कुआँ था। चूंकि उसका पानी मीठा नहीं था, इसलिए हम उसके जल को पीने में तो इस्तेमाल नहीं करते थे, पर... Hindi · कहानी 6 8 235 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 2 min read वंदेमातरम ये रोचक प्रसंग आजादी से एक दो साल पहले का है। हमारे दूर के रिश्तेदार, दुर्गादत्त दादाजी के पुत्र को आजादी के संग्राम में उतरने की जब प्रेरणा प्राप्त हुई,... Hindi · लघु कथा 6 4 439 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 1 min read चौपड़ का खेल हरि बाबू के ऊंचे बरामदे में गर्मियों के दिनों में रात को खाना खाने के बाद घंटो चौपड़ खेलना उन दिनों एक आम बात थी। रोज रात को बरामदे की... Hindi · लघु कथा 6 4 620 Share Umesh Kumar Sharma 31 Jul 2020 · 1 min read पार्क के जोड़े दुनिया से बेखबर एक दूसरे की आंखों मे आंखे डाले हुए भविष्य के सपनो मे खोये कुछ मंझे हुए अपनी आगे की रणनीति विचारते पिछले अनुभवों को खंगालते, कि खुले... Hindi · कविता 6 5 426 Share Umesh Kumar Sharma 19 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ६ घर के बाहर दहलीज़ पर दादी की अदालत बैठती थी। मुहल्ले के एक हिस्से मे, मजदूरों और रिक्शेवालों की चंद झोपड़ियां थी। गरीब लोग पैसे की किल्लत मे गुज़ारा करते... Hindi · कहानी 6 6 281 Share Umesh Kumar Sharma 29 Aug 2020 · 4 min read भाषा का बोझ गांव की राजस्थान क्लब के सदस्यों द्वारा कुछ दिनों बाद एक नाटक का मंचन होना था। ये क्लब हिंदी भाषियों की सांस्कृतिक गोष्ठी की जगह थी उस समय। क्लब का... Hindi · लघु कथा 6 6 611 Share Umesh Kumar Sharma 9 Sep 2020 · 2 min read मारवाड़ी हास्यरस दृश्य १ परसा, किसी के बेटे के तिलकोत्सव से नंगे पांव भुनभुनाते हुए तेजी से घर की ओर लौट रहा था। रास्ते में एक घर के बरामदे में दो लोग... Hindi · लघु कथा 6 2 388 Share Umesh Kumar Sharma 5 Jun 2022 · 1 min read मेरे कच्चे मकान की खपरैल कभी इन्हीं खपरैलों की छतों से बना मेरा एक घर हुआ करता था, बाँस की लकड़ियों ने बाँध रखा था कच्ची दीवारों के सरों को, उन पर कतारबद्ध बैठी ये... Hindi · कविता 6 6 668 Share Umesh Kumar Sharma 1 Jul 2020 · 1 min read माँ माँ वो हर सुबह तुम्हारा बिना अलार्म के उठ कर किचन में खप जाना वहीं से मुझे उठने के लिए आवाज़ देना, मेरी उनींदी आंखों की मिन्नत कि थोड़ी देर... Hindi · कविता 5 2 565 Share Umesh Kumar Sharma 5 Jul 2020 · 1 min read शब्द शब्द कतार मे बैठे थे, मैं उस जानिब गुजरा तो हर एक ने इशारा किया, कि ये कहो!! इस तरह कहो!! और मुझको ही कहो!!! कुछ जो, भारी भरकम से... Hindi · कविता 5 2 419 Share Umesh Kumar Sharma 12 Jul 2020 · 1 min read समानता "जाइये , आप नही समझेंगे" के बाद आपका "मौन धारण" , या ' हाँ , तुम ठीक कहती हो" और "अरे, तुम नही समझोगी" के बाद उनके द्वारा आधे घंटे... Hindi · कविता 5 4 247 Share Umesh Kumar Sharma 13 Jul 2020 · 1 min read उहाफोह गाँव की एक सोच जब पहली बार घर से बाहर निकली तो उसकी मुलाकात, शहर