Comments (5)
11 Jul 2020 08:57 PM
बहुत खूब शाश्वत सत्य
Umesh Kumar Sharma
Author
11 Jul 2020 09:04 PM
मतलब, व्यथा सार्वजनिक है,???
11 Jul 2020 08:20 PM
सुंदर व्यंगात्मक प्रस्तुति।
धन्यवाद !
Umesh Kumar Sharma
Author
11 Jul 2020 08:26 PM
आपका शुक्रिया इन शब्दों के लिए
उत्तम रचना जी. आप मेरी रचना ‘मौसम ने ली अंगड़ाई’ पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य साझा करें जी.