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5 Jul 2020 · 1 min read

शब्द

शब्द
कतार मे बैठे थे,

मैं उस जानिब गुजरा
तो हर एक ने
इशारा किया,
कि

ये कहो!!

इस तरह कहो!!

और मुझको ही कहो!!!

कुछ जो,
भारी भरकम से थे
रौब जमाते हुए
बोले

“हमारे रहते हुए कहीं और
जाने की जरूरत है क्या?”

मैंने मुस्कुराते हुए कहा ,

आपकी बात यकीनन
सही होगी!!

थोड़ा वक्त दीजिये
जरा सोचों से मशवरा
करलूं।

आखिर उन्हें भी तो ,
आईने मे
सूरत देखकर

कबूल है, कबूल है

कहने का हक़ हासिल है!!!!

Language: Hindi
5 Likes · 2 Comments · 416 Views
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