मे खड़ी कई सोचो से हुई। कुछ से उसने दोस्ती करली कुछ से बस तालमेल... Hindi · कविता 5 10 497 Share Umesh Kumar Sharma 14 Jul 2020 · 1 min read ख्वाब भीड़ सड़को पर बैठी है मसले तय करने, घरों से जब वो निकली तो कहा गया सिर्फ , जरूरी सामान ही साथ ले कर चलें। इसलिए, अपनी सोच और समझ... Hindi · कविता 5 2 288 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read फ़ेल होने का गम मेरे चचेरे बड़े भाई जो उम्र मे मुझसे काफी बड़े थे, उनका गांव मे एक प्राथमिक विद्यालय हुआ करता था। कालांतर में , उन्होंने पुरोहित कर्म करना शुरू कर दिया।... Hindi · लघु कथा 5 4 345 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read रोटी और चावल का रिश्ता मेरे एक ममेरे भाई जब पहली बार कोलकाता गए तो भाईसाहब ने उनकी नौकरी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी मे लगवा दी। रहने का इंतजाम गांव के व्यापारी की गद्दी मे कर... Hindi · लघु कथा 5 6 500 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2020 · 2 min read किताबों की अदला बदली आज के इस नए जमाने में , निजी विद्यालयों की भरमार के बीच, जहाँ हर साल कोर्स की नई पाठ्य पुस्तकें लेना अनिवार्य हो गया है क्योंकि किताबों की कीमत... Hindi · लघु कथा 5 3 448 Share Umesh Kumar Sharma 23 Jul 2020 · 3 min read गांव के प्राथमिक हिंदी विद्यालय चूंकि मेरा गांव बिहार (अब झारखंड) की सीमा के बिल्कुल नजदीक बसा हुआ है, इसलिये हिंदी भाषियों की संख्या भी अच्छी तादाद में थी। मेरा जिला पुरूलिया और धनबाद, किसी... Hindi · लघु कथा 5 2 529 Share Umesh Kumar Sharma 24 Jul 2020 · 2 min read पहाड़े (गुणन-सूची) हमारे जमाने में सौ से लेकर एक तक की उलटी गिनती और पहाड़े(किसी अंक की १ से लेकर १० तक के गुणन फलों की क्रमागत सूची) मौखिक और लिखित प्राथमिक... Hindi · लघु कथा 5 2 497 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 2 min read कूट भाषा विद्यालय के दिनों में कुछ खास मित्रो से किसी दूसरे के सामने जब कोई जरूरी या गुप्त बात करनी होती थी,तब हम एक कूट भाषा का प्रयोग करते थे ताकि... Hindi · लघु कथा 5 2 243 Share Umesh Kumar Sharma 25 Jul 2020 · 2 min read दादी पोता और फ़िल्म लगभग ४०-४५ साल पहले का एक दृश्य , दादी और उसका १० वर्षीय पोता फ़िल्म देख रहे हैं। खलनायक के अड्डे पर विवाह का मंडप सजा हुआ है। पंडित के... Hindi · लघु कथा 5 6 357 Share Umesh Kumar Sharma 7 Aug 2020 · 8 min read बाल उद्यमी बिज्जू मेरी चचेरी बहन का लड़का बिज्जू(विजय) बचपन में ही हमारे यहाँ रहने आ गया था। दीदी जब मायके आयी तो बड़ों ने कहा इसे यहीं रहने दो। यहाँ और भी... Hindi · कहानी 5 10 448 Share Umesh Kumar Sharma 13 Aug 2020 · 9 min read मझली दीदी बचपन में माँ द्वारा दी जाने वाली अक्षरज्ञान की दीक्षा के असफल प्रयासों की हताशा के बाद जब उनकी ये चिंता प्रबल होने लगी कि उनका ये नालायक पुत्र शायद... Hindi · कहानी 5 2 647 Share Umesh Kumar Sharma 26 Aug 2020 · 5 min read स्याही उस वक्त प्राथमिक विद्यालय से उच्च विद्यालय पहुंचने के बीच एक बोर्ड की परीक्षा की दीवार होती थी। उसको फलांगने पर ही उच्च विद्यालय में प्रवेश मिलता था। राज्य स्तर... Hindi · लघु कथा 5 6 568 Share Umesh Kumar Sharma 20 Jul 2019 · 1 min read विरह-१ मेरे बिस्तर के उस हिस्से में जहां तेरा बसेरा था अब वहां बिखरे पड़े हैं तेरे ख्वाब मैंने डाल दी अपनी तन्हाई की चादर इस इजाजत के साथ कि जा... Hindi · कविता 4 2 571 Share Umesh Kumar Sharma 8 Jul 2020 · 1 min read लड़कपन मे प्रथम दृष्टया पड़ोस की छत पर खड़ी दिखी थी तुम, इससे पहले कभी नही देखा था, तो सोचा उनकी रिश्तेदार हो। पहले हमने एक दूसरे को गौर से देखा, फिर आये दिन... Hindi · कविता 4 593 Share Umesh Kumar Sharma 9 Jul 2020 · 1 min read बिस्किट का पैकेट पापा ने अभी घर के सामान का थैला बस रखा ही था कि दो बच्चों ने अपने नन्हे हाथो को थैले मे एक साथ डाल दिया। दोनों का हाथ एक... Hindi · कविता 4 3 393 Share Umesh Kumar Sharma 11 Jul 2020 · 1 min read विरह-६ तेरे खयाल तड़पा गए दिल को चुपके से कहा और वो मचल उठा तेरे खयाल बेसाख़्ता, बेमायने से एक हल्की झलक जिस्म में झुरझुरी और गुज़र गए हाथ हिलाकर तेरे... Hindi · कविता 4 2 384 Share Umesh Kumar Sharma 11 Jul 2020 · 1 min read अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति, मैं तुमसे अक्सर उलझ जाता हूँ। तुम्हे आजादी तो है बेशक है। पर कहीं तो हद होगी। तुम्हारा मुखर होना और मौन रहना फिर यकायक बोल उठना मुझे परेशान... Hindi · कविता 4 6 392 Share Umesh Kumar Sharma 15 Jul 2020 · 1 min read सुलह तुम निःशब्द थे मैं भी चुप रहा रीती आंखों ने फिर बातों का सिलसिला शुरू किया। पहले शिकायतें आयीं। रुकी रहीं कुछ देर। शर्मिंदगी लिपटी रही उनसे, तब जाके वो... Hindi · कविता 4 2 363 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read पहली नज़र कॉलोनी में एक शाम बॉलकोनी की रेलिंग पर हाथ धरे, तुमने जब नाचीज़ को देखने की जहमत उठाई। मेरी नज़र भी सरसरी तौर पर भूगोल और गणित का अध्ययन करती... Hindi · कविता 4 4 238 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 1 min read हिदायतें शादी के कुछ अरसे बाद जब मुझे एक बार आफिस के काम से दूसरे शहर जाना पड़ा,जहां मेरी ससुराल भी थी। दो तीन दिन का प्रोग्राम था, इसलिए मैं अकेले... Hindi · लघु कथा 4 2 406 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read गोधूलि लग्न के फेरे हमारे गांव में एक शादी थी। लड़की वाले बैठा ब्याह(बारात न जाकर, वधु पक्ष जब वर पक्ष के गांव में आकर शादी की सारी रस्म पूरी करता है) करने आये... Hindi · लघु कथा 4 4 401 Share Umesh Kumar Sharma 17 Jul 2020 · 2 min read ताश के पत्ते गांव में एक ननकू चाचा थे, जिनकी एक पान की दुकान थी। लोगों का उनकी दुकान के पास जमावड़ा लगा रहता था। गांव से लेकर देश मे क्या हो रहा... Hindi · लघु कथा 4 2 469 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 2 min read ट्रक का नंबर ये वाकया तब का है जब मेरी उम्र मुश्किल से बारह तेरह बरस की थी। हमारे गांव से राष्ट्रीय राजमार्ग NH ३२ गुजरता है। चूंकि हमारा घर मुख्य सड़क से... Hindi · लघु कथा 4 6 340 Share Umesh Kumar Sharma 18 Jul 2020 · 5 min read जुआरियों की बस्ती ये शीर्षक आपको शायद अज़ीब लगे। मेरा गाँव को जुआरियों की बस्ती भी कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। जब से होश संभाला था ताश के पत्तों को पहचानने लगा... Hindi · कहानी 4 5 783 Share Umesh Kumar Sharma 21 Jul 2020 · 1 min read नदी के रूप ये घटना मेरे बड़े भाई साहब की आपबीती है। एक बार संस्कृत के अध्यापक, रामचंद्र जी, कक्षा में आये ,कुछ देर पढ़ाने के बाद अचानक उनकी ओर देख कर बोले,... Hindi · लघु कथा 4 7 489 Share Umesh Kumar Sharma 28 Jul 2020 · 2 min read रेलगाड़ी और गोल आज गांव के मैदान में दूर के एक छोटे से गांव बांदवान की फुटबॉल टीम के साथ मैच था। दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मैदान के पूर्वी छोर... Hindi · लघु कथा 4 6 268 Share Umesh Kumar Sharma 28 Jul 2020 · 1 min read धौंस पहले धौंस की अपनी एक सड़क हुआ करती थी, जो विदेशों से निकल कर महानगरों मे पहुँच कर नगरों, शहरों, कस्बों से होती हुई खीझती हुई गांवों के पक्के मकानों... Hindi · कविता 4 7 456 Share Umesh Kumar Sharma 30 Jul 2020 · 2 min read नशा आज हीरा और बुधिया एक साल बाद गांव लौटे थे। दोनों पास के शहर में कोयले की खदान में मजदूरी करते थे। दोनों को तनख्वाह के अलावा तीन महीने का... Hindi · लघु कथा 4 5 272 Share Umesh Kumar Sharma 8 Aug 2020 · 7 min read अमूल्य बाबू अमूल्य बाबू अपने आप में एक शिक्षा संस्थान थे। गांव से निकले अधिकांश होनहार छात्र उनके मार्गदर्शन और ट्यूशन क्लास से होकर ही किसी न किसी वक़्त में गुज़रे ही... Hindi · कहानी 4 6 988 Share Umesh Kumar Sharma 17 Aug 2020 · 5 min read शिव कुमारी भाग ४ मुझे जहाँ तक याद आ रहा है, दादी से मेरी पहली औपचारिक बात चीत मुझे जब चेचक निकली थी तब शुरू हुई थी। उस वक़्त मेरी उम्र तीन चार वर्ष... Hindi · कहानी 4 4 294 Share Umesh Kumar Sharma 17 Aug 2020 · 2 min read बेटी के घर का पानी पुरानी मान्यता थी कि एक बार जिस घर बेटी ब्याह दी , फिर उस घर का पानी भी नहीं पिया जाता था। इसके पीछे का तर्क तो नहीं मालूम, कुछ... Hindi · लघु कथा 4 4 487 Share Umesh Kumar Sharma 21 Aug 2020 · 4 min read शिव कुमारी भाग ८ दादी ने कभी घड़ी नही पहनी। घड़ी पहन भी लेती तो भी उसमे लिखे अंक और संकेत वो समझ नही पाती। फिर भी समय की सुई उनके मस्तिष्क मे निरंतर... Hindi · कहानी 4 2 512 Share Umesh Kumar Sharma 24 Aug 2020 · 7 min read विजय भैया विजय भैया उर्फ बिज्जू भैया, बचपन में हमारे घर पर रहे। मेरी ताईजी उनकी बुआ लगती थी। मामाजी ने जमशेदपुर से हमारे यहां पढ़ने भेजा था। ये भी मजेदार बात... Hindi · कहानी 4 522 Share Page 1 Next